अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:लॉकडाउन के दौरान मोटी रकम लेकर दो एम्बुलेंस में 12 मजदूरों को बिहार ले जाते हुए को बुधवार की रात को बादशाह पुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। कागज़ मांगने पर पुलिस को एम्बुलेंस के चालकों ने फर्जी कागजात दिखा दिए। इस प्रकरण में पुलिस ने दो एम्बुलेंस के चालकों व मालिकों सहित कुल 16 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया हैं। यह खुलासा आज एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किए हैं। आज सभी आरोपितों को अदालत के सम्मुख पेश किया गया जहां से सभी आरोपितों को जेल भेज दिया गया। आप स्वंय इस खबर में प्रकाशित वीडियो में देख और सुन सकते हैं।
एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बुधवार रात को थाना बादशाहपुर पुलिस को चैकिंग व लॉकडाऊन के दौरान ड्युटी सोहना रोड वाटिका चौक नाका पर मौजूद थी और आने-जाने वाले वाहनों को सख्त नाकाबन्दी करके चैकिंग की जा रही थी. चैंकिग के दौरान 2 एम्बुलेंस गुरुग्राम की तरफ से नाका की तरफ आती हुई दिखाई दी तो एम्बुलेंस में काफी लोग बैठे होने के कारण पुलिस टीम द्वारा दोनों एम्बुलेंसों को साईड मे लगवाकर एम्बुलेंस के चालकों से पूछा की तो उन्होनें पुलिस को बताया कि वे वैदिक हस्पताल, गुरुग्राम से मरीज लाए है उनके साथ उनके परिजन है तो पुलिस द्वारा मरीजो के कागजात मांगे तो उन्होने HAZSON HOSPITAL A-25 BADDED HOSPITAL,गुरुग्राम के कागजात पुलिस को दिखाए । पुलिस टीम द्वारा हस्पताल के लैटर पैड पर दिए गए हस्पताल के फोन नम्बर पर सम्पर्क किया जो किसी अन्य राज्य में लगा और दुसरा फोन नम्बर बन्द मिला। जब पुलिस टीम द्वारा एम्बुलेंस चालकों से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने बतलाया कि उनके पास फर्जी कागजात है और ये कागजात उसके के मालिक संजय ने मिलकर वैदिक हस्पताल के डाक्टर से तैयार करवाए थे।
ये लॉकडाऊन होने के कारण 7000 रुपये प्रति सवारी के हिसाब से छोडने के लिए बुक करके गोपाल गंज,बिहार के लिए 2 लड़कों अखिलेश पाण्डे निवासी मठिया रसुलपुर कुरैना, पश्चिम चम्पारण,बिहार हाल किराएदार खाण्डसा गांव,जिला गुरुग्राम व दूसरा मरीज प्रभुराम निवासी जगदीशपुर किरन पुर ,जिला पुर्वी चम्पारण,बिहार हाल निवासी अंजना कालोनी गांव खांडसा, जिला गुरुग्राम को मरीज बनाकर व पट्टी और ड्रीप इत्यादि लगाकर एम्बुलेंस में बैठाया साथ और 8 लोगों को उन मरीजों के परिजन बनाकर एम्बुलेंस में बैठाया था। एम्बुलेंस में बैठे लोगों ने,एम्बुलेंस मालिक,एम्बुलेंस चालकों व वैदिक हस्पताल गुरुग्राम के डाक्टर ने फर्जी कागजात तैयार करवा कर और हरियाणा सरकार द्वारा कोविड-19 (करोना वायरस) संक्रमण के दौरान लॉक डाऊन के आदेशों की अवेहलना करना पाया गया।
उनका कहना हैं कि आरोपितों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि ये गुरुग्राम में प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं तथा लोकडाऊन होने के कारण ख़ाली बैठे थे तथा अपने पैतृक निवास जाने की सोच रहे थे लेकिन साधन ना चलने के कारण यहीं पर थे। इसी दौरान वैदिक होस्पिटल के मैनेजर डाक्टर सुरेश ने अपने घर जाने वाले लोगों के साथ सम्पर्क किया और उन्हें घर छोङकर आने के लिए उन से 7 हजार रुपये प्रति सवारी मांगे। डाक्टर सुरेश ने एम्बुलेंस मालिक व एम्बुलेंस परिचालकों को उन लोगों के फर्जी दस्तावेज तैयार करके दिए। एम्बुलेंस का मालिक व चालकों ने उन सभी 10 लोगों को एम्बुलेंस में बैठाया और उन्हें छोङने के लिए बिहार निकले ही थे कि गुरुग्राम पुलिस ने सभी को पकड़ लिया।