अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस प्रवक्ता प्रो गौरव वल्लभ ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि साथियों, हम प्रेस वार्ता का विधिवत आरंभ करें, उससे पहले हमारे सेवादल के महासचिव कृष्णकांत पांडे का आज भारत जोड़ो यात्रा के तहत वो पार्टीसिपेट कर रहे थे, उनका आकस्मिक निधन हुआ, उसके लिए हम सभी उनके परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और खास बात ये रही कि पांडे ने अंतिम समय तक भारत का तिरंगा अपने हाथ में रखा था। इस बात का कांग्रेस, कांग्रेस के परिवार और कृष्णकांत पांडे के परिवार को जरुर अभिमान रहेगा, पर ये एक बहुत दुख का समाचार था। पूरा कांग्रेस परिवार इस समय पांडे के परिवार के साथ खड़ा है।
साथियों, 8 नवम्बर, 2016 याद होगा, आपको। ‘मित्रों’ रात्रि के 8 बजे, वो शब्द हमारे ज़ेहन में यहाँ तक बैठा हुआ है कि कोई वास्तव में हमें मित्र बोलता है, तो रूह कांप जाती है। भारत की अर्थव्यवस्था को खत्म करने की आज छठी बरसी है। ये नोटबंदी की छठी बरसी नहीं है, ये भारत की अर्थव्यवस्था को, भारत की विकास यात्रा को, भारत की रोजगार की यात्रा को, भारत के नौजवानों के सपनों को नष्ट करने की आज छठी बरसी है। आज उसकी छठी पुण्यतिथि है और पिछले 6 साल में, जब से नोटबंदी हुई, उसके बाद 50-100 दिनों के बाद सरकार ने इसका नाम तक नहीं लिया है, पर उसका दुष्परिणाम आज तक हम भुगत रहे हैं। पूरा डेटा लेकर आया हूँ, एक-एक आंकड़े पर बात करूँगा और फिर हमारे कुछ प्रश्न हैं, जो महामहिम प्रधानमंत्री जी, और वित्तमंत्री जी तो कोई बात नहीं, अब उनको पता ही नहीं क्या है, वो तो कह देंगी मैं तो नोट प्रयोग में ही नहीं लाती, कोई और मेरे लिए नोट खर्च करते हैं, इसलिए मुझे नहीं पता, पर प्रधानमंत्री जी से कुछ सवाल पूछे जाएंगे आज।
साथियों, हिंदुस्तान की सबसे बड़ी ऑर्गेनाइज्ड लूट 8 नवम्बर, 2016 को नोटबंदी के द्वारा भारत सरकार द्वारा की गई। 8 नवम्बर, 2016 के अलावा कोई इससे बड़ी ऑर्गेनाइज्ड लूट देश में कभी नहीं हुई। This is a largest organized loot of our country. ये हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाला दिन है। जैसे 1991 का एक दिन था, जब डॉ मनमोहन सिंह ने संसद में खड़े होकर लिब्रलाइजेशन, प्राईवेटाइजेशन, ग्लोबलाइजेशन की बात की थी, उस दिन को भारत की अर्थव्यवस्था में सुनहरे अक्षरों में देखा जाता है, जिससे पूरी अर्थव्यवस्था बदल गई। नई मिडिल क्लास का जन्म हुआ, वैसे के वैसे 8 नवम्बर, 2016 का दिन भारत की अर्थव्यवस्था को समाप्त करने का दिन था। शुरुआत हुई कैशलेस से, फिर आए लैस कैश पर। मैं आपके सामने एक आंकड़ा रखना चाहता हूँ, हालात ये हैं कि पिछले 6 सालों में जो अर्थव्यवस्था में कैश इन सर्कुलेशन है, वो 72 प्रतिशत बढ़ा है। 72 percent jump है। 2016 में कैश इन सर्कुलेशन था अर्थव्यवस्था में, 17.97 लाख करोड़, जो आज 30.88 लाख करोड़ हुआ है। तो कैशलेस से लैस कैश होते-होते, कैश इन सर्कुलेश 72 प्रतिशत पिछले 6 सालों में बढ़ा है।
