अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पलवल: पलवल जिले के गदपुरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत पृथला गांव के नजदीक एलएनटी कंपनी के दो कर्मचारियों को गोली मार दी। इस गोलीकांड में एलएनटी कंपनी के सुपरवाइजर की मौत हो गई, जबकि दूसरे कर्मचारी की हालत गंभीर हैं जिसका इलाज इस वक़्त सेक्टर -8 स्थित एक अस्पताल में चल रहा हैं। गदपुरी थाना पुलिस ने सुपरवाइजर अरुण की शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए फरीदाबाद के नागरिक अस्पताल के शव गृह में रखवा दिया हैं जहां पर उसका पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौप दिया हैं.यह घटना शनिवार देर रात की हैं। जांच अधिकारी हनीश खान की माने तो रोहित की शिकायत पर हत्यारों के खिलाफ हत्या की धारा सहित कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर, आरोपितों की तलाश शुरू कर दी गई हैं।
सब इंस्पेक्टर हनीश खान का कहना हैं कि पृथला गांव के नजदीक एलएनटी कंपनी का गोदाम हैं, उसमें अरुण और मोहन नौकरी करते थे। अरुण सुपरवाइजर के पद पर नौकरी करता था। रात लगभग 11:30 बजे अरुण अपने डयूटी पर मौजूद था और वह राऊंड पर गार्डों की ड्यूटी चेक कर रहा था। इस दौरान उसे 7 -8 लड़के वहां पर शराब पीते हुए दिखाई दिए जोकि एलएनटी कंपनी के लोग नहीं थे। जब उसने गोदाम में घुस कर शराब पीने का कारण उन लोगों से पूछा तो उनमें से एक शख्स ने एक पिस्तौल निकाल कर सुपरवाइजर अरुण को सामने से गोली मार दी। गोली लगते ही अरुण जमीन पर गिर पड़ा और दूसरा कर्मचारी जो मोहन था उन लोगों ने उसे भी गोली मार दी जिसके बाद वह नीचे जमीन पर गिर पड़ा। इस दौरान अन्य कर्मचारियों ने इस वारदात की सूचना घायलों के परिजनों और कंपनी के अधिकारियों को फोन पर दिया। फिर उन लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंच कर दोनों को फरीदाबाद के सेक्टर -8 स्थित एक निजी अस्पताल में ईलाज के लिए ले आए जहां पर सुपरवाइजर अरुण ने दम तौर दिया। और मोहन का इलाज चल रहा हैं जहां पर उसकी हालत ज्यादा गंभीर हैं।
सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि हमलाबारों की पहचान हो चुकी हैं,इनमें से कुछ बदमाश गांव छपरौला के हैं और बाकि के लोग फरीदाबाद के मुजेसर इलाके के रहने वाले हैं। इन्हें पकड़ ने के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं जो इन बदमाशों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं। वहीँ, कंपनी के कर्मचारी का कहना हैं कि एलएनटी कंपनी का यहां पर रेलवे का कार्य चल रहा हैं और पृथला के नजदीक कंपनी का गोदाम हैं। यहां अक्सर चोरी की घटनाएं घटती रहती थी। अब यह लोग भी इस गोदाम में लूटपाट करने की नियत से आए थे पर उनका सामना सुपरवाइजर अरुण और मोहन से हो गया। उनके इस भेद का किसी पता ना चले इस लिए लूटेरों ने अरुण और मोहन को गोली मार दी और अरुण की मौत हो गई।