अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
सावन के दस्तक के साथ ही नोएडा में झमाझम बारिश का दौर जारी है, सावन की जो झड़ी लगी है उससे नोएडावासियों को भीषण गर्मी और उमस से राहत दिलाई है. वही तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है, मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगले एक सप्ताह तक बारिश का यह दौर यूं ही जारी रहने का अनुमान है. बारिश ने नोएडावासियों को सुकून दिया है, वही तेज बारिश और हरियाणा के हथिनी कुंड से पानी छोड़े के कारण यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ने लगा है, जिसको लेकर यमुना के किनारे रहने किसान को अपनी फसल बर्बाद होने की चिंता सता रही है.
सावन की जो झड़ी लगी है उसके कारण नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर की आबोहवा बदली-बदली से नजर आ रही है रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश से पेड़ पौधों से धूल की परत हट गई है, तो हरियाली आंखों को सुकून दे रही है. और लोग वायु प्रदूषण कम होने के कारण खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं. शहर के पर्यावरण को भी बारिश का वरदान मिला है और वर्षों बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स का ग्राफ 50 से नीचे पहुंचा है. जहां एक तरफ बारिश ने नोएडावासियों को सुकून दिया है
वही तेज बारिश के कारण यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ने लगा है इसके अलावा हरियाणा के हथिनी कुंड से 40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. यह पानी जिले में पहुंचने लगा है. इसको लेकर यमुना के किनारे बसे गांव में दहशत का माहौल है. जेवर के झुप्पा बॉर्डर, कानीगढ़ी, गोविंदगढ़, महेंदीपुर, छातंगा, जेवर खादर, सिरसा मांचीपुर, रामपुर बांगर की सीमा पर बने बांध को ठीक करने के लिए मजदूरों को लगाया गया है, ताकि हथनीकुंड से छोड़ा गया पानी गांवों में न घुस सके।
यमुना के किनारे रहने किसानों का कहना है कि हथिनी कुंड से छोड़े जाने वाले पानी से हर वर्ष सीमावर्ती गांव में हजारों बीघा फसल जलमग्न हो जाती हैं. सबसे ज्यादा नुक्सान, धान, ज्वार, बाजरा आदि फसलो को होता है. इससे किसानों के सामने पशुओं के चारे का संकट भी पैदा हो जाता है हालांकि अभी बाढ़ को लेकर प्रशासन की ओर से कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है. लेकिन इसके बावजूद भी लोग दहशत में है किसान को अपनी फसल बर्बाद होने की चिंता सता रही है.
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