अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने फर्जी दस्तावेज के साथ तिब्बत के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है. इसे दिल्ली के द्वारका सेक्टर- 3 से हिरासत में लेकर नोएडा ऑफिस में पूछताछ की गई, इसके बाद गिरफ्तार किया गया है. आरोपित नेपाल एवं श्रीलंका में बैठे चायनीज साइबर अपराधियों के संपर्क में था और भारतीय व्यक्तियों के और फर्मों के बैंक खाते अपने परिचित विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराता था. जिसका प्रयोग साइबर क्राइम में किया जा रहा था. आरोपी के पास से फर्जी पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, कंबोडिया देश का सिम और मोबाइल फोन बरामद किया गया है।
यूपी एसटीएफ के गिरफ्त खडा तिब्बत के नागरिक का असली नाम छीन्जों थारचिंन है, जो 2013 में दार्जिलिंग से फर्जी पासपोर्ट चंदा ठाकुर नाम से बनवाया था. छीन्जों थारचिंन ने चीन, मलेशिया, थाईलैंड, दुबई जैसे कई देशों की यात्राएं की. इसी दौरान, वह नेपाल एवं श्रीलंका में बैठे चायनीज के संपर्क में आ गया और भारतीय व्यक्तियों के और फर्मों के बैंक खाते को अपने परिचित विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराने लगा. जिसका प्रयोग ये लोग साइबर क्राइम में कर रहे थे। पूछताछ में लगभग 26 भारतीय बैंक अकाउन्ट प्रकाश में आए हैं जिनके सम्बन्ध में गहन छानबीन की जा रही है। छींजो थाराचिन्न ने 2019 में एक भारतीय बैंक एकाउन्ट, चायनीज को उपलब्ध कराया गया था। उस एकाउन्ट में लगभग साढे चार करोड़ रूपये का ट्रांजेक्शन होने के बाद अकाउंट होल्डर ने दिल्ली के जीटीवी एनक्लेव थाने पर मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें अभियुक्त छीन्जों थारर्चिन जेल गया था और लगभग 9 माह जेल में रहा था। जेल से छूटने के बाद छीन्जों थारचिन की मुलाकात द्वारिका के रहने वाले नंदू उर्फ नरेन्द्र यादव से हुई जिसके साथ मिल कर नेपाल एवं श्रीलंका में बैठे चायनीज हैकरो के लिए काम कर रहा था।
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