अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस द्वारा सरकारी वेबसाइट को हैक करके फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बना कर जारी करने वाले दो शातिर आरोपितों को बिहार से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गई है।हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए आरोपितों की पहचान संतोष व मंतोष निवासी गांव बरदौनी बादी जिला समस्तीपुर, बिहार के रूप में हुई है। दोनों आरोपितों को पुलिस करनाल रेंज के साइबर क्राइम पुलिस थाना की टीम द्वारा उनके गांव से गिरफ्तार करके लाया गया।
आरोपितों के कब्जे से दो लैपटॉप, दो मोबाइल फोन, एक सीपीयू, एक मोरपो व एक एटीएम कार्ड बरामद किया गया। जिसके बाद रिमांड के दौरान पूछताछ व अन्य विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर जांच में खुलासा हुआ कि आरोपितों द्वारा हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व अन्य कई राज्यों की वेबसाइट हैक करके करीब 800 फर्जी जन्म एंव मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर चुके हैं।
पुलिस को प्रधान चिकित्सा अधिकारी, जिला नागरिक अस्पताल, जिला करनाल ने शिकायत दी थी कि जिला नागरिक अस्पताल, करनाल की जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीकरण इकाई के ई-मेल आईडी व पासवर्ड को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा हैक करके उनका दुरुपयोग करते हुए अपने फर्जी हस्ताक्षर अपलोड करके ऑनलाईन जन्म एंव मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। जो पूर्णतया अवैध और गैरकानूनी है। इस संबंध में अज्ञात आरोपितों के खिलाफ साइबर क्राइम थाना करनाल रेंज, करनाल में धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी व 66 सी आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। शिकायत के बाद मामले में प्रभावी कार्रवाई करते हुए साइबर क्राईम टीम द्वारा विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर दोनों आरोपित भाईयों को बिहार में उनके गांव से गिरफ्तार किया गया।जांच में खुलासा हुआ कि इस फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने के कार्य के लिए आरोपितों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक वाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ था। जैसे ही कोई व्यक्ति जन्म एंव मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए इनके संपर्क में आता तो वह उसका मैसेज इस वॉट्सअप ग्रुप में डाल देते और मध्य प्रदेश का रहने वाला विकास नाम का व्यक्ति वेबसाइट हैक करके उसका लिंक इस ग्रुप में भेज देता था। जिसके बाद दोनों आरोपित संबंधित राज्य की जन्म एंव मृत्यु प्रमाण पत्र की वेबसाइट खोलकर संबंधित व्यक्ति का फर्जी प्रमाण पत्र जारी करके अपने फर्जी हस्ताक्षर करके वॉट्सअप के माध्यम से ही जारी प्रमाण पत्र उसे भेज देते थे। फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने की एवज में आरोपित मोटी रकम वसूलते थे। जिसेे आरोपित पेटीएम या अन्य डिजिटल माध्यम से अपने खाते में डलवाते थे।
आरोपितों को आज पेश अदालत करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया। फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने की वारदात में संलिप्त मास्टरमांइड व अन्य संलिप्त आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। इन आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
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