अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दक्षिण पूर्वी जिले के थाना न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी की टीम ने आज एक ज्वेलर्स से 4 लाख रूपए बदमाशों को अरेस्ट किया हैं। अरेस्ट किए गए तीनों अपराधियों का नाम अनवर उर्फ़ ओमेश, अंकित उर्फ़ गोलू और आसिम हैं। इनके अरेस्ट होने के बाद पुलिस ने 3 मुकदमे को सुलझाए गए हैं। इनके कब्जे से रंगदारी के लिए इस्तेमाल किए गए 4 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
पुलिस के मुताबिक गत 13.09.2021 को, रविंदर वर्मा ने अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए थाना न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में आकर एक लिखित शिकायत दी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रवि ज्वैलर्स के नाम से एक आभूषण की दुकान हैं जिस के वह मालिक हैं। गत 11.09.21 को उनके पास 901924xxxx नंबर से रंगदारी की कॉल आई जिसमें फोन करने वाले ने उनसे 4 लाख रूपए की मांग की और धमकी दी कि अगर चौबीस घंटे में पैसा नहीं दिया गया तो वे उसे मार देंगे। शिकायतकर्ता ने उक्त नंबर को ब्लॉक कर दिया। उसके बाद फोन करने वाला जान से मारने की धमकी के मैसेज भेजता रहता है। तदनुसार, थाना न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में प्राथमिकी संख्या- 304/2021, भारतीय दंड संहिता की धारा 387 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की गई।
टीम और जांच:-
अपराध की गंभीरता को भांपते हुए एसआई विष्णु दत्त, सिपाही राम किशन, सिपाही जॉनी, और सिपाही मुकेश सहित एक समर्पित टीम इंस्पेक्टर सुमन कुमार/ एसएचओ के नेतृत्व में अवनीश कुमार एसीपी/एनएफसी के देख रेख में दोषियों को पकड़ने के लिए गठन किया गया । टीम ने शिकायतकर्ता की दुकान का दौरा किया जहां उसने खुलासा किया कि 2015 में फिरौती की कॉल के जवाब में, उसने अज्ञात आरोपियों को 4 लाख रुपये दिए थे। क्योंकि वह डर गया था और उसने पुलिस को भी इसकी सूचना नहीं दी थी। दोबारा 2015 में बंदूक की नोक पर उससे लूटपाट की और आरोपित ने जबरन उससे 50000/- नकद रुपये ले लिए। टीम ने फिरौती की कॉलों के साथ-साथ उन संदेशों का विश्लेषण किया जिनमें जबरन वसूली करने वाले ने शिकायतकर्ता को धमकी दी थी। गत 11 और 13 सितंबर 2021 को एक मोबाइल नंबर 901924xxxx से फिरौती की कॉल की गई थी। उक्त मोबाइल नंबर गिरिजेश यादव निवासी बरवा खुर्द जिला-महाराजगंज, यूपी के नाम से पंजीकृत पाया गया था। कई छापेमारी करने के बाद, टीम ने ओखला फेस- III, दिल्ली से गिरिजेश यादव का पता लगाया, जहां वो मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड में बढ़ई के रूप में काम कर रहा था। कथित की जांच की गई जिसने कहा कि उसका मोबाइल फोन बीते 17 जुलाई -2021 को चोरी हो गया था। कई सीडीआर की तकनीकी निगरानी और विश्लेषण पर, यह देखा गया कि गिरिजेश के चोरी हुए मोबाइल फोन का सिम 19.08.2021 को एक एलवाईएफ मोबाइल फोन में डाला गया था। लेकिन कोई कॉल नहीं की गई। उसके बाद गत 4 सितंबर 2021 को उक्त सिम को एक इनफोकस कंपनी के मोबाइल फोन में डाल दिया गया और गत 11 व 13 सितंबर 2021 को शिकायतकर्ता को रंगदारी की कॉल की गई। टीम ने दोनों मोबाइलों की आईएमईआई को सर्विलांस पर लगा दिया। सीडीआर विश्लेषण में पाया गया कि उक्त मोबाइल फोन का उपयोग पहले एक मोबाइल नंबर 966795xxxx द्वारा 14.11.2020 को केवल डेढ़ घंटे के लिए किया था। हालांकि उस वक्त कोई खास कॉल नहीं की गई थी। स्वामित्व विवरण प्राप्त करने के बाद, उक्त मोबाइल नंबर श्रीमती रेशमा निवासी तिगरी, दिल्ली के नाम से पंजीकृत पाया गया। कनेक्टेड नंबरों का विश्लेषण करने के बाद, एक मोबाइल नंबर 88XXXX1969 जो श्रीमती रेशमा भाई फिरोज के पास पंजीकृत था। उसमें एक सुराग था कि एक लैंडलाइन नंबर यानी 112852xxxx से कई इनकमिंग कॉल प्राप्त हुए थे। जांच करने पर पता चला कि नंबर तिहाड़ जेल नंबर-4 का है। टीम ने रेशमा के परिवार के सदस्यों से पूछताछ की और यह पता चला कि रेशमा का दूसरा भाई अफरोज उर्फ़ चेधा, थाना मालवीय नगर के एक हत्या मामले की प्राथमिकी संख्या -187/2017 में पैरोल पर है। वह तिहाड़ जेल नंबर-4 में बंद था। लेकिन, विस्तार से पूछताछ के बावजूद, परिवार के सभी सदस्य नवंबर 2020 में इस्तेमाल किए गए इनफोकस मोबाइल फोन के बारे में याद करने में असमर्थ थे।