अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:गेमिंग एप में बैंक खाता जोड़कर ज्यादा रूपए कमाने का लालच देकर आमजनों से करोड़ों की ठगी करने के सनसनीखेज मामले में दो आरोपितों को साइबर क्राइम मानेसर , गुरुग्राम की टीम ने आज गिरफ्तार किया हैं। इसमें एक आरोपित निजी AU बैंक का स्टाफ भी शामिल हैं। ये जानकारी आज एसीपी क्राइम साइबर अपराध, पूर्व गुरुग्राम प्रियांशु दीवान ने आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दिए हैं।
एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 25 जनवरी.2024 को एक व्यक्ति ने थाना साइबर अपराध मानेसर, गुरुग्राम में एक लिखित शिकायत के माध्यम से बताया कि स्नैपचैट पर उसने एक रेनो कार हायर नाम से एक एडवर्टाइजमेंट देखी थी। इसके बाद उसने वहां पर अपनी डिटेल्स भर दी कुछ समय बाद कुछ व्यक्तियों द्वारा टेलीग्राम के माध्यम से उससे संपर्क करके वर्क फ्रॉम होम करके पैसा कमाने का लालच दिया व उससे करीब 1 करोड़ 12 लाख 99 हजार रुपए ठग लिए। इस शिकायत पर थाना साइबर अपराध मानेसर, गुरुग्राम में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। दीवान का कहना हैं कि उनके निर्देशानुसार साइबर क्राइम मानेसर के प्रबंधक सुनील कुमार की टीम ने कार्रवाई करते हुए उपरोक्त मुकदमा में 2 आरोपितों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम जैलदार बराड़, निवासी पवन पूरी ईस्ट चाहरण का फाटक , जयपुर , राजस्थान , उम्र 31 वर्ष व नितेश निवासी गांव चोमू जयपुर , राजस्थान , उम्र 38 वर्ष हैं। पुलिस टीम द्वारा आरोपितों जैलदार बरार को गत 6 अप्रैल 2024,शनिवार को गुरुग्राम से तथा नितेश को कल रविवार को जयपुर से गिरफ्तार किया गया है। उनका कहना हैं कि आरोपितों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि आरोपित जैलदार बरार AU फाइनेंस बैंक में काम करता था तथा नितेश बिरला इंश्योरेंस कंपनी में काम करता है। आरोपित जैलदार बरार ने बताया कि उपरोक्त मुकदमा में शिकायतकर्ता से ठगी गई राशि में से लगभग 26 लाख की राशि अखिल ट्रेडिंग नाम के एक बैंक खाते में ट्रांसफर की गई थी, जिस बैंक खाते को उसने अपने एक अखिल नामक साथी से लेकर ठगी करने वाले उसके अन्य साथियों/साइबर ठगों को उपलब्ध करवाया था, जिसके बदले में उसको 1 लाख रुपए मिले थे तथा उपरोक्त बैंक खाता में ठगी गई राशि में से 2% कमीशन अखिल को दिया गया था। अखिल के बैंक खाता में अब तक धोखाधड़ी की करीब 4.5 करोड़ की राशि ट्रांसफर किए जा चुके है। उनका कहना हैं कि पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने यह भी बताया कि यह दोनों (आरोपित उपरोक्त) मिलकर गेमिंग ऐप में बैंक खाता जोड़ने के नाम पर लोगों से बैंक खाता लेकर उन बैंक खातों को साइबर ठगी करने वाले अपने अन्य साथियों को उपलब्ध करवाते हैं जो ट्रेडिंग व गेमिंग के नाम पर लोगों से ठगी करते हैं। एक बैंक खाता उपलब्ध करवाने के लिए ये 1 लाख रुपए प्राप्त करते है। पुलिस इनके कब्जे से 30 हजार रुपए बरामद* किए गए है। मुकदमा अनुसंधान अधीन है।
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