अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को बादली विधानसभा क्षेत्र के लिबासपुर में नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया। चार मंजिला बनी स्कूल बिल्डिंग में 60 क्लासरूम, 8 लैब, 2 लाइब्रेरी व लिफ्ट समेत सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं, जहां दो हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। अब लिबासपुर, जीवन पार्क, राणा पार्क, भगत सिंह पार्क, संजय कॉलोनी, स्वरूप नगर के बच्चों को 3-4 किमी दूर समयपुर व सीतापुर के सरकारी स्कूलों में पढ़ने नहीं जाना पड़ेगा। स्कूल में छात्र साइंस, कॉमर्स, आर्ट व वोकेशनल विषय की पढ़ाई कर पाएंगे। साथ ही, मुक्केबाजी और कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए भी सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी के अलावा बादली के विधायक अजेश यादव, शिक्षा सचिव अशोक कुमार, शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता मौजूद रहे।
दिल्ली के लिबासपुर गांव में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नई स्कूल बिल्डिंग के उद्घाटन अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो दिल्ली को रोकते रहे और हम दिल्ली के लोगों के लिए काम करते रहे। आज दिल्ली के लिबासपुर गांव में बेहद ही शानदार स्कूल बिल्डिंग की शुरुआत की। ये सरकारी स्कूल किसी भी प्राइवेट स्कूल से बेहतर और शानदार है। मॉडर्न क्लासरूम से लेकर लाइब्रेरी तक आपको आधुनिक और विश्वस्तरीय सुविधाएं देखने को मिलेंगी। हम साफ़ नीयत और लगन से जनता के लिए काम करते हैं। इसलिए तमाम रूकावटों के बाद भी हम लोगों के लिए ये सब कर पाते हैं। हमने सरकारी स्कूलों में शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर और अच्छी शिक्षा की व्यवस्था कर अमीर-गरीब के बीच की खाई को खत्म कर दिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल होता था। स्कूल टैंट में चला करते थे। स्कूल की दीवारें नहीं होती थीं। क्लास में पंखे नहीं होते थे, टॉयलेट और पानी की सुविधाएं भी नहीं होती थी। बच्चे स्कूल में घंटे-दो घंटे रूकते थे और फिर वापस घर चले जाते थे। स्कूल में कोई पढ़ाई भी नहीं होती थी। एक गरीब आदमी बड़ी मजबूरी में अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजता था। दिल्ली में अमीर लोगों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने जाते थे और गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूल में जाते थे। हमारी सरकार ने दिल्ली के अंदर अमीर-गरीब के बीच की खाई खत्म कर दी। अब सरकारी स्कूल भी प्राइवेट स्कूलों की तरह शानदार हो गए हैं। हमारे सरकारी स्कूलों के अच्छे नतीजे आने लगे हैं। अब दिल्ली के लोगों की मर्जी है कि वे अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में भेजें या सरकारी स्कूल में भेजें। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के स्कूलों में पढ़ाई अच्छी हो गई है। दिल्ली के कम से कम 80 फीसद प्राइवेट स्कूलों से ज्यादा अच्छे सरकारी स्कूल हो गए हैं। अब आपको अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजने की जरूरत नहीं है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अच्छी होती है और नतीजे भी अच्छे आते हैं। इसके लिए मैं दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षकों को सलाम करता हूं। प्रधनाचार्यों और शिक्षकों ने बहुत ही शानदार काम किया है। सभी शिक्षकों और प्रधानाचार्यों ने मिलकर सरकारी स्कूलों के अच्छा बनाया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से पहले इन शिक्षकों को गाली दिया जाता था। कहा जाता था कि सरकारी स्कूल के टीचर पढाते नहीं हैं। आलसी हैं और महिला टीचर पेड़ के नीचे बैठ कर स्वेटर बुनती रहती हैं। आज भी वही टीचर हैं, जो पहले थे। हमने किसी टीचर को नहीं बदला। उन्हीं टीचरों ने स्कूलों में परिवर्तन का काम शुरू किया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं केवल अपने मंत्री और विधायकों के साथ मिलकर सरकारी स्कूलों में इतना बड़ा परिवर्तन नहीं ला सकता था। सरकारी स्कूलों को शानदार करने का श्रेय मेरे 60 हजार शिक्षकों को जाता है। इन्होंने मिलकर दिल्ली की शिक्षा क्रांति में कमाल करके दिखाया है। दिल्ली में सिर्फ व्यवस्था बदली और अब ईमानदार सरकार आ गई है। अगर सरकार ईमानदार हो, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक ईमानदार हो तो व्यवस्था बदल जाती है। अब दिल्ली में एक ईमानदार सरकार है, इसलिए सारी व्यवस्था बदल गई है। लिबासपुर में बना यह स्कूल न सिर्फ दिल्ली का सबसे बेहतरीन स्कूल है बल्कि पूरे देश में ऐसा स्कूल नहीं है। मैं इसकी चुनौती दे सकता हूं।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस स्कूल में करीब दो हजार बच्चे पढ़ेंगे। इसी के पास ही एक एडेड स्कूल भी है। राम शरण यादव के प्रयासों से यहां स्कूल बना था। इसके अलावा भी चौधरी राम शरण यादव ने समाज के लिए कई अच्छे काम किए हैं। कई गांवों का मेरे पास प्रस्ताव आया है कि स्कूल का नाम चौधरी राम शरण यादव के नाम पर खा जाए। इस बारे में हमारी सरकार जरूर विचार करेगी।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments