अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:थाना साइबर क्राइम पूर्व की टीम ने आज फर्जी सिम उपलब्ध कराने के मामले में दो लोगों को अरेस्ट किया हैं। फर्जी सिम के जरिए ऑन लाइन कैब कराने के नाम 60000 रूपए ठगी करने का एक मामला सामने आया था। पुलिस ने इनके कब्जे से दो मोबाइल फोन, 2 सिम एक्टिव करने वाली मशीन व 1 फ्लेक्सी सिम कार्ड बरामद किए हैं। अरेस्ट आरोपितों के नाम नीलेश रैकवार , उम्र 27 वर्ष , व रविंद्र पटेल , उम्र 38 वर्ष हैं।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार दिनांक 28.09.2022 को एक ऑनलाइन शिकायत पुलिस थाना साइबर अपराध पूर्व,गुरुग्राम में प्राप्त हुई जिसमें शिकायतकर्ता ने अज्ञात व्यक्ति द्वारा ऑन लाइन कैब बुक करने के नाम पर धोखाधड़ी करके लगभग 60000-रुपयों की ठगी करने के बारे में बतलाया। इस शिकायत पर मुकदमा नंबर-64, दिनांक 31.10.2022, भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 120B, 204 आईपीसी के तहत दर्ज किया गया। उनका कहना हैं कि पुलिस थाना साइबर अपराध पूर्व, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए उपरोक्त मुकदमा की वारदात को अंजाम देने में प्रयोग किए गए सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले 2 आरोपितों को गत 17 फ़रवरी 2023 को जबलपुर, मध्य-प्रदेश से अरेस्ट किया गया। अरेस्ट आरोपितों के नाम *नीलेश रैकवार (उम्र 27 वर्ष) व रविन्द्र पटेल (उम्र 38 वर्ष)* हैं। आरोपितों को गत 18 फ़रवरी 2023 को अदालत के सम्मुख पेश करके 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया।
उनका कहना हैं कि पुलिस रिमांड के दौरान आरोपितों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि आरोपितों नीलेश उपरोक्त छतरी लगाकर व अन्य तरीके से सिम बेचने का काम करता है और यह जब किसी अनपढ़ या गरीब लोगों की सिम देता है तो उस समय उस व्यक्ति के नाम से उस के साथ अन्य और फर्जी सिम चालू कर लेता था। उस फर्जी चालू सिम को आगे यह अपने साथी रवीन्द्र पटेल उपरोक्त को 500 रूपये मे बेच देता था। आरोपित रवीन्द्र पटेल उपरोक्त उन फर्जी चालू सीमों को आगे अपने अन्य साथियों को बेच देता, इस प्रकार से ये सिमकार्ड साईबर ठगों तक पहुँच जाते और साईबर ठग इन सिमकार्डो के माध्यम से लोगों के साथ ठगी करते। उपरोक्त मुकदमा की ठगी में भी उपरोक्त आरोपितों द्वारा ही सिम उपलब्ध कराई गई थी।
पुलिस टीम द्वारा *आरोपितों के कब्जा से 2 मोबाईल फोन,2 सिम कार्ड चालू करने वाली मशीन व 1 लापु (फ्लेक्सी) सिम कार्ड बरामद* किया गया है। आरोपितों को आज न्यायालय के सम्मुख पेश किया जाएगा। मुकदमा अनुसंधान अधीन है।
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