अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 को प्रभावी तरीके से लागू करने के उद्देश्य से हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर की अध्यक्षता में प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए वर्चुअल माध्यम से प्रशिक्षण कार्य क्रम आयोजित किया गया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों को तीन नए कानूनों में दिए गए प्रावधानों के बारे में पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई। इस प्रेजेंटेशन में नए कानूनी प्रावधानों मे किए गए बदलावों को बहुत ही सरल तरीके से परिभाषित किया गया था।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया कि इन तीन नए कानूनों को लेकर प्रदेश में अब तक 3200 मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा चुके हैं। इसके अलावा, जिला में अब तक 7236 अन्य पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
यह भी बताया गया कि इन तीनों नए कानूनों को लेकर हरियाणा पुलिस द्वारा शॉर्ट टर्म कोर्सेज भी करवाए जा रहे हैं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता -2023 तथा भारतीय न्याय संहिता-2023 के बारे में हरियाणा पुलिस के जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए 10-10 दिन का कोर्स डिजाइन किया गया है जबकि साक्ष्य अधिनियम-2023 को लेकर पुलिसकर्मियों को 5 दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।कपूर ने कहा कि नए कानूनों को लागू करने में फील्ड में कार्यरत थाना प्रभारियों तथा अनुसंधान अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक इन नए कानूनों के बारे में थाना प्रभारियों तथा अनुसंधान अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम (सेंसेटाइजेशन कार्यक्रम) अपने स्तर पर करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि वे थाना प्रभारी तथा अनुसंधान अधिकारियों सेे 30 जून से पहले ट्रायल के तौर पर मोक इन्वेस्टिगेशन करवाना सुनिश्चित करें। कपूर ने कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के तहत ऑडियो- वीडियो सहित डिजिटल साक्ष्यों का रिकॉर्ड रखने के लिए उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया जारी है और ऐसी व्यवस्था बनाए जाने पर काम किया जा रहा है ताकि इन साक्ष्यों को सुरक्षित रखा जा सके।डीजीपी ने कहा कि नए कानूनी प्रावधानों को लेकर पुलिस विभाग में प्रत्येक स्तर के अधिकारी अथवा कर्मचारियों को स्पष्टता होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे पुलिस थानों में विजिट करें और समय रहते विद्यमान कमियों को दूर करवाना सुनिश्चित करें।प्रशिक्षण कार्यक्रम उपरांत कपूर ने ग्राम प्रहरी योजना के तहत किए जा रहे कार्यो की समीक्षा की। कपूर ने कहा कि यदि गांव अथवा वार्ड में कोई भी व्यक्ति एनडीपीएस में परिभाषित नशे को खरीदता अथवा बेचते पाया जाता है तो ग्राम प्रहरी उसकी सूची तैयार करते हुए नियमानुसार कार्रवाई करे। इसी प्रकार, जो लोग उपरोक्त वर्णित नशे का शिकार है, उनका इलाज समय पर शुरू हो जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नशे की परिभाषा एनडीपीएस में परिभाषित नशा होगी।इसी प्रकार गांव में दबंगों द्वारा किए जाने वाले उत्पीड़न बारे में कपूर ने कहा कि ऐसे लोग जो डरा धमका कर, जान से मारने का डर दिखाकर या अलग-2 तरीकों से गरीब या अन्य लोगों को परेशान करते हैं अथवा जबरन वसूली करते हैं, उनकी सूची तैयार करें और उनसे खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि कई बार गांव के बच्चे आपस में ग्रुप बनाते हैं और ऐसे दबंगई और दादागिरी करने वाले लोगों के संपर्क मे आते हैं उन्हें भी इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी ऐसे दबंग लोगों की सूची तैयार करें और उनके खिलाफ एक्शन लें। इससे वहां के स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी।बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था संजय कुमार, पुलिस महानिरीक्षक सीआईडी सौरभ सिंह, पुलिस महानिरीक्षक कानून एवं व्यवस्था हरदीप दून, एआईजी एडमिन मनीषा चौधरी, एआईजी प्रोविजनिंग कमलदीप गोयल, एआईजी वैल्फेयर राजीव देसवाल सहित कई अधिकारीगण उपस्थित थे।
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