अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस की एनडीआर, अपराध शाखा की टीम ने आज दिल्ली के मुंडका के पास हुई एक मुठभेड़ के बाद नरेश सेठी गिरोह के दो शार्प शूटर,समीर ,18 साल,निवासी सांपला हरियाणा और एक नाबालिग को अरेस्ट किया है।एफआईआर नंबर- 319/23, भारतीय दंड संहिता की धारा 307/387 /34 और 25/27 आर्म्स एक्ट, थाना नरेला, दिल्ली के मामले को नरेश सेठी गिरोह के शार्प शूटरों की गिरफ्तारी के साथ सुलझाया गया है। स्पेशल डीसीपी क्राइम रविंद्र सिंह यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि गत 17/04/2023 को प्रॉपर्टी डीलर विकास दहिया निवासी ग्राम नहरी, सोनीपत, हरियाणा को रंगदारी के लिए धमकी मिली थी ।
गत 24/04/2023 को फिर से, गैंगस्टर अक्षय का धमकी भरा फोन आया, जो भारत से बाहर रहता है। गत 27/04/2023 को, तीन लड़के मोटर साइकिल पर आए और शिकायतकर्ता पर उस समय गोलियां चलाईं, जब वह अपने कार्यालय लामपुर, दिल्ली में बैठा था। उनका कहना हैं कि शिकायत कर्ता के हाथ में गोली लगी व उसका एक अन्य साथी देवी वीर सिंह को भी सिर में गोली लगी । तदनुसार मामला एफआईआर नंबर 319/23 थाना नरेला में दर्ज किया गया था। उनका कहना हैं कि आरोपित नरेश सेठी निवासी झज्जर, हरियाणा गिरोह का सरगना है और उसने वर्ष 2006 में पॉलिटेक्निक पूरा करने के बाद में, अपराध की दुनिया में प्रवेश किया और अपने साथियों के साथ दिल्ली से डकैती के मामले में गिरफ्तार किया गया। तिहाड़ जेल में बंद संदीप उर्फ कला जठेड़ी और अनिल छीपी के संपर्क में आया। जेल से रिहा होने के बाद वह फिर से अपराध में शामिल हो गया और दिल्ली और हरियाणा की अलग-अलग जेलों में बंद रहा। वर्ष 2011 में वह फरार आरोपित राजकुमार उर्फ राजू बसौदी, सुनील उर्फ बांदा समेत अन्य के संपर्क में आया। इसके बाद उसने दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में हत्याएं और डकैती जैसी वारदातों को अंजाम दिया । उसने अपने साथियों के साथ अपने बहनोई राजेश की भी हत्या कर दी क्योंकि राजेश ने इसकी बहन की हत्या की थी। वर्ष 2012 में, उसने अपने साथियों के साथ एक जेल पुलिस वैन को रोका और जेल वैन के अंदर दिलबाग और फौजी की हत्या कर दी क्योंकि अनिल छीपी की उनसे दुश्मनी थी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और रोहतक जेल भेज दिया गया, जहां वह संदीप उर्फ काला जठेड़ी गिरोह का एक महत्वपूर्ण सदस्य बन गया। फिर वह अपने साथियों के माध्यम से अपराध करने लगा। जेल में बंद रहने के दौरान उसने हत्याएं कराईं और फिरौती के कॉल किए। वर्ष 2016 में गुरुग्राम जेल में उसकी मुलाकात दीपक उर्फ टीनू भवानी से हुई, जो लॉरेंस बिश्नोई-संपत नेहरा गैंग का सदस्य था। वहां वह जोध पुर जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और फरार चल रहे संपत के संपर्क में आया। फिर इसने संदीप उर्फ काला जठेड़ी से उनका परिचय कराया। साल 2017 में संपत नेहरा ने पुलिस पार्टी पर हमला कर टीनू भिवानी को पंचकूला में हरियाणा पुलिस की हिरासत से छुड़ा लिया था । जेल से रिहा होने के बाद राजू बसौदी भी इस नए गिरोह में संपत नेहरा के जुड़े होने के कारण शामिल हो गया। इस नवगठित गिरोह ने दिल्ली -एनसीआर में कई हत्याएं की और इस तरह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के संपर्क में आया। आरोपित नरेश लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर रंगदारी वसूलने लगा। इस दौरान कई अपराधी जैसे अक्षय पालदा, भांडू करोड़ और अन्य भी उनके गिरोह में शामिल हो गए और कई हत्याएं की। नवगठित गिरोह लॉरेंस बिश्नोई, संपत नेहरा, काला