फिर बात की ब्लैक मनी आएगी। 2021 का स्विस बैंक का आंकड़ा है, 2021 में स्विस बैंक ने माना कि भारतीयों का स्विस बैंक में पिछले 14 साल का हाईएस्ट पैसा आज है। 30,500 करोड़ रुपए स्विस बैंकों में पड़ा है। ये भी आंकड़ा है, ये कोई भाजपा या कांग्रेस का आंकड़ा नहीं हैं। ये स्विस बैंक का आंकड़ा है, कि भारतीयों का पैसा 14 साल के हाइएस्ट स्तर पर है, तो लैस कैश, कैशलेस और वास्तविकता क्या- 72 प्रतिशत ज्यादा कैश। फिर ब्लैकमनी की बता हुई- 14 साल के हाइएस्ट अमाउंट है, भारतीयों का पैसा स्विस बैंक के अंदर। 15 लाख वाली बात नहीं दोहराऊँगा, आज उस पर मैं नहीं लेकर जाऊँगा।
फिर बोला गया फाइट अगेन्स्ट करप्शन- करप्शन इंडैक्स, जो ट्रांस्पेरेंसी इंटरनेशनल निकालता है, 2016 में भारत की रैंक थी, 79, आज 2021 में 85 है। अब एक-एक ऑब्जेक्टिव पर आ रहा हूँ, लैस कैश, कैशलेस से 72 प्रतिशत ज्यादा कैश।
ब्लैकमनी- 14 साल का हाइएस्ट पैसा स्विस बैंक में भारतीयों का। फाइटिंग करप्शन का, जो 79वीं रैंकिंग थी दुनिया की, वो आज 85 है, India’s corruption rank as per the transparency international.
फिर फेक नोट्स, फेक करंसी- रिजर्व बैंक का आंकड़ा है, साथियों, मेरा आंकड़ा नहीं है। रिजर्व बैंक ने माना कि 2021-22 में जो फेक करंसी है, 500 डिनोमिनेशन के जो नोट्स हैं, उनमें 102 प्रतिशत की बढ़त हुई और 2,000 के नोट की फेक करंसी में 55 प्रतिशत की बढ़त हुई, 2021-22 में। ये रिजर्व बैंक की रिपोर्ट है। 2021-22 में 500 के नोट की फेक करंसी में 102 प्रतिशत की वृद्धि और 2,000 के नोट में 55 प्रतिशत की वृद्धि, मेरा आंकड़ा नहीं है।फिर बात की, टेरर फंडिंग को हम कर्ब करेंगे। भारत सरकार का ये आंकड़ा दे रहा हूँ, जो भारत सरकार ने यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसल फॉर काउंटर टेररिज्म कमेटी को दिया कि 2022 में 2021 की तुलना में, जम्मू-कश्मीर में टेरर एक्टिविटीज के जो कैंप हैं, जो टेरर कैंप हैं, जो 2021 में 150 थे, वो 2021-22 में 150 से बढ़कर 225 हो गए। टेरर 150 से 225, फेक करंसी- 500 की फेक करंसी में 102 प्रतिशत इजाफा, 2,000 के नोट में 55 प्रतिशत इजाफा। करप्शन की रैंकिंग जो 79 थी, 2016 में, वो 2021 में हो गई, घटकर 85; ब्लैकमनी 14 साल के हाइएस्ट अमाउंट है, स्विस बैंको में 30,500 करोड़ रुपए और कैशलेस और लैस कैश करते-करते जो मनी सर्कुलेशन है आज इकॉनमी में, उसमें 72 प्रतिशत का इजाफा।
साथियों एक पिंक कलर का 2,000 का नोट था, आप सबको याद होगा, आपसे मैं सिर्फ एक सवाल पूछता हूँ और आपके माध्यम से समस्त देशवासियों को, पिछले 6 महीने में वो नोट किसी ने देखा? मैंने नहीं देखा और मुझे पक्का पता है कि आपने भी नहीं देखा होगा, क्योंकि वो जो ब्लैकमनी रखने वाले जो लोग हैं, जिनको सरकार चाहती थी, ब्लैकमनी रखे, उनके पास पहुंच गया वो। हमारे पास नहीं है और उसका आंकड़ा भी लेकर आया हूँ, ये भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का आंकड़ा है। 2,000 की डिनोमिनेशन के 214 करोड़ नोट हैं, अर्थात् 2,000 की करंसी में लगभग 4.28 लाख करोड़ रुपया है, कहाँ है?मध्यम आय वर्गीय परिवार ने देखा, बैंको ने देखा, निम्न आय वर्गीय परिवारों ने देखा? एक तरह से उस 2,000 के नोट से तो आपने जो ब्लैकमनी है, जो करप्शन है, उसको फेसिलिटेट किया है। Because, there is an ease of transfer. तो इनके मद्देनजर हम कुछ इशूज पर और कुछ डेटा पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।