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हरियाणा

प्रदेश सरकार औद्योगिक इकाइयों के समक्ष आने वाली सभी चिंताओं को दूर करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, मुख्य सचिव

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार औद्योगिक इकाइयों के समक्ष आने वाली सभी चिंताओं को दूर करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और औद्योगिक संगठनों को साथ मिल कर कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लडऩी है। उन्होंने कहा कि जैसा कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव से दुनिया भर के देशों में औद्योगिक गति विधियां एक सीमा तक रूक गई हैं, जिसके कारण उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में तेज गिरावट आई है। अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव को रोकने के लिए राज्य को कदम उठाने होंगे और अब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में उद्योग की बड़ी भूमिका है।        

मुख्य सचिव ने आज यहां कोविड-19 की स्थिति के बारे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। बैठक में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई), एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैएम), पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स, नैसकॉम, एमएसएमई एसोसिएशन फरीदाबाद, आईएमटी वेल्फेयर एसोसिएशन मानेसर, चैंबर्स ऑफ इंडस्ट्रीज ऑफ उद्योग विहार गुरुग्राम, कुंडली, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री,  चैंबर्स ऑफ इंडस्ट्रीज रेवाड़ी आदि के प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया। बैठक के दौरान उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी. वी. एस.एन. प्रसाद ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने औद्योगिक इकाइयों के लिए काफी रियायतें दी हैं। जिन बिजली उपभोक्ताओं का स्थायी शुल्क 40 हजार है उनको 10 हजार तक की या 25 प्रतिशत जो भी कम हो, छूट दी जाएगी। इसके अलावा, जिनका स्थायी शुल्क 40 हजार से ऊपर है उन्हें 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी , शेष 75 प्रतिशत तय शुल्क जुलाई से दिसंबर 2020 तक छह समान किस्तों में लिया जाएगा। हालांकि, यह उन उद्योगों पर लागू होता है, जिनकी मार्च और अप्रैल 2020 में बिजली की खपत जनवारी और फरवरी माह की खपत की 50 प्रतिशत तक या उससे कम है।

यह सभी एचटी और एलटी,गैर-घरेलू उपभोक्ताओं और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए लागू है, जिनका भार 20 किलोवाट से अधिक है। इसके अलावा ,उद्योगपतियों को फ्रोजन पीरियड, ऋण अधिस्थगन इत्यादि विषयों के बारे में भी बताया गया। उद्योग से संबंधित सोशल मीडिया पर प्रसारित अफवाहों जैसे कि यदि कोई कोविड-19 मामला उनके उद्योग परिसर में पाया जाता है तो उस इकाई के खिलाफ दंडात्मक र्कारवाई की जाएगी, यह स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह अफवाहें पूरी तरह निराधार हैं, ऐसे मामले में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी। मुख्य सचिव ने प्रतिनिधियों के सभी सुझावों को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके सभी विषयों और सुझावों पर विचार-विमर्श किया जाएगा ताकि उनमें से अधिकांश को लागू करने की संभावनाएं तलाशी जा सकें। मुख्य सचिव ने एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से अपनी इकाइयों में मानक संचालन प्रक्रिया और सोशल डिस्टेंसिंग के मान दंडों का बारीकी से अनुपालन करने का आग्रह किया ताकि कोविड-19 संक्रमण श्रृंखला तोडऩा सुनिश्चित किया जा सके। बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी. वी. एस. एन. प्रसाद, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव  अनुराग रस्तोगी,श्रम विभाग के प्रधान सचिव  विनीत गर्ग, हरियाणा औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम के प्रबंध निदेशक अनुराग अग्रवाल, श्रम आयुक्त, पंकज अग्रवाल, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के निदेशक  साकेत कुमार उपस्थित थे।

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