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एसआईटी ने माना लखीमपुर किसान नरसंहार “सुनियोजित योजना से किया गया” फिर गृह राज्यमंत्री को पीएम क्यों बचा रहे हैं-प्रियंका

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य:लखीमपुर किसान नरसंहार के 2 महीने बाद जाँच कर रही एसआईटी का कहना है कि गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे एवं अन्य आरोपियों ने “आपराधिक कृत्य लापरवाही एवं उपेक्षा से नहीं, बल्कि जानबूझकर पूर्व सुनियोजित योजना के अनुसार जान से मारने के नियत से किया था।“ इस मामले में किसानों ने शुरुआत से ही ये बात कही कि गृह राज्यमंत्री के बेटे ने साज़िश करके इस घटना को अंजाम दिया था। उच्चतम न्यायालय ने भी घटना की “निष्पक्ष और गहन जाँच” सुनिश्चित कराने को लेकर चिंता ज़ाहिर की थी एवं जाँच की “धीमी गति एवं जाँच के तरीक़े” पर अप्रसन्नता व्यक्त की थी।

एसआईटी ने माना लखीमपुर किसान नरसंहार “सुनियोजित योजना से किया गया,” फिर गृह राज्यमंत्री को प्रधानमंत्री और गृहमंत्री क्यों बचा रहे है

पीड़ित परिवार और हम सत्याग्रह कर रहे लोग पहले दिन से माँग कर रहे हैं कि गृह राज्यमंत्री की बर्ख़ास्तगी हो। क्योंकि घटनास्थल पर मौजूद लोगों एवं पीड़ित परिवारों का साफ़-साफ़ कहना था कि पूरी साज़िश करके हिंसा की गई और किसानों को कुचला गया। हालाँकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, गृह मंत्री अमित शाह जी एवं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपनी किसान विरोधी मानसिकता का खुला प्रदर्शन करते हुए गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के साथ मंच शेयर किया एवं उनको सरंक्षण दिया। वे अभी तक अपने पद पर बने हुए हैं और उनके ख़िलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि इन्हीं अजय मिश्रा टेनी ने हत्याकांड से कुछ दिन पहले किसानों को मंच से धमकी देते हुए सबक सिखाने की बात कही थी।

गृह राज्यमंत्री को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर लखीमपुर किसान नरसंहार में उनकी भूमिका की जाँच हो

अगर एसआईटी खुद भी कह रही है कि, “आपराधिक कृत्य को जानबूझकर पूर्व सुनियोजित योजना के अनुसार जान से मारने के नियत से किया गया था”, तब ये जाँच होनी चाहिए कि इस साज़िश में गृह राज्यमंत्री की क्या भूमिका थी? यह भी जाँचयोग्य विषय है कि मोदी जी की सरकार एवं योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने अबतक गृह राज्यमंत्री को संरक्षण क्यों दिया और इस दिशा में जाँच क्यों नहीं की? मोदी जी किसानों को आपकी खोखली बातें नहीं सुननी हैं। प्रधानमंत्री होने के नाते उनके प्रति आपकी संवैधानिक और नैतिक ज़िम्मेदारी है कि आप उन्हें न्याय दिलवाएँ। लखीमपुर किसान नरसंहार की साज़िश में गृह राज्यमंत्री की भूमिका की जाँच अविलम्ब शुरू करवाइये एवं उन्हें तुरंत बर्खास्त करिए।

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