अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेहतपुर की जर्जर इमारत को देख एक दिन पहले बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पाराशर ने हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर सवाल उठाया था। सवाल उठाने के अगले दिन शिक्षा मंत्री ने मीडिया को बताया कि हमने सेहतपुर के उस सरकारी स्कूल की मरम्मत के लिए 30 लाख की ग्रांट मंजूर कर दिया है। शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद वकील पाराशर ने उनका आभार जताया है लेकिन पाराशर का कहना है कि शिक्षा मंत्री उन पर कार्यवाही भी करवाएं जिन्होंने स्कूल के निर्माण में घोटाला किया है और घटिया मैटेरियल से उस स्कूल के कमरों का निर्माण करवाया था। वकील पाराशर ने कहा कि उस दौरान स्कूल के निर्माण करने वाले ठेकेदार और इंजीनियर पर कार्यवाही की जाए ताकि शहर में सरकारी निर्माण में कोई घटिया मैटेरियल न लगा सकें। वकील पाराशर ने बताया कि जो पैसा दौरान स्कूल में लगा था वो जनता का पैसा था और उस पैसे को गोलमाल कर स्कूल के कमरों को घटिया मैटेरियल से बना दिया जिसे मैंने देखा और पाया कि स्कूल की नई इमारत भी इतनी जर्जर हो गई है कि उसकी खिड़की, दरवाजे टूट चुके हैं, छतों से पानी टपक रहा है। दीवारों में दरारें पड़ चुकी हैं।
वकील पाराशर ने कहा कि इस स्कूल सहित न जाने कितने सरकारी स्कूलों के निर्माण में बड़े बड़े घोटाले हुए हैं और कमजोर नींव से इमारते बनाईं गईं हैं और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है इसलिए ऐसे लोगों पर कार्यवाही की जाए। वकील पाराशर ने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री कार्यवाही नहीं करवाते हैं तो मैंने ऐसे लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाऊंगा ताकि शहर में फिर कभी कोई किसी सरकारी निर्माण में घोटाला न कर सके। वकील पाराशर ने कहा कि सरकारें विकास के लिए अपनी तरफ से कमी नहीं छोड़तीं लेकिन कुछ लोग निजी फायदे के लिए कमजोर इमारतें बनवाते हैं, कमजोर सड़कें बनवाते हैं और सरकार की फजीहत करवाते हैं। वकील पाराशर ने कहा कि आने वाले समय में मैं कई अन्य सरकारी निर्माणों का जायजा लूँगा और जहाँ जहां भी लापरवाही हुई है उन लापरवाहों पर कार्यवाही करवाऊंगा।