अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत आईपीएस के कुशल नेतृत्व में जिला पुलिस ने मतलौडा थाना क्षेत्र के एक गांव के दो डेरों पर हुए सामुहिक दुराचार व एक महिला की मारपीट से हुई मौत के मामले का पटाक्षेप कर दिया है। पुलिस ने इसमें तीन आरोपितों को अरेस्ट करने में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने जिला सचिवालय में स्थित पुलिस विभाग के सभागार में मंगलवार को पत्रकारों के साथ प्रेस वार्ता में पूरे मामले की जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि थाना मतलौडा क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव के दो डेरों पर 20 सितंबर की देर रात को बदमाशों ने एक डेरे पर तीन महिलाओं के साथ सामूहिक दुराचार और लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया गया था। बदमाशों ने इससे पहले एक अन्य डेरे पर लूट की नीयत से महिला और उसके पति के साथ मारपीट की थी। बदमाश वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए थे। इस मामले में एक महिला की मारपीट के बाद अगले दिन मौत हो गई थी। थाना मतलौडा पुलिस ने वारदातों के संबंध में दो अलग अलग मुकदमे दर्ज कर आरोपितों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।
शेखावत ने बताया कि पुलिस की विभिन्न टीमें आरोपितों की धरपकड़ में लगी हुई थी। पुलिस की विभिन्न टीमों ने अलग-अलग पहलुओं पर जांच-पड़ताल शुरू की। जिस दौरान टीम को दो आधार मिले। सबसे पहले पुलिस को पता लगा कि बदमाश 1 बाइक पर सवार होकर आए थे। दूसरा पुलिस को अनेकों धुंधली सीसीटीवी फुटेज मिली। सीआईए की तीनों यूनिटों समेत 10 टीमों ने जांच की। जिस दौरान टीम ने 25 किलोमीटर एरिया के 400 सीसीटीवी कैमरे खंगालते हुए करीब 600 घंटे की फुटेज को स्टोर किया। पुलिस ने अपने सोर्स सिस्टम को एक्टिव किया। जिस दौरान पता लगा कि संदिग्ध बाइक बतरा कॉलोनी की ओर है। पुलिस ने इस सूचना पर बतरा कॉलोनी में तलाश, जांच-पड़ताल, पूछताछ शुरू की।उनका कहना हैं कि इसी बीच सीआईए थ्री के प्रभारी इंस्पेक्टर अंकित को मंगलवार अल सुबह गुप्त सूचना मिली की तीन संदिग्ध किस्म के व्यक्ति गांव सिवाह व दीवाना के नजदीक रेलवे अंडरपास के नजदीक किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में घूम रहे है। पुलिस टीम ने मौके पर दबिश देकर तीन व्यक्तियों को काबू किया। इस दौरान एक व्यक्ति भागने लगा तो वह गिर गया और उसकी टांग टूट गई। पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने थाना मतलौडा क्षेत्र के अंतर्गत डेरों पर लूटपाट व सामूहिक दुराचार की वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। पूछताछ में आरोपितों ने अपनी पहचान जय भगवान निवासी सहारनपुर, यूपी हाल बतरा कॉलोनी, सोनू निवासी मुजफ्फरनगर, यूपी व नवीन निवासी शहजानपुर, यूपी के रूप में बताई। पूछताछ में खुलासा हुआ आरोपित जयभगवान ने गिरोह के तीन अन्य साथियों के साथ मिल कर उक्त दोनों वारदातों को अंजाम दिया व आरोपित नवीन ने रेकी की व सोनू गिरोह में शामिल है।उनका कहना हैं कि मामले में डीएसपी कृष्ण कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर विभिन्न टीमों को जांच में लगाया था। मामला शुरुआत से ही ब्लाइंड था। पुलिस ने शक के आधार पर आसपास के लोगों से पूछताछ की। इसके साथ पुलिस ने खेतों व डेरों से होकर गांव व शहर आने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जांची। उन्होनें ने जांच टीमों के साथ स्वयं आगे चलकर हर पहलुओं को बारीकी से जांचा और टीमों को अलग अलग दिशाओं में कार्य करने के निर्देश दिए। पुलिस की टीमों ने कड़ी मेहनत कर उक्त ब्लाइंड वारदात को सुलझाने में सफलता हासिल की। उनका कहना हैं कि उक्त डेरे पर इसी साल 8 अगस्त को भी कुछ बदमाश आए थे। उस दौरान उन्हें धमकाया गया था। 