अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा: जब मामला रसूखदारों का हो तो पुलिस की तफ्तीश भी बदल जाती है और न्याय के लिए भटक रही पीड़िता पर ही दबाव बनाकर समझौता कर लेने की सलाह दी जाती है। ऐसा ही मामला नोएडा के कोतवाली 24 में दर्ज EPFO के असिस्टेंट कमिश्नर दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तारी की जांच के दौरान सामने आया है, इस मामले में पीड़िता ने पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाते हुए पुलिस पर ही पैसे ले देकर समझौते का दबाव बनाने आरोप लगाया है। पीड़िता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस के आला अधिकारी इस मामले जांच कर रही पुलिस टीम को बदलकर इसकी जांच अन्य सर्किल के एसीपी से कराने की बात कह रहे हैं।
ये तस्वीर है दिल्ली में पीएफ विभाग में की असिस्टेंट कमिश्नर पद पर तैनात है महेश सिंह जिन्हे कोतवाली 24 ने 5 जनवरी को छात्रा ने एलएलबी में एडमिशन दिलाने के लिए अपने सेक्टर-12 स्थित मकान पर पर बुलाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म करने का आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की जांच महिला दरोगा को सौंपा गया था. लेकिन दुष्कर्म पीड़िता पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाते हुए जांच अधिकारी पर आरोप लगाया है, पैसे ले देकर समझौते का दबाव बना रही है, जब उसने समझौते करने से इंकार कर दिया तो उनके पूरे परिवार को थाने में उठा लाई है।
पीडि़ता कहना है इस संबंध में कई वरिष्ठ अधिकारियों से मिल चुकी है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.आरोपी महेश सिंह ने खुद बोला था कि उसकी ऊपर तक पहुंच है कितने बड़े बड़े कमिश्नर है मैं उन्हें हाथों में रखता हूं। पीड़िता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया और डीसीपी नोएडा ज़ोन ने इस मामले जांच कर रही पुलिस टीम को बदलकर इसकी जांच अन्य सर्किल के एसीपी को सौंप दी है उनका कहना है की गुण दोष व सुसंगत तथ्यों के आधार पर विवेचना का सफल निस्तारण किया जाएगा तथा विवेचना में सभी सुसंगत तथ्यों को समाहित किया जाएगा। पहले दुष्कर्म का दंश फिर पुलिस का रवैया शायद यही कारण है जो पीड़ित महिलाओं की न्याय पाने की आस तोड़ रही है।
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