2016-17 में भारत की, और ये सारा सरकारी आंकड़ा है, 2016 -17 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट थी, 8.3 प्रतिशत, हस्ती-खेलती अर्थव्यवस्था। नौकरियाँ मिल रही थीं, क्योंकि यूपीए-2 ने एक ऐसा रोबस्ट इकॉनमिक मॉडल मोदी जी को दिया, जिसका फायदा उन्हें मिल रहा था, 8.3 प्रतिशत, 2016-17 में। 2016-17 में ही नोटबंदी होती है, 2017-18 में ही ये जो ग्रोथ रेट है, वो 8.3 से घटकर हो जाती है, 7 प्रतिशत। 2018-19 में वो घटकर हो जाती है, 6.1 प्रतिशत, 2019-20 में वो 6.1 से घटकर हो जाती है, 4.2 प्रतिशत, 2020-21 में वो 4.2 से घटकर हो जाती है, -6.6 प्रतिशत। ये विकास यात्रा है, मोदी जी की।
मोदी जी, नोटबंदी के बाद एक साल भी ऐसा नहीं रहा, जब जीडीपी की ग्रोथ में इजाफा हुआ हो। हाँ, मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 में 8.7 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ हुई और उसका कारण सिर्फ लो बेस है। उसका कारण कोई इकॉनमी नहीं है, क्योंकि आपने पहले इकॉनमी श्रिंक की -6.6 से, उसके ऊपर आपने जीडीपी ग्रोथ की। तो कौन सा ऑब्जेक्टिव नोटबंदी ने पूरा किया? क्या फेक करंसी का, क्या काउंटरिंग टेररिज्म का, क्या ब्लैकमनी का, क्या फाईटिंग करप्शन का, क्या डिजीटलाइजेशन और लैस कैश, कैशलेस का, कौन सा ऑब्जेक्टिव पूरा हुआ? ये सारे ऑब्जेक्टिव दिए गए थे और भारत के प्रधानमंत्री ने कहा था कि “50 दिन के बाद अगर मैं स्थितियाँ नहीं संभाल पाया, तो आप जो चाहे वो करना”। हमें कुछ नहीं करना, हमें मोदी जी को कुछ भी अपशब्द नहीं बोलना, वो भारत के प्रधानमंत्री हैं। हमें कोई कोड़े भी नहीं मारने। उन्होंने कहा था, मुझे जिस चौराहे पर बुलाओगे मैं आ जाऊँगा। नहीं, बुलाना मोदी जी, आप प्रधानमंत्री हो, हमें कोई चौराहे पर नहीं बुलाना, पर एक व्हाइट पेपर तो निकालकर बोलो कि 6 साल में नोटबंदी ने देश को क्या दिया, क्या पाया।अगर ये जो मैंने एक तथ्य भी इसमें, .01 प्रतिशत भी गलत बोला है मोदी जी, तो आप मुझे जिस चौराहे पर बुलाओगे मैं आऊँगा, कोड़े खाने। पर कम से कम बताओ तो सही कि आपने क्या पाया, इस नोटबंदी से क्या देश ने पाया? क्यों आपका कोई मंत्री, आपकी सरकार का कोई नुमाइंदा नोटबंदी तक का नाम नहीं लेता? अरे इंडिया गेट पर आपने तो मेला लगाया था, पहले साल में। हम आज इंडिया गेट पर जाकर उस मेले में शरीक होना चाहते हैं, क्योंकि उस मेले के कारण, आपके गलत निर्णय के कारण भारत में जो बेरोजगारी की दर है, वो आज भी 7.7 प्रतिशत पर है। आपने पूरे डेमोग्राफिक डिविडेंट को डेमोग्राफी डिजास्टर में तब्दील कर दिया। ये एक ऐसा निर्णय है, मैं आपको कहता हूँ, अभी तक एमएसएमई उस निर्णय के प्रकोप से बाहर नहीं आ पाया।अभी तक अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर की रूह कांप जाती है, जब वो सोचता है कि अगर आज रात 8 बजे किसी को डराना हो, तो सोते हुए आदमी को बोलो, ‘आज रात 8 बजे’ वो अचानक से उठ जाता है। य़कीन मानो, इतना खौफ है लोगों के मन में इस निर्णय का। लोगों की नौकरियाँ गई हैं, लोग सड़क पर आ गए। ‘मित्रों’ मित्रों नाम से ऐसा लगता है जैसे कोई, मतलब, शरीर में एकदम घबराहट के मारे आदमी खड़ा हो जाता है, मित्रों नाम सुनते ही। आज उस निर्णय पर कोई बात करने वाला नहीं है।