अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली में हर तबके के बच्चों को शानदार शिक्षा देने की श्रृंखला में सोमवार को शिक्षा मंत्री आतिशी ने रिठाला विधानसभा में राणा प्रताप राजकीय सर्वोदय कन्या/बाल विद्यालय की शानदार नई बिल्डिंग का उद्घाटन कर दिल्लीवासियों को समर्पित किया| स्कूल उद्घाटन के अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, रिठाला का ये स्कूल दिल्ली के बेहतरीन स्कूलों में से एक है। इसमें उपलब्ध सुविधाएं इंफ्रास्ट्रक्चर शानदार है जिससे गरीब से गरीब तबके से आने वाले बच्चों के लिए भी विश्वस्तरीय शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। स्कूल उद्घाटन के इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी के साथ स्थानीय विधायक महेंद्र गोयल समेत शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी मौजूद रहे।
रिठाला के राणा प्रताप सर्वोदय कन्या/बाल विद्यालय के नव निर्मित स्कूल भवन के उद्घाटन समारोह में शिक्षा मंत्री का स्वागत दिल्ली सरकार के स्कूलों के एनसीसी बैंड ने किया। शिक्षा मंत्री ने पट्टिका का अनावरण किया और प्रथम तल पर बने नए क्लासरूम और लैब का जायजा लिया| उसके पश्चात तीसरे तल पर बने शानदार वर्ल्ड क्लास लाइब्रेरी का जायजा लिया और अंत में मल्टी पर्पस हॉल में छात्रों को संबोधित किया। इस मौके पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार स्कूल की ये नई बिल्डिंग प्राइवेट स्कूलों से भी शानदार है, जो हर तबके के बच्चों को वर्ल्ड-क्लास शिक्षा देगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में अकसर यह कहा जाता है कि इंसान का भाग्य उसके हाथ की लकीरों में लिखा हुआ है| अगर कोई बच्चा अमीर परिवार में पैदा होता है, जहां पर उसके माता पिता के पास देश के बड़े बड़े महंगी प्राइवेट स्कूलों के फीस देने के पैसे है ऐसे में जब 3 साल के उम्र से उस बच्चे का एडमिशन महंगे प्राइवेट स्कूल में होता है तो उसका भविष्य वही से तय हो जाता है। लेकिन दूसरी ओर कोई गरीब परिवार का बच्चा है जिसके माता-पिता के पास महंगे प्राइवेट स्कूल में एडमिशन करवाने के पैसे नहीं है वो मज़बूरी में सरकारी स्कूल में एडमिशन करवाते है। उन्होंने कहा कि अगर देश भर के सरकारी स्कूल का एजुकेशन का डेटा देखे तो उससे साफ़ होता है कि ज़्यादातर मौकों में अगर बच्चे ने सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया तो वह 12 वीं की पढ़ाई पूरी करने से पहले ड्रापआउट कर जायेगा। शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, हमारे देश की कड़वा सच्चाई यह है कि गरीब का बच्चा गरीब और अमीर का बच्चा अमीर बनता है। उन्होंने ने कहा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व दिल्ली शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया जी ने एक सपना देखा। उनका एक ही विज़न है कि बच्चा चाहे कितना भी गरीब परिवार से आता हो उसे देश की और दुनिया की बेहतरीन शिक्षा मिलनी चाहिये।उन्होंने कहा कि जब 2015 में हमारी सरकार बनने के बाद अरविंद केजरीवाल जी और मनीष सिसोदिया जी मंच से कहा करते थे कि हम दिल्ली के सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूल से भी शानदार बनायेंगे तो लोग हँसा करते थे और पूछते थे कि क्या यह सपना पूरा हो सकता है क्या ? उन्होंने कहा कि 2015 से पहले स्कूलों में घुसते के साथ ही टॉयलेट की बाद्बू आती थी| स्कूल में पर्याप्त क्लास रूम नहीं होते थे और बच्चे बाहर कोरिडोर में बैठते थे| क्लासरूम की खिड़किया,दीवारें और छत टूटी होती थी ,लाइट टूटी होती है| बच्चों के बैठने के लिए डेस्क नहीं होते थे| लेकिन मै दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षाक्रांति के जनक मनीष सिसोदिया जी को साधुवाद देने चाहूंगी। उन्होंने सरकार में शिक्षा को पहली प्राथमिकता बनाई। दिल्ली सरकार को देश की पहली ऐसी सरकार बनाया जो जो हर साल अपने बजट का 