अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:जेल से बाहर आने के बाद अवैध रूप से शराब बेचने लगा,जब शराब बेचने से मना किया तो दोनों के बीच विवाद हो गया ,बदला लेने के फिराक में रहने लगा। एक दिन जब राजेश फड्डा एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गया, तो तरुण थापा और उसके साथी शादी के पंडाल के बाहर राजेश का निकलने का इंतजार किया। जैसे ही वह पंडाल के बाहर आया तरुण थापा और उसके अन्य साथियों ने उस पर लाठी -डंडे से पीटने लगे, और जान से मारने की नियत से गोली चलाई पर वह गोली पीड़ित राजेश फड्डा को नहीं लगी , और बच गया। इस संबंध में पीएस रणहौला , दिल्ली में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया। अब आरोपित आयुष को गिरफ्तार किया गया है, शूटर है , और कुख्यात विक्की गैंग का सदस्य है। इसके पास से पुलिस ने अपराध में प्रयुक्त एक अत्याधुनिक 7.65 एमएम पी बर्राटा पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए है।
घटना:
डीसीपी क्राइम, सतीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना तब शुरू हुई जब हाल ही में जेल से छूटे विक्की टक्कर गिरोह के सदस्य तरुण थापा ने दास गार्डन में अवैध शराब बेचना शुरू कर दिया। स्थानीय निवासी राजेश फड्डा ने तरूण की अवैध गतिविधियों को रोका तो उससे विवाद हो गया। तरुण ने बदला लेने की कोशिश की और राजेश को मारने की योजना बनाकर उसका पीछा करना शुरू कर दिया। दिनांक 17 नवंबर, 2024 को, तरुण को अपने चचेरे भाई अमित नेपाली से पता चला कि राजेश मीठापुर में एक शादी में शामिल होगा।
इसके बाद तरुण ने हत्या को अंजाम देने के लिए आयुष, रवि उर्फ गोलू और अन्य सहित अपने गिरोह के साथ समन्वय किया। उन्होंने खुद को लोहे की छड़ों और पिस्तौल (आयुष द्वारा लाई गई) से लैस किया। रात करीब 11:30 बजे राजेश शादी से चला गया और गिरोह मोहल्ला क्लीनिक के पास इंतजार कर अपनी योजना को अंजाम देने के लिए तैयार हो गया। जैसे ही राजेश घर जाने के लिए वहां से गुजरा, उन्होंने उस पर रॉड से हमला कर दिया और आयुष ने उस पर गोली चला दी। हालांकि, गोली मिस हो गई और राजेश बच गया। हमले के बाद गिरोह मौके से भाग गया। दिनांक 18 नवंबर, 2024 को एफआईआर संख्या 0789/2024 के तहत मामला दर्ज किया गया और गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। दानिश और लव के साथ आयुष भी फरार रहा। बाद में आयुष और दानिश उत्तर प्रदेश के हरदोई भाग गए।
सूचना टीम एंव संचालन:
उनका कहना है कि दिल्ली पुलिस की एजीएस अपराध शाखा की एक टीम विभिन्न आपराधिक गिरोहों से जुड़े प्रमुख गिरोह के सदस्यों और निशानेबाजों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही थी। उनकी गतिविधियों के बारे में विश्वस्त सूत्रों से लगातार एवं विश्वसनीय जानकारी मिलती रही।इस जानकारी को और अधिक परिष्कृत और सत्यापित करने के लिए, अतिरिक्त स्रोतों को रणनीतिक रूप से तैनात किया गया था, और व्यापक तकनीकी निगरानी स्थापित की गई थी। इन गिरोह के सदस्यों और शूटरों के ठिकाने पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए दिल्ली एजीएस अपराध शाखा टीम के सदस्यों को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कई स्थानों पर तैनात किया गया था। इस खुफिया जानकारी के जवाब में, इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम, जिसमें एसआई अगम, मुकेश, बृज लाल, एएसआई नरेंद्र, सरेंडर, एचसी विनोद, श्याम सुंदर, मिंटू, दीपक, पप्पू, धर्मराज और कांस्टेबल धीरज शामिल थे, एसीपी नरेश कुमार की