1200 रुपए और आभूषण लूटे गए थे लेकिन पीड़ित परिवार ने इसकी पुलिस को कोई शिकायत या सूचना नहीं दी थी। उस दौरान भी आरोपित डेरा खाली करने व पुलिस को न बताने की पीड़ित को धमकी दे गए थे। 20 सितंबर की देर रात को भी इसी गिरोह ने वारदात को अंजाम दिया। पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में सामने आया कि पहले वाली वारदात और इस बार वाली वारदात में नवीन नाम का आरोपित शामिल रहा है। बाकी सभी चेहरे अलग हैं। लेकिन गिरोह में सभी काम करते हैं।पुलिस टीम ने गहनता से पूछताछ करने के लिए तीनों आरोपितों को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया जहां से आरोपित जय भगवान व नवीन को 7 दिन के व सोनू को 2 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया। आरोपितों से गहनता से पूछताछ जारी है।उनका कहना हैं कि आरोपितों से पूछताछ में बड़ा खुलासा यह भी हुआ कि वे इसी तरह डेरे पर चोरी, लूटपाट की वारदात को अंजाम देते थे। वहां खासतौर से डेरा खाली करने की धमकी देते थे। ताकि पीड़ित लोग किसी को शिकायत न दे। उनका ध्यान इसी बात पर रहे कि डेरा खाली करवाने के लिए दबंग आए थे। उक्त वारदात में आरोपित दो बार डेरे पर गए थे और दोनों बार डेरा खाली करने की धमकी दी थी। हालांकि आरोपितों का डेरा से कोई संबंध भी नहीं है। वारदात के दौरान आरोपित मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करते थे। इतना ही नहीं, वे पीड़ित लोगों के भी मोबाइल फोन से सिमकार्ड आदि निकाल कर दूर फेंक देते थे।
यह है मामला
थाना मतलौडा में बरेली, यूपी निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत देकर बताया था कि वह मतलौडा क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव के खेतों में बने मछली फार्म पर नौकरी करता है और परिवार सहित वही रहता है। गत 20 सितंबर की देर रात वह पत्नी व बच्चों के साथ सो रहा था। देर रात करीब 12 बजे कमरे पर चार युवक आए। उनके हाथ में तमंचा और तलवार थी। उन्होंने आते ही मेरे व मेरी पत्नी के साथ मारपीट शुरू कर दी और शोर मचाने पर जान से मारने की धमकी दी। आरोपित उसके पजामे की जेब से 5 हजार रूपए, आधार कार्ड व छोटा मोबाइल छीन ले गए। आरोपितों ने जाते हुए मेरी पत्नी के पेट में लात घूंसे मारे। आरोपितों द्वारा मारी गई चोट के कारण मेरी पत्नी की हालत खराब हो गई। अगले दिन 21 सितम्बर को दोपहर में पत्नी की मौत हो गई। थाना मतलौडा पुलिस ने वारदात के संबंध में मुकदमा दर्ज कर आरोपितों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।
इसी प्रकार एक अन्य डेरे पर रहने वाले एक व्यक्ति ने शिकायत में बताया कि वह थाना मतलौडा क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव के खेतों में बने डेरे पर तीन साल से रह रहा है। उसके दो अन्य जानकार भी परिवार सहित इसी डेरे पर रहते है। गत 20 सितम्बर की देर रात चार व्यक्ति खेतों में हमारे डेरे पर आए और आते ही हमारे साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। एक व्यक्ति ने नुकीले हथियार से मेरे सिर में मारने की कोशिश की तो मैने अपना हाथ अड़ा लिया। व्यक्ति ने तेजधार हथियार से अंगुली पर वार किया। एक ने देसी कट्टा दिखाकर हमारे साथ बुरी तरह से मारपीट की । हम तीनों को रस्सी से बांध दिया और चिल्लाने पर जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने तीनों की पत्नीयों से साथ दुराचार किया। भाई की पत्नी की सोने की बाली व 13 हजार रूपए लूट ले गए। थाना मतलौडा पुलिस ने वारदात के संबंध में मुकदमा दर्ज कर आरोपितों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।
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