अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: ट्रैफिक पुलिस में तैनात एक हवलदार को रिश्वत लेते हुए का वीडियो कैद हैं, के नाम पर ब्लैकमेल करने वाले और कार्रवाई से बचने के एवज में उससे एक लाख रुपए कैश लेते हुए रंगे हाथों अपराध शाखा डीएलएफ- IV, गुरुग्राम की टीम ने अरेस्ट किया है। इस आरोपित के पास से एक पुलिस ने एक लाख रुपए नगद व एक स्विफ्ट कार बरामद किया हैं। अरेस्ट किए गए आरोपित का नाम दीपक व सतेंद्र , निवासी बेगमपुर , न्यू दिल्ली व अशोक, निवासी रोहिणी , दिल्ली है, इन तीनों आरोपितों को अरेस्ट किया गया है। ये जानकारी एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने आज अपने कार्यालय के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता में दिए ।
एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि गत 24 मई 2022 को ट्रैफिक विंग में तैनात हवलदार प्रेम सिंह ने थाना सुशांत लोक में शिकायत दी कि गत 21 मई -2022 को एक कार में सवार होकर 3 लड़के बूथ पर आए जिनमें से एक व्यक्ति ने कहा कि चालान ना करने के लिए हवलदार प्रेम सिंह ने रुपए लिए है और उनके पास पैसे लेते हुए की विडियो है, तो जेडओ ने उन्हें वीडियो दिखाने को कहा तो वीडियो में पैसे लेते हुए का कोई वीडियो नहीं है तो वह शख्स जेड़ो के मोबाइल नंबर लेकर चला गया और कहने लगा वह पैसे लेते हुए की वीडियो भेजेगा। उसके बाद उसने एक वीडियो भेजी तो उस वीडियो में भी हवलदार पैसे लेते हुए नहीं दिखाई दिया।
बाद में वह फोन पर नौकरी से निकलवाने, रिश्वत लेने व वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगा और 3 लाख रुपए की डिमांड करने लगा जिसे कम करते हुए उन्होंने 1 लाख रुपए की मांग की। इस सम्बन्ध में थाना सुशांत लोक में मुकदमा दर्ज किया गया।उनका कहना है कि इस मुकदमे में अपराध शाखा DLF Ph-IV, के प्रभारी व निरीक्षक कुलदीप सिंह टीम ने कार्रवाई करते हुए शिकायतकर्ता को उन लोगों को रुपए देने के लिए कहा, और उसके बताए अनुसार गत 25 मई -2022 को सेक्टर- 42/27 चौक, गुरुग्राम के पास से इस मुकदमे में शिकायतकर्ता से 1 लाख रुपए लेते हुए रंगेहाथ दीपक, सतेंद्र निवासी बेगमपुर, न्यू दिल्ली व अशोक निवासी रोहिणी, दिल्ली को दबोच लिया।
उनका कहना हैं कि आरोपितों के पास से पुलिस ने 1 लाख रुपयों की नगदी व 1 कार (स्विफ्ट डिजायर) बरामद किया है। ये टैक्सी का काम करते हैं और इसी कारण ट्रैफिक पुलिस से इनका अक्सर काम पड़ता है। इसीलिए इन्होंने ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों को निशाना बनाने की योजना बनाई। इनके अपराधिक रिकॉर्ड आदि की जानकारी ली जा रही है। आरोपितों को आगामी कार्रवाई के लिए अदालत के सम्मुख पेश किया जाएगा। मुकदमा अनुसंधान अधीन है।
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