अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: अपराध शाखा ,पालम विहार ने एक ऐसे अपराधी को गिरफ्तार किया हैं जिस पर लूट, बैंक लूट, डकैती, बम्ब बनाने के 14 मुकदमें दर्ज हैं। आरोपी के कब्जे से पुलिस ने एक देशी कट्टा व एक जिन्दा कारतूस बरामद किए हैं। पकडे गए इस शातिर अपराधी पर एक लाख 25 हजार रूपए का ईनाम दिल्ली व बिहार पुलिस ने रखा हुआ हैं। आरोपी शख्स के खिलाफ डीएलएफ फेस -1 थाने में आर्म एक्ट के तहत केस दर्ज किया हैं। आज पुलिस ने आरोपी को अदालत के सम्मुख पेश किया जहां से अदालत ने उसे जेल भेज दिया। यह खुलासा आज एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने सीपी ऑफिस के कॉन्फ्रेन्स हॉल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किए हैं।
एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अपराध शाखा, पालम विहार के प्रभारी बिजेंद्र हुड्डा को एक गुप्त सूचना मिली कि एक शख्स के पास एक देशी कट्टा और कारतूस हैं,जो बिल्कुल अवैध हैं और वह शख्स किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के फ़िराक में हैं। इसके बाद अपराध शाखा ,पालम विहार के प्रभारी बिजेंद्र हुड्डा ने एक टीम गठित की और उस अपराधी को पकड़ने के लिए भेज दिया। उनका कहना हैं कि उनकी टीम ने मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान क्रिस्टल चौक ,गुरुग्राम पहुंच पर अपना जाल बिछा दिया। इसके थोड़ी देर के बाद मुखबिर द्वारा बताए हुलिए वाला शख्स आता हुआ दिखाई दिया जैसे ही वह शख्स नजदीक पहुंचा तो उनकी टीम ने उसे चारों तरफ से घेर लिया और उसे दबोच लिया।
उनका कहना हैं कि जब उनकी टीम ने उस शख्स की तलाशी तो उसके कब्जे से एक नाजायज देशी कट्टा और एक कारतूस बरामद किया गया। पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम अहमद रजा सिद्धकी उर्फ जावेद निवासी गांव विन्देखलपुरा,थाना बहादुपुर, जिला दरभंगा,बिहार हाल निवासी गांव वाराटोल,थाना साहरघाट, जिला मधुबनी, बिहार, उम्र 45 वर्ष बताया हैं। इसके बाद पकड़े गए अपराधी अहमद रजा सिद्धकी उर्फ जावेद के खिलाफ डीएलएफ फेस -1 थाने,गुरुग्राम में आर्म एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद पुलिस टीम ने जो उससे पूछताछ की तो उसने सनसनी खेज खुलासा किया। उसने पुलिस को बताया कि दिल्ली पुलिस ने एक लाख व बिहार पुलिस ने 25 हजार रूपए का ईनाम रखे हुए हैं। उसने यह भी बताया कि उसपर कुल डकैती, लूटपाट व बम्ब बनाने के कुल 14 मुकदमें दर्ज हैं जिसमें दिल्ली में 10 मुकदमें और बिहार के मधुबनी में दो मुकदमें व दरभंगा में दो मुकदमें दर्ज हैं। उनका कहना हैं कि उनकी टीम को उसने बताया कि 9 मुकदमें उसके गलत नाम से दर्ज हैं जिस पर वह जमानत पर हैं। और कई मुकदमें में वह अदालत से अद्घोषित अपराधी (पीओ) घोषित हैं। एक केस में अदालत से उसे 10 साल का सजा हो चुका हैं और बीते 27 महीने पहले वह दरभंगा जेल में बंद था।