अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली :क्राइम ब्रांच ने आज वीरवार को युवा क्रिकेटरों को रणजी ट्रॉफी और अन्य टूर्नामेंटों में धोखे से शामिल करने व उनसे लाखों रुपए की ठगी करने के मामले में दो कोचों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किए हैं। तीनों को बीते 3 मार्च 2019 को क्राइम ब्रांच थाने में दर्ज एक मुकदमे में गिरफ्तार किए गए हैं यह मुकदमा बीसीसीआई के इंटरग्रेटी मैनेजर अंशुमान उपाध्याय की शिकायत पर दर्ज की गई थी।
डीसीपी,क्राइम ब्रांच राजीव रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि बीसीसीआई इंटरग्रेटी मैनेजर अंशुमान उपाध्याय ने 3 मार्च 2019 को क्राइम ब्रांच के थाने में एक मुकदमा दर्ज करवाया था जिसमें भारतीय दंड सहिंता की धारा 420,467,468,471,120 बी को दर्शाया गया था.जिसमें उन्होनें कहा था कि कुछ भद्दे व्यक्ति युवा क्रिकेटरों को रणजी ट्रॉफी और अन्य टूर्नामेंटों में शामिल करने के बहाने से धोखा दे रहे हैं। कनिष्क गौड़ और शिवम की शिकायतों को बीसीसीआई के पत्र के साथ रद्द कर दिया गया था। उन्हें कनिष्क गौड़ ने अतिथि खिलाड़ी के रूप में मौका देने के लिए 11 लाख रुपए की ठगी की थी,
लेकिन उन्हें दूसरे राज्य से 19 वर्ष से कम आयु के दो मैचों के लिए अवसर प्रदान किया गया था,क्योंकि स्थानीय खिलाड़ी जाली जन्म प्रमाण पत्र आदि तैयार करके 4 लाख रुपए एक अन्य खिलाड़ी शिवम से ले चुके थे। 23 साल की श्रेणी के तहत उन्हें मौका देने के लिए,लेकिन उन्हें कोई मौका नहीं दिया गया। उनका कहना हैं कि गंभीर मसला था इस कारण से इस केस के लिए उन्होनें एक विशेष टीम गठित की थी और उनकी टीम ने इस केस की जांच शुरू की और जांच के दौरान आरोपी रवि दलाल, निवासी फ्रेंड्स एकादमी,पीतमपुरा, दिल्ली के कोच थे जिन्होंने पैसे लिए थे। कनिष्क गौड़ और एक अन्य आरोपी हरीस जमाल को दिया गया था, जो दिल्ली स्कूल के एक अंशकालिक कोच थे, को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आगे की जांच जारी है।