अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली, अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जा रहे किसानों को दमनपूर्वक रोके जाने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल को किसानों के खिलाफ क्रूरता, बर्बरता, दमन और दंशकाल के रूप में जाना जाएगा। किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद किसानों से बात करें और उन्हें न्याय दें।किसानों को रोके जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि आज भाजपा की केंद्र सरकार तथा हरियाणा-राजस्थान-उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों ने देश की राजधानी दिल्ली को एक पुलिस छावनी में तब्दील कर रखा है, जैसे कि किसी दुश्मन ने दिल्ली की सत्ता पर हमला बोल दिया हो। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों पर हर जगह चौतरफा ज़ुल्म का आलम है। अन्नदाता किसान की न्याय की हुंकार से डरी मोदी सरकार एक बार फिर सौ साल पहले अंग्रेजों द्वारा दमनकारी 1917 के बिहार के चंपारण किसान आंदोलन, 1918 के गुजरात के खेड़ा किसान आंदोलन, 1920-21 के अवध के किसान आंदोलन के दमनकारी नीतियों की याद दिला रही है।
सुरजेवाला ने कहा कि दिल्ली की सत्ता में बैठे क्रूर और अहंकारी सत्ताधारियों से कांग्रेस के सवाल हैं कि क्या देश के अन्नदाता न्याय मांगने दिल्ली नहीं आ सकते। क्या सरकार मानती है कि किसान दिल्ली की सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं। देश के अन्नदाता प्रधानमंत्री और देश की सरकार से न्याय न मांगे, तो कहां जाएं। जब किसान आंदोलन पूरी तरह शांतिप्रिय है तो फिर किसान की राह में कीलें और कंटीली तारें क्यों। क्या मोदी सरकार को देश की मिट्टी का दर्द और आत्महत्या करते अन्नदाताओं की वेदना सुनाई नहीं देती। सुरजेवाला ने कहा कि जुलाई, 2022 में तीन काले कानून वापस लेने के बाद, मोदी सरकार ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाने का वादा किया था। ये वादा भी किया कि इस देश के 72 करोड़ किसान और खेत मजदूर को कर्ज मुक्ति से राहत दिलाने का रास्ता प्रशस्त करेंगे। ऐसे में किसान मोदी सरकार से इन वादों की गारंटी क्यों न मांगे। सुरजेवाला ने कहा कि यह तो किसानों की लड़ाई का आगाज है। अभी सिर्फ पंजाब और हरियाणा के किसान न्याय मांगने आए हैं। जब पूरे देश के किसान दिल्ली आएंगे तो फिर अंजाम क्या होगा। सुरजेवाला ने कहा कि किसान खेत-मजदूर की परवरिश का सबसे बड़ा हिस्सा शांति और सदाचार होता है। किसान कभी हिंसक नहीं होता, क्योंकि जमीन कभी हमें हिंसक होना सिखाती ही नहीं। उसे मालूम है कि दूसरे का हक लेना नहीं और अपना हक हर हाल में हासिल करना है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किसानों के न्याय की मांग का समर्थन करती है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी जी भी किसान न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। कांग्रेस की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद किसानों से बात करें और उन्हें न्याय दें।
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