अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा में विधानसभा आम चुनाव 2019 के लिए उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा प्रचार-प्रसार करने पर शनिवार 19 अक्तूबर को सायं 6 बजे से प्रतिबंध रहेगा। 6 बजे के बाद से राजनीतिक दल या उम्मीदवार किसी भी प्रकार की बैठक या जनसभाएं नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही, आयोग के निर्देशानुसार चुनाव एजेंट को छोड़ कर,पार्टी से जुड़ें अन्य कार्यकर्ता या नेता और प्रचारक जो संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं,वह उस निर्वाचन क्षेत्र में नहीं रह सकते हैं। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 21अक्तूबर को प्रात: 7.00 बजे से सायं 6.00 बजे तक वोटिंग होगी।हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री अनुराग अग्रवाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के तहत मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की समयावधि के दौरान किसी भी तरह का प्रचार-प्रसार बंद हो जाता है।
उन्होंने बताया कि इस समयावधि में कोई भी उम्मीदवार न तो किसी तरह की जनसभा आयोजित कर सकता है और न ही उसमें शामिल हो सकता है। इस दौरान किसी भी तरह की चुनावी सामग्री को सिनेमाटॉग्राफी, टेलिविजन या अन्य उपकरणों के माध्यम से प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, किसी मतदान क्षेत्र में चुनाव से पहले प्रतिबंध यानी मतदान होने से पहले 48 घंटे की अवधि के दौरान आमजन को आकृषित करने की दृष्टि से म्यूजिक कॉन्सर्ट या थियेटर प्रोग्राम या अन्य मनोरंजक कार्य क्रम के माध्यम से किसी प्रकार का चुनावी प्रचार भी नहीं किया जा सकता। इस समयावधि के दौरान लाउडस्पीकर के प्रयोग पर भी प्रतिबंध रहेगा।इसके अलावा, पोलिंग बूथ के 100 मीटर की परीधि में कोई भी उम्मीदवार या राजनीतिक पार्टी अपना प्रचार नहीं कर सकती है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा धारा 126 उपधारा (1) की उल्लंघना की जाती है तो उस व्यक्ति को 2 साल तक की सजा या जुर्माना लगया जा सकता है या दोनों ही सजाएं दी जा सकती है।उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार सभी मंत्रियों, सांसद और राज्य विधानसभा के सदस्यों के अलावा अन्य राजनीतिक कार्यकरिणी को मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की समयावधि से पहले निर्वाचन क्षेत्र को जल्द से जल्द छोड़ देना चाहिए।
उन्होंने बताया कि उम्मीदवार और उसके चुनाव एजेंट को छोड़ कर, पार्टी से जुड़ें अन्य कार्यकर्ता या नेता और प्रचारक जो निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, वह उस निर्वाचन क्षेत्र में नहीं रह सकते हैं।उन्होंने बताया कि मतदान स्वतंत्र और निष्पक्ष करवाने के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की समयावधि के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के बाहर से आए प्रचारकों, जो उस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं वह उस क्षेत्र में नहीं रह सकते हैं। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने जिला चुनाव प्रशासन/पुलिस प्रशासन को निर्देश दिये हैं कि कल्याण मंडप/सामुदायिक केंद्र इत्यादि का निरीक्षण करें कि कोई बाहरी व्यक्ति इन परिसरों में न हो। इसके अलावा गेस्टहाऊस और सरायों में रहने वालों की सूची पर भी निगरानी रखी जाए। निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं पर नाकाबंदी की जाए और बाहर से आने वाले वाहनों पर नजर रखी जाए। व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह की पहचान की जाए कि वह संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता है या नहीं।