हमें कोड़े नहीं मारने, मोदी जी। हमारी पहली बात है, we want a white paper. हम एक श्वेत पत्र की मांग करते हैं, जिसमें पिछले 6 साल में नोटबंदी ने क्या पाया और क्या खोया दर्शाया गया हो? हमें तो सिर्फ खोया ही खोया दिख रहा है। आपने रोज गोल पोस्ट चेंज किया, पर गोल पोस्ट चेंज करने के बावजूद एक भी गोल पोस्ट पर डाटा आपकी बातों को सपोर्ट नहीं कर रहा। हां, एक जो है, जीडीपी लगातार गिरी, देश की एमएसएमई खत्म हो चुकी है। देश के अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर को आपने खत्म कर दिया है। देश में बेरोजगारी लगातार 7 प्रतिशत के ऊपर बनी हुई है, जो कल सीएमआईई का आंकड़ा है, उसके अनुसार 7.7 प्रतिशत अनएम्प्लॉयमेंट रेट है, जो 2011-12 में 2 प्रतिशत हुआ करता था, आज उससे 400 प्रतिशत ज्यादा है। तो हमारी पहली मांग है, white paper on demonetization.
दूसरी मांग- मोदी जी, मन की बात करने की आपकी बहुत इच्छा होती है, पर देश के लोगों के मन की बात ये है कि आप एक मन की बात नोटबंदी के ऊपर करो और आज रात को 8 बजे ही करो, ताकि हम सबको याद आए, 150 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई थी। साथियों, more than 150 people और मैं कहूँगा ये मर्डर है। लोग लाइनों में खड़े होकर मरे थे। More than 150 people died. तो मोदी जी आज रात को 8 बजे आइए टीवी पर, हम भी देखें आपको टीवी पर और बताइए, इस नोटबंदी से हमने क्या पाया? देश को ये बताइए कि आप इसको अपना एपिक फेल्योर मानते हैं। क्या आप इसको आजाद हिंदुस्तान का सबसे खराब दिन मानते हैं? इससे खराब दिन नहीं हो सकता, हिंदुस्तान की आजादी के बाद। कोई नहीं हुआ, जिसने देश की इकॉनमी को नष्ट कर दिया, परिवारों को सड़क पर ले आए, मिडिल इंकम ग्रुप को लोअर इंकम ग्रुप में पहुंचा दिया। जो लोअर इंकम ग्रुप में थे, उनको बीपीएल कर दिया। इससे खराब दिन क्या हो सकता है। आप अपने इस निर्णय के लिए क्या देश से माफी मांगेंगे, मोदी जी। आइए आज रात को 8 बजे, मन की बात कीजिए, और या तो इसकी उपलब्धियाँ बताइए, या देश से माफी मांगिए।
तीसरा, और ये पॉजीटिव सवाल है। मोदी जी, अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर और एमएसएमई खत्म हो चुका है, जो देश की रीढ़ की हड्डी है। भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी, भारतीय रोजगार की रीढ़ की हड्डी अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर और एमएसएमई है। जो इस नोटबंदी से सबसे ज्यादा हिट हुआ, उसको वापस रिवाइव करने के लिए आपका क्या प्लान है, देश के सामने वो रखिए। ये पॉजीविट सवाल है।
चौथा- Modi Ji, what is your employment creation plan? आपकी रोजगार वृद्धि का क्या प्लान है? रोजगार को नष्ट करने का प्लान तो आपने 8 नवम्बर, 2016 को कर दिया था, जिससे आज भी बेरोजगारी की दर 7.7 प्रतिशत है। आप इस डेमोग्राफिक डिविडेंड को डेमोग्राफिक डिजास्टर होने से कैसे बचाएंगे, इस प्लान के बारे में अवगत कराइए।