टीम ने आगे कई सीडीआर का विश्लेषण किया और पाया कि 03.11.2020 को केवल एक मिनट के लिए रिलायंस एलवाईएफ मोबाइल फोन में एक सिम नंबर 93XXXX2011 डाला गया था। उसके बाद मार्च 2021 से उक्त मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया गया था। उक्त मोबाइल नंबरों के सीडीआर प्राप्त करने के बाद यह पता चला कि तिहाड़ जेल नंबर-4 के एक ही लैंडलाइन नंबर से विभिन्न इनकमिंग कॉल उस नंबर पर प्राप्त हुई थीं। तकनीकी निगरानी के आधार पर टीम एक व्यक्ति अनीश उर्फ़ मिथू ,निवासी राज नगर पार्ट-2, पालम कॉलोनी, दिल्ली तक पहुंची, जो एक दूसरे की हत्या के मामले में तिहाड़ जेल नंबर-4 में भी बंद था। दिनांक 7/2017 थाना सदर बाजार, दिल्ली और वर्तमान में पैरोल पर था। पूछताछ करने पर, अनीश उर्फ़ मिठू और अफरोज उर्फ़ चेड्ढा से जवाबी पूछताछ की गई और उन्होंने एक-दूसरे की पहचान की। इसके अलावा, उन्होंने खुलासा किया कि उनके एक दोस्त अंकित निवासी इस्माइलपुर, फरीदाबाद ने उनसे उक्त इनफोकस मोबाइल फोन दिया था।
पहली गिरफ्तारी :अंकित
टीम ने अंकित के ठिकाने पर छापेमारी की और आखिरकार उसे अपोलो अस्पताल, सरिता विहार के पास से दबोच लिया। आरोपी व्यक्ति की पहचान अंकित उर्फ़ गोलू, निवासी रोशन नगर, इस्माइलपुर, फरीदाबाद उम्र-24 वर्ष के रूप में हुई है। लगातार पूछताछ के बाद उसने खुलासा किया कि उसने वह मोबाइल फोन और सिम अपने दोस्त अनवर निवासी बटला हाउस को 2,500/- रुपये में दिया था।
दूसरी गिरफ्तारी : अनवर@ओमेश
आरोपी अंकित के कहने पर टीम ने अनवर उर्फ़ ओमेश, निवासी बटला हाउस, जामिया नगर, ओखला को उसके परिसर से गिरफ्तार किया। विवरण की जांच के बाद, यह पता चला कि अनवर 22 जुलाई 2021 से पैरोल पर है। उसके पास से जबरन वसूली के लिए इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
तीसरी गिरफ्तारी :आसिम
आरोपी अनवर के कहने पर उसके सह आरोपी मित्र आसिम, निवासी जाकिर नगर, जामिया उम्र-26 को उसके आवास से गिरफ्तार किया गया. इनकी गिरफ्तारी के साथ ही चार मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
पूछताछ:-
लगातार पूछताछ के बाद, आरोपी अनवर उर्फ़ ओमेश और असीम ने खुलासा किया कि उन्हें अंकित उर्फ़ गोलू से उक्त मोबाइल फोन लिया था। उन्होंने उक्त जबरन वसूली मामले में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया। उन्होंने उक्त मोबाइल फोन और चोरी की सिम से फिरौती के साथ-साथ शिकायतकर्ता को मैसेज भी किए। उन्होंने आगे खुलासा किया कि उन्होंने 2015 में शिकायतकर्ता को लूट लिया था जब वह अपने गहने की दुकान से अपने घर लौट रहा था। उन्होंने दोबारा शिकायतकर्ता से 2015 में ही 4 लाख जबरन वसूली की। उन्होंने आगे खुलासा किया कि, उन्होंने 2016 में एनडीएमसी के एक कानून अधिकारी की हत्या कर दी थी और 2016 में उन्हें उसे गिरफ्तार किया गया था। तब से, वे तिहाड़ जेल नंबर -4 में बंद थे। दिनांक 22.07.2021 को उनके पैरोल के बाद, उन्होंने फिर से शिकायतकर्ता से जबरन वसूली की योजना बनाई, क्योंकि उसे ड्रग्स की अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए पैसे की सख्त जरूरत थी। लगातार पूछताछ के बाद आरोपी अंकित उर्फ़ गोलू ने खुलासा किया कि उसके पास आजीविका कमाने के लिए कोई काम नहीं है। उसने उक्त मोबाइल फोन अनीश उर्फ़ मिठू से लिया, जिनसे वह तिहाड़ जेल में मिला था जब उसे एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और तिहाड़ जेल नंब-र 4 भेज दिया गया था। उसने उक्त मोबाइल फोन और सिम आरोपी अनवर को 2,500/- रुपये में बेच दिया। शराब की अपनी तलाश को पूरा करने के लिए रुपये की जरूरत है।