अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली में ये लोग 16 नए कूड़े के पहाड़ बनाने की योजना बना रहे हैं। इससे दिल्लीवासियों का जीना मुश्किल हो जाएगा। हम इसका सख्त विरोध करते हैं। ऐसे में हर इलाके में एक कूड़े का पहाड़ होगा। 24 घंटे बदबू आएगी और दिल्ली कूड़े के पहाड़ों की राजधानी बन जाएगी। दिल्ली आज अपनी शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विश्व भर में जानी जाती है। हम लोग दिल्ली को तिरंगों, झीलों, पार्क और गार्डेन का शहर बना रहे हैं और ये लोग दिल्ली को कूड़े का शहर बना रहे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज कैंप ऑफिस में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में हमने शिक्षा-स्वास्थ्य, बिजली-पानी समेत कई क्षेत्रो में काफी सुधार किए, लेकिन सफाई व्यवस्था बहुत खराब है। मौजूदा तीनों कूड़े के पहाड़ भलस्वा, गाजीपुर व ओखला के आसपास रहने वाले लोगों की जिंदगी नरक है। हमें तो इन कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की आधुनिक तकनीक को लागू करने की कोशिश करनी चाहिए थी, लेकिन ये नहीं किए। हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी इन कूड़े के पहाड़ों की उंचाई कम होने के बजाय प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। अगर देश की राजधानी इस तरफ कूड़ों का शहर बनाया गया, तो इससे दिल्ली समेत पूरे देश के लोग नाराज होंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कैंप ऑफिस में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है। केवल दिल्लीवासी ही नहीं, पूरे देश के लोग चाहते हैं कि दिल्ली एक खूबसूरत शहर हो। दिल्लीवासी चाहते हैं कि दिल्ली शहर सुंदर होगा, तो उन्हें अच्छा लगेगा और अच्छे वातावरण में जी पाएंगे। देशवासी चाहते हैं कि बाहर से कोई आए, तो उनको लगना चाहिए कि अच्छे देश की अच्छी राजधानी में गए हैं। दिल्ली के अंदर हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी समेत कई क्षेत्रो ंमें काफी सुधार किए, लेकिन सफाई व्यवस्था बहुत खराब है। दिल्ली के अंदर चारों तरफ कूड़ा ही कूड़ा है। इसको लेकर सबको शर्म भी आती है कि हमारी दिल्ली इतनी गंदी क्यों है? खासकर ये जो तीन कूड़े के पहाड़ भलस्वा, गाजीपुर और ओखला हैं, इसके आसपास जितनी आबादी रहती है, उसके लिए तो बिल्कुल नरक की जिंदगी है। एक-एक कूड़े के पहाड़ के आसपास कई-कई किलोमीटर तक इन पहाड़ों की बदबू पहुंचती है। चारों तरफ मच्छर मक्खी हैं। इन पहाड़ों पर आग लग जाती है और उसका धुंआ चारों तरफ फैलता है। इससे आसपास रहने वाले के लोगों की जिंदगी नरक बन चुकी है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें इन तीनों पहाड़ों को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए थी और दुनिया के अन्य विकसित देशों में जैसी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की आधुनिक तकनीक को लाकर दिल्ली में लागू करने की कोशिश करनी चाहिए थी, लेकिन यह नहीं किया गया। आज इन तीनों कूड़े के पहाड़ों की स्थिति ऐसी है कि हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी इन पहाड़ों की उंचाई कम होने के बजाय प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अब यह सुनने में आ रहा है कि ये लोग इन तीन पहाड़ों के अलावा 16 जगहों पर नए कूड़े का पहाड़ बनाने का प्लान बना रहे हैं। हम कल्पना कर सकते हैं कि अगर 16 कूड़े के पहाड़ पूरी दिल्ली में जगह-जगह बन गए, तो लगभग सारी दिल्ली के लोग 24 घंटे बदबू का शिकार होंगे। लोगों के घर में 24 घंटे बदबू आएगी। लगभग हर इलाके अंदर एक कूड़े का पहाड़ होगा। 24 घंटे इनसे बदबू आएगा। पूरी दिल्ली में चारों तरफ मच्छर और मक्खी होंगे। चारों तरफ धुंआ ही धुंआ होगा और दिल्ली एक तरफ से कूड़े के पहाड़ों की राजधानी बन जाएगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम लोगों ने एक तरफ पूरी दिल्ली में 500 तिरंगे लगाए। आज दिल्ली तिरंगों का शहर माना जाता है और ये दिल्ली को कूड़ों का शहर बना देंगे। हम दिल्ली के अंदर ढेरों झील बना रहे हैं। बहुत जल्दी दिल्ली झीलों का शहर माना जाएगा। हम दिल्ली के पार्क और गार्डेन को बहुत बड़े स्तर पर विकसित कर रहे हैं। कोई भी दिल्ली में आएगा, तो उसे खूबसूरत पार्क और गार्डेन देखने को मिलेंगे। दिल्ली पार्क और गार्डेन का शहर माना जाएगा और ये दिल्ली को कूड़े का शहर बना रहे हैं। आज दिल्ली अपनी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विश्व भर में मानी जाती है और ये लोग दिल्ली को कूड़े का पहाड़ बनाना चाहते हैं। मैं समझता हूं कि अगर देश की राजधानी को इस तरफ कूड़ों का शहर बनाया गया, तो इससे दिल्ली वासी और देशवासी भी नाराज होंगे। हम इसका सख्त विरोध करते हैं। मैं समझता हूं कि दिल्लीवासी किसी भी हालत में 16 नए कूड़े के पहाड़ कबूल नहीं करेंगे और जो मौजूदा तीनों कूड़े के पहाड़ हैं, वो भी खत्म होने चाहिए। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछली बैठक में इसको लेकर एलजी साहब से मेरी बात हुई थी। मैं उनके पास कूड़े के पहाड़ का पूरा डेटा लेकर गया था। एक कूड़े के पहाड़ पर ढाई हजार टन कूड़ा प्रतिदिन आ रहा है और डेढ़ हजार टन कूड़े की प्रतिदिन प्रोसेसिंग हो रही है। इस तरह वहां पर एक हजार टन कूड़ा प्रतिदिन अलग से बढ़ रहा है। कूड़ा कम होने की बजाय रोज बढ़ रहा है। सीएम ने कहा कि कूड़े के पहाड़ को खत्म करने के लिए एमसीडी ने कितनी मशीने लगाई है या नहीं लगाई है, यह मुझे पता नहीं है, लेकिन अगर नीयत साफ है, तो 21वीं सदी के अंदर इन पहाड़ों से छुटकारा पाना कोई मुश्किल काम नहीं होना चाहिए। पहले ये लोग कहते थे कि इनसे सरकारी स्कूल नहीं चलते हैं, लेकिन हमने सरकारी स्कूल चला कर दिखा दिया। ये कहते थे कि इनसे सरकारी अस्पताल नहीं चलते, इनकी सारी सरकारें हाथ खड़े कर देती हैं, लेकिन हमने सरकारी अस्पताल चला कर दिखा दिया। अगर दिल्ली की जनता हमें एक मौका देगी, तो ये सारे कूड़े के पहाड़ भी खत्म कर देंगे और दिल्ली को एक खूबसूरत शहर बनाएंगे।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments