अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने प्रदेश भर में सड़कों की बदहाली का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पहली बारिश में ही बदहाल सड़कों ने सरकारी दावों की पोल खोल दी। तस्वीरें साफ बता रही हैं कि सड़क में गड्ढे नहीं हैं, बल्कि गड्ढों में थोड़ी-थोड़ी सड़क नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि BJP-JJP सरकार की नाकामियों के चलते प्रदेशभर की सड़कों का बुरा हाल है। आम जनता हाइवे पर टोल की लूट और सड़कों की टूट-फूट की दोहरी मार झेल रही है। अधिकांश जिलों में सड़कें बुरी तरह जर्जर व खस्ताहाल हो गई हैं, गड्ढों की वजह से वाहन सवार गिरकर चोटिल हो रहे हैं। बारिश के पहले सरकार ने दावा किया था कि इस बार लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन अब बारिश का दौर शुरू हो चुका है और जब तक बारिश चलेगी, तब तक सरकार सड़क न बना पाने का बहाना बनाती रहेगी। यानी एक बार फिर जनसुविधाओं के प्रति सरकार के असंवेदनशील रवैये का खामियाजा आम हरियाणावासियों को भुगतना होगा।
दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा में टूटी हुई सड़कों की हालत सुधारने व सड़कों में पड़े गड्ढों को भरने के नाम पर बड़ा घोटाला होने की आशंका जताते हुए कहा कि टूटी सड़कों की हालत सुधारने व सड़कों में पड़े गड्ढों को भरने के नाम पर प्रदेश सरकार ने 15 सितंबर 2017 को ‘हरपथ’ मोबाइल ऐप की शुरुआत कर गुरुग्राम की एक प्राइवेट कम्पनी को इसका ठेका दिया गया था। इस निजी कंपनी को सरकार हर महीने करोड़ों रुपयों का भुगतान भी करती थी। परंतु ख़बरों से पता चला है कि यह कंपनी फर्जी तरीके से सड़कों के गड्ढे भरने के नाम पर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपयों का चूना लगा रही थी, इस बात का खुलासा कैथल जिले में पीडब्ल्यूडी विभाग ने खुद किया था। इतना ही नहीं, हरियाणा के पीडब्ल्यूडी मंत्री ने भी माना था कि पिछले 7 सालों में पीडब्ल्यूडी विभाग की सड़कों को इस ऐप के साथ लिंक नहीं किया जा सका, जो उनके विभाग का सबसे बड़ा फेलियर रहा।सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि जिस कंपनी को सड़कें गड्ढामुक्त करने का ठेका दिया गया था वो एप पर फर्जी फोटो अपलोड करके गड्ढों को भरा हुआ दिखा कर शिकायत को बंद कर देती थी। इसके चलते असल में तो सड़क के गड्ढे भरते ही नहीं थे और लोग अपनी शिकायत लेकर कार्यालयों के चक्कर काटते रहते थे। सरकार ने इस योजना की घोषणा अपने 2020 के बजट में भी की थी, जो 1 अप्रैल 2020 से लागू हो गई थी। एप की शुरुआत करते समय कहा गया था कि लोगों द्वारा ऐप पर सड़क के गड्ढे से जुड़ी शिकायत को कम्पनी 96 घंटों के भीतर दूर करेगी, यदि ऐसा नहीं हुआ तो कम्पनी पर एक हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाने की बात कही गई थी। इसके साथ ही जो नागरिक टूटी हुई सड़क की फोटो एप पर डालेगा। उसको सरकार की तरफ से प्रोत्साहन के रूप में 100 रुपए की राशि देने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज तक हरियाणा के किसी भी शख्स को ऐप पर टूटी सड़क के गड्ढों की फोटो डालने को लेकर प्रोत्साहन राशि के रूप में एक रुपया भी नहीं मिला। वहीं हरपथ एप बंद होने की कगार पर है और ऐप पर आने वाली शिकायतें सालों से लटकी पड़ी हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी बताया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पूरे देश से भारत जोड़ों यात्री हरियाणा में आए थे उन सभी ने यहाँ की जर्जर सड़कों का जिक्र किया।
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