अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की पानी पर हो रही राजनीति पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पानी पर राजनीति कर रहे किसी को भी दिल्ली की पानी से कोई लेना देना नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा जिस सिस्टम को 70 साल में खराब किया गया है,उसे पांच साल में बहुत हद तक ठीक किया गया है। बाकि समस्या को भी जल्द ठीक कर दिया जाएगा। दिल्ली में पानी की समस्या को काफी हद तक ठीक किया गया है। फिर भी कुछ इलाकों में थोड़ी समस्या रह गई है, जिसे ठीक किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि मुझे पानी पर हो रही राजनीति में नहीं पड़ना है, मेरा मकसद दिल्ली के लोगों को साफ पानी देना है। मैं सिर्फ इसी काम में लगा हूं। जिन्हें राजनीति करनी है, वह स्वतंत्र हैं। मैं जनसेवा के लिए राजनीति में आया हूं, अंतिम दिन तक उसी काम में लगा रहूंगा।
किसी को पानी की समस्या है तो मुझे बताए, मैं ठीक करा दूंगा:-
सीएम केजरीवाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा हमारी सरकार बनी थी तो 2300 इलाकों में गंदे पानी की समस्या थी। अब सिर्फ 125 इलाकें हैं, जहां गंदे पानी की समस्या है। इसपर काम चल रहा है। हमारी सरकार बनने के वक्त दिल्ली के 58 फीसद जगहों पर ही पानी की पाइपलाइन थी। अब 93 फीसद दिल्ली में पानी की पाइपलाइन बिछ चुकी है। जल्द ही बाकि बचें इलाकों में पानी की समस्या दूर कर ली जाएगी। अगर अभी भी कहीं पानी खराब आ रहा है तो मुझे बताइए,मैं ठीक कराऊंगा। 70 साल की समस्या को 5 साल में पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता – सीएम केजरीवाल सीएम ने कहा कि सीएम ने कहा हम यह दावा नहीं कर रहे हैं कि दिल्ली में सभी समस्याओं का हल हो गया है। पिछले 70 वर्षों में विभिन्न सरकारों ने दिल्ली की पानी की व्यवस्था को ख़राब किया था। 70 साल की ख़राबी को सिर्फ़ पाँच साल में ठीक नहीं किया जा सकता। हम लोगों ने पिछले पांच वर्षों में विभिन्न सुविधाएं प्रदान की हैं। कई कॉलोनियों में दिल्ली सरकार ने नई पानी की पाइपलाइनें बिछाईं। कई कॉलोनियों में सीवर लाइनें बिछाई गई। दिल्ली में पीने के पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
मीडिया छानबीन में सामने आ चुका है BIS रिपोर्ट का फर्जीवाड़ा दिल्ली में पानी की गुणवत्ता पर राजनीति करने के लिए जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। जिसका पर्दाफाश मीडिया छानबीन से हो गया था। मीडिया छानबीन से पता चला कि केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान के मंत्रालय की ओर से जारी पानी सैंपल की सूची में एक नाम बुराड़ी के दीपक कुमार राँय का है। दीपक का कहना है कि मैं कुछ दिनों पहले ही बुराड़ी में आया हूं। लिस्ट में मेरा नाम है। मोबाइल नंबर है, लेकिन मैंने कभी पानी की शिकायत नहीं की। मेरे यहां जल बोर्ड का पानी भी ठीक आता है। मेरे यहां से पानी का कोई सैंपल कभी नहीं लिया गया। मीडिया छानबीन में यह भी बताया गया है कि केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से जारी लिस्ट में एक नाम पूजा शर्मा का है। जिनके पति मनोज शर्मा रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा में उपाध्यक्ष है। इसके अलावा एक नमूना रामविलास पासवान के घर का था। एक नमूना उनके दफ्तर का भी था। साथ ही यह भी पता चला कि पानी सैंपल भरने के लिए विशेषज्ञों की टीम नहीं गई जबकि पार्टी कार्यकर्ताओं ने सैंपल लिए। इससे सैंपलिंग पर भी सवाल खड़ा हुआ।
हालांकि डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार दस हजार की जनसंख्या पर एक नमूना एकत्र किया जाना चाहिए। इस लिहाज से कम से कम दिल्ली में 2000 नमूने लेने चाहिए थे। दिल्ली जल बोर्ड की ओर से दिल्ली में विभिन्न स्थानों से हर रोज 500 नमूने लिए जाते है। 01 जनवरी और 24 सितंबर 2019 को दिल्ली जल बोर्ड ने 155302 नमूने एकत्र किए। उनमें से केवल 2222 नमूने यानि सिर्फ 1.43 प्रतिशत ही असफल रहे। अक्टूबर में फिर से दिल्ली जल बोर्ड ने 16502 नमूने एकत्र किए, जिनमें से केवल 3.98 प्रतिशि नमूने (658) फेल हुए। जबकि 96.02 प्रतिशत (15844) पास हुए। डब्ल्यूएचओ के मानदंडों के अनुसार पानी का नमूना फेल होने की स्वीकार्य सीमा 5 प्रतिशत है। दिल्ली का प्रदर्शन इस मानदंडों के अंदर ही आता है। केंद्रीय जल मंत्री पहले भी रामविलास पासवान के दिल्ली के पानी पर दिए बयान को बता चुके हैं निजी राय यह कोई पहली बार नहीं है जब दिल्ली के पानी पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का झूठ बेनकाब हुआ है। इससे पहले भी रामविलास पासवान ने दिल्ली के पानी पर सवाल उठाए थें। उस दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रामविलास पासवान के बयान को उनकी निजी राय बता दिया था। यही नहीं, केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 26 सितंबर 2019 को बताया था कि दिल्ली का पानी यूरोपीय शहरों से बेहतर है। 6 अक्टूबर को दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी केंद्रीय जल मंत्री के बयान का समर्थन किया था। केंद्रीय जल मंत्री ने दिल्ली में 20 जगहों से लिए गए पानी के नमूने की रिपोर्ट के आधार पर अपनी बात कही थी।