अगले महीने यानी 1 अप्रैल 2020 से देश के बैंकिंग सेक्टर में बहुत बड़ा बदलाव होने जा रहा है. दरअसल, इस दिन से 10 बड़े बैंकों को मिला कर 4 बैंक बनाए जाएंगे. यानी 6 बैंकों का दूसरे बैंकों में विलय हो जाएगा.इनमें एक विलय इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का होने वाला है. इस विलय के बाद जो नया बैंक अस्तित्व में आएगा उसकी 10 हजार से अधिक ब्रांच खुलेंगी.
इससे पहले दिसंबर 2019 तक इलाहाबाद बैंक का 3.9 लाख करोड़ जबकि इंडियन बैंक 4.5 लाख करोड़ का कुल कारोबार था. वहीं विलय के बाद नया बैंक, 7वां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा.इसके अलावा कर्मचारियों की संख्या 43 हजार के करीब पहुंच जाएगी .इन दो बैंकों के अलावा पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय होगा.पीएनबी की तरह, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय किया जाएगा. जबकि यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा.
जानकारों की मानें तो कमजोर बैंकों का अगर मजबूत बैंकों में विलय होने की स्थिति में ग्राहकों के लिए फायदे का सौदा होता है.मजबूत बैंक खाताधारकों के लिए लंबी अवधि में जमा पर ज्यादा आकर्षक ब्याज दे सकते हैं और कर्ज की दरें भी कम कर सकते हैं.