निगरानी में अधोहस्ताक्षरी द्वारा गठित की गई थी। विक्की उर्फ़ टक्कर गिरोह से जुड़ा एक शूटर, टीम के अथक प्रयास तब सफल हुए, जब गत 6/1/2025 को उन्हें आयुष नाम के एक वांछित शूटर के बारे में कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी मिली, जो पीएस रणहौला में हत्या के प्रयास के मामले में शामिल था और विक्की उर्फ़ टक्कर गिरोह से जुड़ा था। द्वारका मोड़ गंदा नाला रोड, नई दिल्ली की ओर जाने वाली ओल्ड कांकरोली रोड पर एक जाल बिछाया गया था। आरोपित को चोरी की अपाचे मोटरसाइकिल चलाते हुए पकड़ा गया। थोड़ी देर तक पीछा करने और संघर्ष करने के बाद, छापेमारी दल ने संदिग्ध को सफलतापूर्वक काबू कर लिया। पूछताछ करने पर आरोपित की पहचान मोहन गार्डन निवासी 21 वर्षीय आयुष के रूप में हुई। तलाशी लेने पर एक अत्याधुनिक पी. बैराटा पिस्तौल, एक मैगजीन और तीन जिंदा कारतूस मिले। परिणामस्वरूप, पीएस अपराध शाखा, दिल्ली में शस्त्र अधिनियम की धारा 25/54/59 के तहत एफआईआर संख्या 07/25, दिनांक 07.01.2025 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके अतिरिक्त, आयुष द्वारा इस्तेमाल की गई अपाचे मोटरसाइकिल चोरी की पाई गई, जिसकी चोरी ई-एफआईआर संख्या 040014/2024, धारा 303 (2) बीएनएस के तहत पीएस तिलक नगर, दिल्ली में दर्ज की गई थी।
आगे की जांच:
पूछताछ के दौरान आयुष ने बताया कि हमले के बाद वह और दानिश बिहार के समस्तीपुर में छिपे हुए थे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि दो दिन पहले नीरज बवाना गिरोह के सदस्यों ने आयुष के भाई आर्यन के साथ मारपीट की थी. जवाबी कार्रवाई में आयुष ने नीरज गिरोह के आशीष उर्फ चिंटू को खत्म करने की योजना बनाई।
अभियुक्त का प्रोफ़ाइल:
आयुष का जन्म दिल्ली के उत्तम नगर में हुआ था। उनके पिता का 2014 में निधन हो गया था और उनकी मां एक ब्यूटी पार्लर में काम करती हैं। धूम्रपान, शराब और आपराधिक संगति के कारण आयुष की परवरिश परेशानी भरी रही। वह विक्की टक्कर के गिरोह से जुड़े तरुण थापा, दानिश और सलीम जैसे गिरोह के सदस्यों में शामिल हो गया। आयुष एक सक्रिय शूटर था और उसके पास अक्सर अवैध आग्नेयास्त्र रहता था। राजेश फड्डा के साथ तरूण के विवाद के बाद उसकी आपराधिक गतिविधियां बढ़ गई, जिसकी परिणति हत्या की साजिश में हुई। अपनी हिंसक पृष्ठभूमि के बावजूद, आयुष राजेश की जान लेने से चूक गया और उसकी संलिप्तता की जांच जारी है।
आरोपित आयुष की पिछली संलिप्तता
कानून पुलिस स्टेशन का एसएनओ फिर नो अनुभाग
1 12/24 307/120 बी/34 आईपीसी एनडब्ल्यू 25/27 आर्म्स एक्ट मोहन गार्डन
2. 17/24 25 आर्म्स एक्ट मोहन गार्डन
3. 309/24 333/351(3)/3(5) बीएनएस आर/डब्ल्यू 25/27 आर्म्स एक्ट द्वारका नॉर्थ
4. 229/24 25 आर्म्स एक्ट मोहन गार्डन
5. 789/24 109(1)/3(5) BNS r/w 25/27 आर्म्स एक्ट रणहौला
6. 07/24 25 आर्म्स एक्ट क्राईम ब्रांच
7. 040014/24 303(2) बीएनएस तिलक नगर
बरामदगी
1. एक अत्याधुनिक पिस्तौल 7.65 MM P BARRATA, साथ में तीन जिंदा कारतूस।
2. अपराध में प्रयुक्त एक चोरी की अपाची मोटरसाइकिल।
मामले सुलझे
1. केस एफआईआर नं. 0789/2024 दिनांक 18/11/2024 धारा 109(1)/ 190/191(2)(3)/ 3(5) बीएनएस आर/डब्ल्यू 25/27 आर्म्स एक्ट पीएस रनहोला के तहत
2. केस ई-एफआईआर नंबर 040014/2024 दिनांक 26.12.2024 धारा 303(2) बीएनएस पीएस तिलक नगर दिल्ली के तहत।
3. केस एफआईआर संख्या 07/25 दिनांक 07.01.2025 धारा 25/54/59 आर्म्स एक्ट, पीएस क्राइम ब्रांच, दिल्ली के तहत।
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