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अपराध नोएडा

फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज खोल विदेश के लोगों से ठगी करने के साथ सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे दो आरोपी गिरफ्तार

अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट 
नोएडा के  सेक्टर-62 के आइथम टावर में चल रहे फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा 25 मई को कोतवाली सेक्टर-58 पुलिस ने किया था और मामले में चार आरोपी को गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने फर्जी काल सेंटर के मालिक और भाई को सेक्टर-62 से गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से एक आधार कार्ड मिला है। इसी का इस्तेमाल कर गिरफ्तार मुख्य सरगना ओवैस आलम फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चला रहा था। पुलिस ने इनके कब्जे से 39 लाख रुपये नकद, मानिटर, कीबोर्ड, माउस, सीपीयू, राउटर, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन व अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस की गिरफ्त में खड़े विक्रम सिंह और संजय उर्फ भूपेंद्र दोनों सगे भाई हैं और विक्रम सिंह के आधार कार्ड पर सरगना ओवैस फर्जी टेलिफोन एक्सचेंज चला रहा था और इसी आधार कार्ड के नाम पर टाटा टेलीकॉम सर्विसेज से कनेक्शन आदि लिए गए थे।

पूछताछ में पता चला है कि दोनों गिरफ्तार आरोपी ओवैस और अन्य लोगों के साथ फर्जी तरीके से कंपनी चला रहे थे। एडिशनल सीपी (लॉं एंड ऑर्डर) लव कुमार ने बताया कि कोतवाली सेक्टर 58 पुलिस ने 25 मई को सेक्टर-62 के आइथम टावर में चल रहे फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा किया गया था। इसमें पुलिस ने मुरादाबाद निवासी ओवैस समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपी कई महीनों से अंतरराष्ट्रीय कॉल को सर्वर के माध्यम से लोकल कॉल में बदलकर भारत सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे थे। इस मामले में विक्रम सिंह और संजय उर्फ भूपेंद्र की गिरफ्तारी आज सैक्टर 62 से कि गई है। लव कुमार ने बताया कि ने बताया कि ओवैस, विक्रम और संजय की दोस्ती थी। इसमें संजय की तरफ से विक्रम के फर्जी कागजात ओवैस को दिए गए थे। खोड़ा के पत्ते का विक्रम का आधार कार्ड ओवैस को दिया गया था। इसी फर्जी आधार कार्ड पर यह पूरा खेल चल रहा था और इसमें ओवैस व संजय-विक्रम का 50-50 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी। इन की ठगी का तरीका ये था कि ये लोग एप्लीकेशन के माध्यम से काल करके संबंधित देश के इनकम टैक्स आफिस से काल करना व कर्मचारी बताकर उनके टैक्स फाइल नंबर (टीएफएन) रद करने की धमकी देते थे। टीएफएन को रद होने से बचाने के लिए रुपये की मांग करते थे। इसके लिए गिफ्ट कार्ड के माध्यम से विदेशी मुद्रा में पैसे प्राप्त करते थे। विदेशी मुद्रा को बाद में भारतीय मुद्रा में बदलवाकर वांछित विकास के माध्यम से नकद में लेते थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से से 39 लाख रुपये नकद, मानिटर, की-बोर्ड, माउस, सीपीयू, राउटर, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन व अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस ने इस मामले में फरार अन्य आरोपियों के गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिया है।

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