अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:फरीदाबाद नगर निगम प्रशासन पर सरकार चाहे जितने भी मुकदमे दर्ज हो जाए, नगर निगम अधिकारियों पर चाहे जितना भी मुकदमा दर्ज हो जाए, हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम कितने भी अधिकारी और कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ ले, वावजूद इसके फरीदाबाद नगर निगम प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी कतई सुधरने वाले नहीं हैं। इसका जीता-जागता उदारण दिनों बड़खल मोड़ के नजदीक बुध कालोनी की हैं जहां पर हाल-फ़िलहाल में तीन बड़े -बड़े शेड बन कर तैयार हो रहे हैं, चुके हैं।
और इससे पहले भी कई निर्माण यहां बन चुके हैं,खबर के मुताबिक ये सभी अवैध निर्माण निगम अधिकारियों की मिलीभगत से बनी, बनाई जा रही हैं और बहुत तेजी के साथ बन रही हैं, “अर्थव न्यूज़” द्वारा एनआईटी ज़ोन के संयुक्त आयुक्त गौरव अंतिल को इस बारे में मिलकर सूचना दे दी थी, कि इस बारे में सही जानकारी “अथर्व न्यूज़” को मुहैया कराए, बाकयदा उनके मोबाइल फोन के व्हाट्सअप्प पर एक वीडियो भी भेजी गई थी। पता चला हैं कि ये वार्ड -19 का हिस्सा हैं।
इन सभी जानकारी के लिए उन्हें पूरा समय भी दिया गया था पर आज जब खबर लिखते समय उनसे सही जानकारी लेने के लिए उनके मोबाइल फोन पर दो बार संपर्क किया गया पर उन्होनें एक बार भी अपना फोन नहीं उठाया, ना ही उन्होनें कॉल वापिस करके सही जानकारी दी। सूत्रों से पता चला हैं कि इन सभी अवैध निर्माणों के एवज में नगर निगम अधिकारी एंव अवैध निर्माण कर्ताओं के बीच कोई मोटी रकम की लेनदेन हुई हैं, इसकी सही जांच करना नगर निगम के सबसे वरिष्ठ अधिकारी की हैं,या हरियाणा स्टेट विजिलेंस ब्यूरो, सीएम फ़्लाइंग को हैं, जिन्हें मौखिक रूप से सूचित कर दिया गया हैं, देखते हैं कि इस खबर पर सरकार और जिला प्रशासन कोई कार्रवाई करती भी हैं,
या खामोश हो जाती हैं, आपकों बतादें कि नगर निगम कमिश्नर यशपाल यादव ने कई महीने पूर्व में एक साथ 40 वार्डों में बुल्डोजर चला कर लगभग 71 अवैध निर्माणों तोडा था, इनमें एक ये स्थान भी शामिल हैं जिनमें अवैध बड़े-बड़े शेड बन चुके हैं। ये भी पता चला हैं कि इस कॉलोनी में कई ऐसे प्लाट हैं जिस पर कोर्ट केस भी हैं,ये सब जांच करना सरकार की निष्पक्ष एजेंसी का हैं।
खबर के अनुसार नगर निगम का एक ऐसा ज़ोन भी हैं जिसका एक अधिकारी अवैध निर्माणकर्ताओं से लाखों रूपए की अवैध वसूली के लिए एक वार्ड के एसडीओ और उसकी टीम के साथ अपना एक प्राइवेट आदमी छोड़ा हुआ हैं, जो लाखों रूपए की अवैध वसूली सीधा अपने वरिष्ठ अधिकारी के लिए करता हैं। अब तक लाखों रूपए की अवैध वसूली कर चूका हैं बदनामी का सेहरा एसडीओ को भुगतना पड़ता हैं। इस समय शहर के कोने में धड़ल्ले से अवैध निर्माण चल रहा हैं, जिसे रोकना नगर निगम का काम तो हैं पर वह करते नहीं।
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