अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
21वीं सदी और हाईटेक शहर होने के बावजूद नोएडा में तंत्र-मंत्र करने वाले तांत्रिकों का बोल बाला है और उनके कहने पर लोग नरबलि देने से भी पीछे नहीं सकते हैं. ऐसा ही एक मामला नोएडा के सेक्टर- 63 में सामने आया है जिसमें एक तांत्रिक के कहने पर होली के शुभ मुहूर्त पर देवताओं को खुश करने के लिए एक बच्ची की बलि देने के लिए उसका अपहरण किया गया, जिससे आरोपी की शादी हो सके.
लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण बलि देने के लिए अगवा मासूम को बागपत से बरामद कर लिया गया. इस मामले में दो आरोपियों अपहरणकर्ता सोनू और वारदात में शामिल उसके जीजा नीटू को दबोच लिया। तांत्रिक सहित तीन अन्य आरोपितों की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही है। आरोपियों को दबोच बच्ची को सकुशल बरामदगी करने वाली टीम को पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने 50 हजार का इनाम दिया है।
पुलिस की गिरफ्त में खडे सोनू वाल्मीकि और नीटु वाल्मीकि ने सात साल मासूम का अपहरण बलि देने के किए किया था. नोएडा सेंट्रल डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि रविवार को दोपहर 12 बजे के करीब सात साल की मासूम छिजारसी गांव में अपने घर के बाहर खेल रही थी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने चार टीमें बनाई। करीब 200 लोगों से बात की गई। इस दौरान उसके हाथ एक सीसीटीवी फुटेज लगी। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी व्यक्ति बच्ची को अपने साथ ले जाते नजर आ रहा था। आरोपी पीड़ित के घर से 100 मीटर दूरी पर रहता था। उसकी पहचान सोनू, निवासी ग्राम बिलोनी और निटू निवासी ग्राम किशनपुर को सोनू की बहन के घर खामपुर, बागपत से गिरफ्तार किया। वहीं से अपह्रता बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया गया।
पूछताछ में सोनू वाल्मीकि ने बताया कि उसकी शादी नहीं हो रही थी। इस कारण नजदीकी रिश्तेदार तांत्रिक सतेन्द्र बागपत द्वारा बताया गया कि होली के शुभ मुहूर्त पर देवताओं को खुश करने के लिए एक बच्चे की बलि देनी होगी तभी शादी हो सकेगी। इस कारण अभियुक्त सोनू वाल्मीकि द्वारा अपने साथी नीटू की सहायता से अपने छिजारसी में घर के बाहर खेल रही सुषमा का अपहरण कर लाया। मामले में तांत्रिक अभियुक्त सतेन्द्र व अन्य सहयोगी परिजन रेखा वाल्मीकि एवं वर्षा वाल्मीकि अभी फरार है। पुलिस जब मासूम बच्ची को सकुशल लेकर उसके माता-पिता सामने पहुंची तो माता-पिता उनकी आंखों से आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मां बार-बार कह रही थी कि नोएडा पुलिस उसके लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं। चाचा शत्रुघ्न ने बताया कि अपहरण के बाद उन्होंने बच्ची की वापसी की उम्मीद खो दी थी।
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