अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा कि सैक्टर 58 थाना पुलिस ने सरकारी नौकरियों में भर्ती कराने वाले साल्वर गैंग का पर्दाफाश किया था। नोएडा के सेक्टर-62 से तीन साल्वर सहित नौ लोग गिरफ्तार किया गया था। इस गैंग के दो सदस्यो को आज पुलिस सेक्टर 62 से गिरफ्तार किया है। ये दोनों दिल्ली और चरखी दादरी में कोचिंग सेंटर चलते है और प्रतियोगी परीक्षाओं में आवेदक की जगह मोटी रकम लेकर साल्वर बैठाकर नौकरी दिलाने वादा करते है इनके पास से कब्जे से वारदात में इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन, मोबाइल पर भेजी गई अलग अलग अभ्यर्थियों के कुल 145 प्रवेश पत्र व मोबाइल फोन चैटिंग प्रिंट आउट बरामद हुए है।
पुलिस कि गिरफ्त में खड़े वजीर सांगवान और पवन यादव उस साल्वर गैंग के सदस्य है जो प्रतियोगी परीक्षाओं में आवेदक की जगह साल्वर बैठाकर नौकरी दिलाने का काम करता है। डीएसपी राजेश एस ने बताया की बीते 6 दिसम्बर को थाना 58 पुलिस ने साल्वर गैंग का पर्दाफाश करते हुए सरगना दिनेश समेत नौ लोगो को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले की तफ़तीश कर रही पुलिस इसी कड़ी में इन दोनों की गिरफ्तारी की है। डीसीपी ने बताया की आरोपी वजीर सांगवान ने पूछताछ के दौरान बताया गया कि वह चरखी दादरी में विवेकानंद कोचिंग सेंटर चलाता है तथा अपने अन्य साथियों की मदद से विभिन्न प्रतियोगिताओं मैं आवेदको की जगह सॉल्वर बैठाकर 10 से 12 लाख रुपए कमाते हैं। इसी प्रकार का कोचिंग सेंटर पवन यादव दिल्ली के नजफगढ़ में एसआरए ऑनलाइन सेंटर चलाता है और सॉल्वर को बैठाकर 10 से 12 लाख रुपए कमाता है ये दोनों साल्वर गैंग सरगना दिनेश से जुड़े हुए है।
डीसीपी ने बताया शुरुआती पूछताछ में यह पता चला है, कि इंडियन आर्मी में कुछ लोगों का सिलेक्शन हुआ है उनका भी मेडिकल एग्जामिनेशन होना बाकी है यह भी पता चला है कि दिल्ली पुलिस भर्ती परीक्षा ने कुछ लोग बैठे हैं जो हरियाणा जहां के रहने वाले हैं। स्टाफ सिलेक्शन कमीशन में यह लोग एग्जामिनेशन दे चुके थे कुछ का रिजल्ट आ चुका है और मेडिकल एग्जामिनेशन के लिए उनकी बेटिंग है हरियाणा पुलिस में भी इनमें से कुछ लोगों का लड़का सिलेक्शन हो चुका है दिल्ली पुलिस में चुने गए 2 लोगों को हम लोग गिरफ्तार कर चुके हैं। डीसीपी का कहना है की हम लोग स्टाफ सिलेक्शन कमीशन को चिट्ठी भेज रहे हैं और दिल्ली पुलिस के एग्जामिनेशन के इंचार्ज को भी चिट्ठी भेज रहे हैं जहां ये लोग सिलेक्ट हुए हैं हर जगह हम लोग चिट्ठी भेजेंगे। जांच में यह पता चला है कि यह साल्वर गैंग आवेदकों से पहले एडवांस में 50 फ़ीसदी रकम ले लेते थे और एग्जामिनेशन में सड़क पर जाने के बाद बाकी पैसा ले लेते हैं अभी तक जो मोबाइल से एविडेंस मिला है अभी उन्हीं लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी। गैंग के सदस्यों की अलग-अलग रिस्पांसिबिलिटी थी। जो पहले पकड़े गए थे जिनमें दिनेश और उनके अन्य साथी वह लोग 2017 से काम कर रहे थे और 70 के आसपास एग्जाम वह दे चुके थे। कुछ लोग सिलेक्ट भी हुए थे, अलग-अलग एग्जामिनेशन से अलग-अलग कैंडिडेट से पैसा लिया जाता था दिया जाता जानकारी के अनुसार डेढ़ से दो करोड़ रुपए यह लोगों ने कैंडिडेट से ले चुके है।