25 परसेंट खर्च शिक्षा पर करती है। उद्घाटन के अवसर पर समारोह में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि,इस इलाके में कोई प्राइवेट स्कूल भी इतना शानदार नही होगा जितना शानदार यह सरकारी स्कूल बन कर तैयार हुआ है। उन्होंने कहा कि,पिछले 8 साल में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने से पहले देश के लोगों में सरकारी स्कूल को लेकर एक अलग तरह की अवधारना थी। पहले ऐसे माना जाता था कि जिसके पास भी पैसा है वो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजेगा और उन्हें अच्छी शिक्षा मिलेगी। और जिसके पास पैसा नहीं है वो अपने बच्चों को मज़बूरी में सरकारी स्कूलों में भेजेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि, हर बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले यह सपना इसलिए भी है क्योंकि अगर हम भारत को दुनिया का नंबर 1 देश बनाना चाहते है तो वह तभी संभव है जब हम देश के हर बच्चे को बेहतरीन से बेहतरीन शिक्षा का अवसर दे पाए। उन्होंने कहा कि जितने भी विकसित देशों की बात हम करते है वह सभी ने अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में शानदार शिक्षा के अवसर दिए है। उन्होंने कहा कि जो दिल्ली में शिक्षा क्रांति आयी है ये न सिर्फ बच्चों को बेहतरीन भविष्य दे रही है बल्कि ये भारत को दुनिया का नंबर.1 देश बनाने का एक अहम कदम है| जिसकी नींव श्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने रखी है| उन्होंने कहा कि दिल्ली की शिक्षाक्रांति न सिर्फ बच्चों को सपने देखने का मौका दिया है बल्कि उसे पूरा करने का भी मौका दिया है| आज दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाला बच्चा को गाड़ियों में रूचि है तो वह यह नहीं सोचता की गाड़ी के दुकान में मैकैनिक बनूँगा बल्कि वह यह सपने देखता है कि देश और विदेश की प्रतिष्ठित कार कम्पनी में इंजिनियर बनूँगा, उसका सीईओ बनूँगा। उन्होंने कहा कि 10वीं या 12 वीं की परिणाम को भी देखे तो हमे पता चलता है कि पिछले 6 साल से दिल्ली के सरकारी स्कूल के परिणाम देश भर के प्राइवेट स्कूलों के परिणाम से बेहतर आ रहे है। उन्होंने कहा कि जैसे अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के विज़न के साथ ये बेहतरीन स्कूल मिला है वैसे ही जो बच्चे इस बेहतरीन स्कूल में पढ़ेंगे वो भी देश और समाज के लिए एक बेहतरीन सपना देखे कि हम शिक्षा के माध्यम से कैसे भारत को नंबर. 1 देश बना सकते है। इस मौके पर रिठाला के विधायक मोहिंदर गोयल ने कहा कि, मैं बहुत सौभ्याग्यशाली हूं कि मै अरविंद केजरीवाल व दिल्ली शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया के टीम का हिस्सा हूं। उन्होंने कहा कि जब मैंने अपने क्षेत्र के स्कूल की बदहाल व्यवस्था मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया के सामने रखी तो उन्होंने मुझे विश्वास दिलाया कि बच्चों के लिए जल्द से जल्द एक शानदार स्कूल का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मै मनीष सिसोदिया जी का दिल के गहराइयों से धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनके प्रयास से आज यह आलीशान स्कूल भवन हम सब के बीच तैयार हो चूका है। उन्होंने ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के शिक्षा को लेकर जो विज़न है उससे दिल्ली के माता-पिता की सरकारी स्कूलों के प्रति अवधारणा बदली है। आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों देश और विदेशों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। बहुत सारे राज्य दिल्ली के शिक्षा मॉडल के बारे में जानने के और समझने के लिए यहां आते है। उन्होंने ने कहा कि दिल्ली के माता पिता अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकाल कर सरकारी स्कूलों में दाखिला करवा रहे है और यह हम सभी के लिए गर्व की बात है।
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