अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को प्रेस को संबोधित करते हुए कोरोना पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली में कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट बहुत तेज़ी से फ़ैल रहा है, परन्तु घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना के रोकथाम के लिए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही बचाव का सबसे बेहतरीन उपाए है। ओमिक्रॉन वेरिएंट से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। विशेषज्ञो ने भी स्पष्ट किया है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट माइल्ड और कम घातक है। बीते दिन दिल्ली में कोविड के कुल 10,665 मामले सामने आये और पॉजिटिविटी दर 11.88 फीसद रही, जबकि 8 लोगों की मृत्यु हुई। उन्होने बताया कि दिल्ली में किसी भी व्यक्ति की ओमिक्रॉन वारिएंट से मृत्यु नहीं हुई है। उन्होने बताया कि अभी तक किसी भी ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट या वेंटिलेटर की आवश्यकता नहीं पड़ी है। उन्होंने दिल्ली के लोगो से यह आग्रह किया कि गंभीर लक्षण होने पर ही अस्पताल जाएं। दिल्ली के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में बेड उपलब्ध हैं और घबराने वाली कोई बात नहीं है। सामान्य लक्षण होने पर अस्पताल आने की आवशयकता नहीं है। इसका होम आइसोलेश में इलाज़ संभव है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की नई दिशानिर्देश के अनुसार कम या साधारण लक्षण वाले और एसिम्टोमेटिक मरीजों को डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। एसिम्टोमेटिक मरीजों का घर पर ही होम आइसोलेशन में इलाज किया जा सकता है। सरकार ने होम आइसोलेशन की गाइडलाइंस में बदलाव करते हुए यह निर्णय लिया है कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों को पॉजिटिव आने के अगले 7 दिन तक ही घर पर रहने की आवश्यकता है। 7 दिन के होम आइसोलेशन के दौरान यदि लगातार 3 दिनों तक व्यक्ति को कोई लक्षण न दिख रहे हों तो वो अपना होम आइसोलेशन खत्म कर सकते हैं। ऐसे में उसे होम आइसोलेशन खत्म करने के बाद दोबारा कोरोना की जांच कराने की कोई ज़रूरत नहीं है। लेकिन मास्क पहनना अनिवार्य है। स्वास्थ्य मंत्री ने होम आइसोलेशन में इलाज़ करा रहे मरीजों से आग्रह किया गया कि वे अपने घर में कोरोना से संबंधित नियमों का पालन करें, खुद को घर के अन्य सदस्यों से अलग रखें, क्रॉस-वेंटिलेशन वाले हवादार कमरों में रहें, ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का प्रयोग करें। अपने आसपास स्वच्छता को बनाये रखें। इसके अलावा अपने खाने के बर्तन परिवार के किसी सदस्य को न दें।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग पॉजिटिव आते ही अस्पताल पहुँच रहे हैं, जिससे पैनिक बढ़ रहा है। उन्होंने दिल्ली की जनता से अपील करते हुए कहा कि पॉजिटिव आने पर अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं है। घर पर ही रहें। दिल्ली सरकार की टीम आपको फोन करेगी और होम आइसोलेशन में ही आपका इलाज़ चलेगा। अस्पताल सिर्फ उन लोगो को ही आने की जरुरत है, जिन में गंभीर लक्षण हो।
स्वास्थ्य मंत्रालय के नए दिशा-निर्देश के अनुसार
*कैसे पहचाने, किस स्थिति में अस्पताल जाने की है जरुरत:*
1. सांस लेने में दिक्कत होना
2. 3 दिनों से अधिक लगातार 100 फ़ारेनहाइट से ज्यादा बुखार आना
3. ऑक्सीजन लेवेल में कमी होना, (एसपीओ 2 93% से नीचे जाने या सांस लेने की दर 24/मिनट ज्यादा हो)
4. छाती में लगातार दर्द/दबाव होना
5. मानसिक भ्रम या उत्तेजना में असमर्थता होना
6. लगातार शरीर में गंभीर थकान महसूस होना
उपरोक्त लक्षणों को कोरोना के गंभीर लक्षण की सूची में शामिल किया गया ह। उपरोक्त लक्षण होने पर ही कोरोना के मरीज़ अपने नज़दीकी कोरोना के अस्पताल में जा सकते हैं।स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि होम आइसोलेशन की रणनीति बहुत ही कारगर है। घबराने की जरूरत नहीं है, केवल सावधानी ही कोरोना का उपचार है। ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना का ही एक वेरिएंट है और इसके इलाज़ एवं इस से बचने का प्रोटोकॉल भी पहले की तरह सामान्य है।दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने लोगो से कोरोना से जुड़े नियमो का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने लोगो से सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा के लिए मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निवेदन किया। केवल सावधानी ही इसका बचाव है। अनावश्यक कार्यो के लिए घर से न निकले। घबराने की जरूरत नहीं, ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना का ही वेरिएंट है और इसके इलाज़ एवं इस से बचने का प्रोटोकॉल भी पहले की तरह ही है। मास्क लगाए और सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करें।