अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़; मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल नीति में नकद पुरुस्कार एवं रोजगार का प्रावधान किया गया है। ऑलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को छह करोड़ रुपये, एशियन खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 3 करोड़ रुपये तथा कॉमन वेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी को डेढ़ करोड़ रुपये के ईनाम राशि का प्रावधान किया गया है। ऑलम्पिक खेलों में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को 15 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है ताकि खिलाड़ी प्रदेश के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन कर सकें।मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज रोहतक के महर्षि दयानंद विश्व विद्यालय के स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में एमेच्योर कबडडी एसोसिएशन हरियाणा द्वारा आयोजित चार दिवसीय 46वीं जूनियर नेशनल कबड्डी प्रतियोगिता के समापन्न अवसर पर बतौर मुख्यातिथि उपस्थित खिलाडियों को संबोधित कर रहे थे। इस प्रतियोगिता में लड़कियों के फाईनल मुकाबले में हरियाणा की टीम ने भारतीय खेल प्राधिकरण की टीम को कांटे के मुकाबले में 28-19 से हराया। मुख्यमंत्री ने हरियाणा की लड़कियों की कबड्डी टीम को विजेता बनने पर शुभकामनाएं दी।
इससे पूर्व उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों के अलावा लड़कियों की फाईनल मुकाबले की दोनों टीमों तथा लडकों की फाईनल मुकाबले की दोनों टीमों उत्तर प्रदेश एवं भारतीय खेल प्राधिकरण के खिलाडियों का परिचय प्राप्त किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रतियोगिता में 29 प्रांतों के अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण सहित 30 टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में लगभग 900 खिलाडियों एवं पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इस चार दिवसीय प्रतियोगिता का शुभारंभ हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री एवं वर्तमान गृह मंत्री अनिल विज ने प्रदेश के खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह के साथ 13 फरवरी को किया था। खेल राज्य मंत्री स्वयं उच्चकोटी के खिलाड़ी रहे है तथा स्वर्ण पदक विजेता रहें है। उन्होंने कहा कि कबड्डी खेल हमारा प्राचीन खेल है तथा इसकी उत्पत्ति दक्षिण भारत से हुई। देश में कबड्डी को विभिन्न नामों से जाना जाता है। कबड्डी खेल उनका प्रिय खेल रहा है तथा वे बचपन में कबड्डी खेलते थे। वर्तमान में कबड्डी में काफी बदलाव हुआ है तथा आजकल आधुनिक युग में मैट पर कबड्डी खेली जाती है। कबड्डी से मिलकर मुकाबला करने की भावना व साहस खिलाडियों में आता है। इससे टीम भावना के साथ-साथ सामने वाली टीम को प्रास्त करने के होसले के साथ-साथ साथी खिलाडियों को भी प्रेरणा देने की भावना पैदा होती है। वर्तमान में कबड्डी खेल समय के हिसाब से खेला जाता है जबकि प्राचीन समय में यह खेल सांस के आधार पर खेला जाता था। उन्होंने इस अवसर पर द्रोणाचार्य व अर्जुन अवार्डी खिलाडियों को भी सम्मानित किया। एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री को पगड़ी व बैज लगाकर सम्मानित किया।
हरियाणा के पूर्व परिवहन मंत्री एवं एमेच्योर कबड्डी एसोसिएशन हरियाणा के प्रधान कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि चार दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता के आयोजन का जिम्मा हरियाणा को प्राप्त होना गौरव का विषय है। खिलाडियों को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाई गई। हरियाणा प्रदेश प्राचीन समय से ही खेलों में अग्रणी रहा है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों के लिए नकद राशि एवं रोजगार का प्रावधान भी किया। ऑलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को छह करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपये तथा कास्य पदक विजेता को अढ़ाई करोड़ रुपये के नकद ईनाम के साथ-साथ हरियाणा सिविल सेवा अथवा हरियाणा पुलिस सेवा में नौकरी देने का प्रावधान भी खेल नीति में किया गया है। श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने गांवों में व्यायाम शालाएं ,स्टेडियम व खेल नर्सरियां भी स्थापित की है। प्रदेश में सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से खेलों के प्रति लोगों की सोच बदली है तथा वे शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को खेलों की ओर भी प्रोत्साहित कर रहे है। सरकार द्वारा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग व हरियाणा लोक सेवा आयोग ने भी खिलाडियों को आरक्षण का लाभ दिया जाता है। प्रत्येक वर्ष प्रदेश में एक करोड़ रुपये ईनाम राशि की कबड्डी व कुश्ती प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जाती है।