अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: एनआईटी अपराध शाखा के टीम द्वारा बड़खल गांव के हरिजन बस्ती एक घर में घुस कर एक शख्स से हाथापाई की, जिसके कारण उसकी मौत हो गई,मरने वाले शख्स का नाम खलील हैं, और वह दिल का मरीज हैं और उसकी लगभग एक हफ्ते पूर्व में ऑपरेशन भी हुआ था, अपराध शाखा के विरोध में बड़खल गांव के हरिजन बस्ती लोगों की भीड़ एकत्रित हैं। ये घटना आज तड़के साढ़े तीन बजे की हैं। ये कहना हैं मृतक खलील के बेटे तारीफ खान की।
इस मामले में डीसीपी क्राइम जयवीर राठी का कहना है कि एक मोटर साईकिल चोर को एनआईटी अपराध शाखा ने पकड़ा रखा हैं, उसने ही पूछताछ में बताया था कि बड़खल गांव, हरिजन बस्ती निवासी खलील का बेटा तारीफ खान उसके साथ मिला हुआ हैं, वह प्रत्येक चोरी के मोटर साईकिल के 2000 रूपए उससे लेता हैं। वह लोग अक्सर उसके घर पर आता -जाता रहता हैं। इसी सिलसिले में एनआईटी अपराध शाखा की टीम ने खलील के बेटे को पकड़ने के लिए आज तड़के लगभग साढ़े तीन बजे उसके घर गई थी। वहां पर खलील के साथ उनकी टीम की कोई हाथापाई नहीं हुई,मृतक खलील के बेटे तारीफ खान जो एनआईटी अपराध शाखा पर हाथापाई करने का जो गंभीर आरोप लगा रहा हैं, वह बिल्कुल गलत और बेबुनियाद हैं। इसके अतिरिक्त एसीपी क्राइम अनिल यादव का कहना है कि एनआईटी अपराध शाखा पर तारीफ खान ने जो गंभीर आरोप लगाए हैं, बिल्कुल गलत हैं 100 प्रतिशत गलत है। खलील की मौत किसी और कारण से हुई हैं। तारीफ खान का कहना हैं कि वह बड़खल गांव , हरिजन बस्ती में रहता हैं, उसके पिता खलील की लगभग एक हफ्ते पहले ही दिल का ऑपरेशन हुआ था और वह अपने बैड पर लेटे हुए थे। आज तड़ के लगभग साढ़े तीन बजे एनआईटी अपराध शाखा की टीम उसके घर में घुस आई और उसके पिता खलील के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की की, उसके घर वाले बार- बार उन्हें कहते रहे की उनका दिल का ऑपरेशन हुआ पड़ा हैं, उनके साथ धक्का मुक्की मत करो ,पर वह लोग नहीं माने और धक्का मुक्की करते रहे। और उसके पिता खलील की मौत हो गई। पूछने पर उसने बताया कि एनआईटी अपराध शाखा ने वाहन चोरी के एक मामले में एक आरोपित को पकड़ रखा हैं, उसी कहने पर एनआईटी अपराध शाखा की टीम उसके घर आई थी, उससे उनका कोई लेना देना नहीं हैं,ये लोग कभी कभी उसके घर आ जाते हैं, तो उसे चाय -पानी पूछ लेते हैं,सिर्फ इतनी सी बात हैं। उसने यह भी बताया कि उसके पिता खलील के मौत के बाद बस्ती के लोग यहां इकठ्ठे हुए पड़े हैं , उसने पुलिस कंट्रोल में 100 और 112 नंबर पर भी फोन किया पर कोई पुलिस वाला उसकी बातों को सुनने नहीं आया, वो लोग ये कहते हैं कि उस बस्ती में गढ्ढे हुए पड़े हैं और बारिश का पानी भरा हुआ हैं। इस वजह से वह लोग घटना स्थल पर नहीं आ सकते हैं, उल्टा कहते तुम्हीं लोग उनके बताएं स्थान पर आ जाओं। उससे ये भी पूछा गया कि अब क्या चाहते हैं तो उसने कहा कि वह इंसाफ चाहते हैं और ये इंसाफ उन्हें पुलिस के बड़े अधिकारी ही उसे दे सकतें हैं।
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