अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा: फर्जी डेटाबेस के जरिए फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित बनाकर सरकार के हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे गिरोह दिल्ली व जय पुर के तीन और बड़े कारोबारियों को क्राइम रिस्पांस टीम, एसओजी और कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के बाद दिल्ली और जयपुर से गिरफ्तार किया है.तीनों आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। सेक्टर 20 थाने में पुलिस की गिरफ्त में खड़े यह तीनों लोग मामूली अपराधी नहीं है, इनमें से एक दिल्ली निवासी ऋषभ जैन है, अन्य दो ईस्ट जयपुर निवासी तरुण जिंदल और शुभम जिंदल है. इन लोगों ने करीब 15000 करोड़ के जीएसटी की जालसाजी की थी। डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया तीनों आरोपी फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार के राजस्व को चूना लगा रहे थे. आरोपी फर्जी जीएसटी फॉर्म बनाकर फर्जी इनवॉइस और बिलिंग करते थे।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि तीनों आरोपियों ने फर्जी कंपनियां दिखाकर 350 करोड़ रुपये से अधिक की जालसाजी की है। तीनों पिछले आठ महीने से फरार थे। जांच में इन तीनों आरोपियों का नाम आया था। चार मार्च को जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल कुणाल मेहता से पुलिस पूछताछ में इन तीनों की जानकारी मिली थी। शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि इस साजिश का खुलासा 12 महीने पहले शुरू हुआ जब नोएडा स्थित एक व्यक्ति ने पहचान की चोरी और उसके नाम पर नकली जीएसटी पंजीकरण का मामला दर्ज कराया था.इसके बाद स्थानीय पुलिस ने मई 2023 से इस मामले की जांच शुरू की. इस मामले में अब तक जीएसटी के तहत बड़े-बड़े अपराधियों में से 47 लोगों की गिरफ्तार की जा चुकी है और लगभग 2660 फर्जी तरीके से पंजीकृत फार्मो का पता चला है. कुछ 15300 करोड़ के बिल का उपयोग कर 5300 करोड़ रुपए की नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट तैयार किए गए हैं। इस मामले में पुलिस ने पिछले सप्ताह ही राजौरी गार्डन स्थित डेयरी निर्माता गुड हेल्थ इंडस्ट्रीज के प्रमोटर संजय ढींगरा उनकी पत्नी और बेटे की गिरफ्तारी की थी और उनके पास से कई बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियां बरामद की गई थी। ढींगरा पर आरोप है कि उसने पिछले चार-पांच सालों में फर्जी बिल का इस्तेमाल किया.इससे पहले इस साल मार्च में नोएडा पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने के आरोप में हरियाणा स्थित व्यवसाय अजय शर्मा और संजय जिंदल को दिए गिरफ्तार किया था. इन सभी पर आईपीसी की धारा 420 467 468 और 471 तथा 120 भी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है
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