जठेड़ी और नरेश सेठी से निर्देश लेता था। आरोपित नरेश वर्ष 2019 में सफदरजंग अस्पताल जाने के दौरान हरियाणा पुलिस की हिरासत से फरार हो गया था। उसके भागने के लिए लॉरेंस बिश्नोई द्वारा काला राणा और राजू बसौदी के माध्यम से व्यक्तियों की व्यवस्था की गई थी। साल 2020 में लॉरेंस बिश्नोई और संपत नेहरा ने उसे पुलिस वैन पर हमला करने और संदीप उर्फ काला जठेड़ी को वैन से छुड़ाने के लिए कहा। उसने अपने साथियों के साथ गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर पुलिस वैन पर हमला कर दिया और संदीप को भागने में सफल रहे । लेकिन भागते समय नरेश खुद पुलिस की गिरफ्त में आ गया जबकि काला जठेड़ी भागने में सफल रहा। नरेश सेठी और लॉरेंस बिश्नोई का यह गिरोह दिल्ली में काफी सक्रिय हो गया था. वर्तमान में नरेश सेठी जेल में है और उसका एक रिश्तेदार अक्षय, जो विदेश में रह रहा है, वह अन्य सहयोगियों के माध्यम से व्यवसायियों पर फायरिंग कर डराते हैं रंगदारी मांगते है.तदनुसार, अपराधियों को पकड़ने के लिए सयुंक्त आयुक्त एस. डी. मिश्रा और उपायुक्त अंकित सिंह ने सहायक आयुक्त उमेश भर्थवाल की देखरेख में एक टीम का गठन निरीक्षक रामपाल के नेतृत्व में किया जिसमे उप निरीक्षक हेमंत, उप निरीक्षक मुकेश, उप निरीक्षक देवी दयाल, सहायक उप निरीक्षक नरेंद्र, प्रधान सिपाही अमित गुलिया, प्रधान सिपाही अमित कुमार, प्रधान सिपाही राम नरेश, प्रधान सिपाही राम दास, प्रधान सिपाही ओमबीर,प्रधान सिपाही संजय, प्रधान सिपाही सिद्धार्थ, सिपाही आशीष और महिला सिपाही शिकाला शामिल थे| टीम ने लगातार काम करते हुए इस अपराध में शामिल अपराधियों के बारे में जानकारी विकसित की व सीसीटीवी फुटेज का सूक्ष्मता से विश्लेषण किया गया, जिसमें अपराधियों को शिकायतकर्ता पर फायरिंग करते हुए देखा गया था । फुटेज पर काम करते हुए टीम को हमलावरों की पहचान के बारे में कुछ सुराग मिले। जब दोनों अपराधियों के संबंध में गुप्त सूचना मिली, तो टीम द्वारा दिल्ली के दिचाऊ-हिरण कूदना रोड के पास जाल बिछाया गया और एक मोटरसाइकिल पर सवार दो व्यक्तियों को रुकने का इशारा किया, लेकिन पीछे बैठे बदमाश ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी। पुलिस टीम ने भी खुद को बचाने के लिए हवा में फायरिंग की और सफलतापूर्वक दोनों को काबू कर लिया। उनकी पहचान समीर, 18 वर्षीय, निवासी सांपला, हरियाणा और एक नाबालिग के रूप में हुई। दोनों ने नरेला की उक्त फायरिंग घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है| पूछताछ के दौरान, यह पता चला कि दोनों आरोपित व्यक्ति एक गैंगस्टर अक्षय (नरेश सेठी गिरोह के शार्प शूटर) के संपर्क में थे, जो भारत से बाहर रह रहा है। अक्षय ने अपने एक सहयोगी बंटी के जरिए समीर से संपर्क किया और उसे विकास दहिया के ऑफिस पर फायरिंग करने का काम सौंपा। गत 27/04/2023 को समीर, बंटी और एक अन्य नाबालिग ने विकास दहिया के कार्यालय पर गोलियां चला दीं। गोली लगने से विकास दहिया और उसका एक साथी देवी वीर सिंह घायल हो गए और सभी मौके से फरार हो गए। घटना के बाद तीनो उत्तराखंड के हरिद्वार में कहीं छिप गए । जब वे हरियाणा में छिपने के लिए जा रहे थे तो दोनों को पकड़ लिया गया।
प्रोफ़ाइल:
1. समीर, 18 वर्ष, निवासी, सांपला, रोहतक, हरियाणा में अपने परिवार के साथ रह रहा था। इसके माता-पिता की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी । यह अनपढ़ है और पैसे की चाहत और जुर्म की दुनिया में मशहूर होने के लिए गिरोह में शामिल हो गया।
बरामदगी :
•एक पिस्तौल व जिंदा कारतूस ।
•एक बजाज प्लेटिना मोटरसाइकिल।