अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने आज शनिवार को जसीडीह औद्योगिक क्षेत्र, देवघर (झारखंड) में आयोजित विशाल विजय संकल्प जनसभा को संबोधित किया और झारखंड में पुनः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार बनाने की अपील की। कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, भाजपा प्रभारी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी, केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी और भाजपा सांसद सुनील सोरेन भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में जनता की भारी भीड़ थी। बाबा वैद्यनाथ को नमन करते हुए शाह ने कहा कि इस पावन भूमि का कण-कण शंकर है।
यह ऋषि-मुनियों की भूमि है, आजादी का इतिहास लिखने वाली भूमि है। उन्होंने भगवान् बिरसा मुंडा, बाबा तिलका मांझी सहित सभी आदिवासी स्वातंत्र्य सेनानियों को नमन करते हुए डबल इंजन सरकार के समय हुए विकास की कहानी की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज देवघर में नैनो तरल यूरिया की फैक्ट्री में काम शुरू हुआ है। विश्व में सबसे पहला तरल नैनो यूरिया इफ्को ने बनाया है। यह संयंत्र 6 करोड़ बॉटल नैनो तरल यूरिया का उत्पादन करेगा। इसका मतलब यह हुआ कि इससे 6 करोड़ यूरिया बैग की खपत कम होगी। इससे भूमि संरक्षण भी होगा और किसानों की
आय भी बढ़ेगी। साथ ही, प्रकृति का भी संरक्षण और संवर्धन होगा। इससे पूरे संथाल परगना का विकास होगा। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 01 फरवरी को ही नरेन्द्र मोदी सरकार ने अमृतकाल का पहला बजट पेश किया है। इस बजट में मध्यम वर्ग को बहुत बड़ी राहत दी गई है। 7 लाख रुपये तक की सालाना आय को कर मुक्त कर दिया गया है। इस बजट में एकलव्य मॉडल स्कूलों में लगभग 38,800 शिक्षकों की भर्ती का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं, मोदी सरकार ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले एक साल के लिए और आगे बढ़ा दिया है। पिछले ढाई साल से ये योजना चल रही है जिसके माध्यम से देश के लगभग 80 करोड़ लोगों तक हर महीने पांच किलो गेहूं/चावल और एक किलो दाल मुफ्त में पहुंचाई जा रही है। इस बजट में युवाओं के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, एडवांस स्किल ट्रेनिंग की व्यवस्था करने के साथ-साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और गरीबों के कल्याण के लिए कृतसंकल्पित है। इस बार जब देश के राष्ट्रपति पद के लिए चुनने का अवसर आया तो हमारे प्रधानमंत्री ने एक गरीब आदिवासी घर की बेटी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को इस पद पर प्रतिष्ठित किया। यह हर आदिवासी का सम्मान है, हर गरीब का सम्मान है, महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया एक निर्णायक कदम है। झारखंड की गठबंधन सरकार पर जोरदार हमला करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज झारखंड में सबसे भ्रष्ट सरकार है। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग झारखंड राज्य इसलिए बनाया था ताकि यहाँ का विकास हो। आदिवासी भाइयों, दलित भाई और पिछड़े वर्ग के भाइयों का कल्याण हो। जब हमारी डबल इंजन वाली सरकार आई तो रघुवर दास जी ने अच्छी शुरुआत की थी लेकिन फिर से हेमंत सोरेन जी आ गए। उनके साथ कांग्रेस और राजद वाली भ्रष्टाचारी ताकतें भी जुड़ गईं। इन लोगों ने तो रेलवे वैगन और ट्रैक्टर से भी भ्रष्टाचार किया। झारखंड की ऐसी सरकार को शर्म आनी चाहिए। जो पैसा गरीब आदिवासियों के विकास के लिए है, जो पैसा पैसा पिछड़े वर्ग के गरीब भाईयों और दलित भाइयों के विकास के लिए है, झारखण्ड की राज्य सरकार के संरक्षण में उसका गबन करके दिल्ली में बैठे एक परिवार के दरबार में पहुंचाया जा रहा है। लेकिन, जनता सब जानती है। एक बार चुनाव के मैदान में आ जाइए, दो-दो हाथ कर लीजिये। झारखंड की जनता आपको हटाने के लिए तैयार बैठी है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हेमंत सोरेन केवल भ्रष्टाचार ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे वोट बैंक की लालच में यहां की जनसांख्यिकी भी बदल रहे हैं। उनकी सरकार घुसपैठियों को बसा कर यहां की डेमोग्राफी भी बदल रही है। आदिवासी और पिछड़े बहुल क्षेत्र में घुसपैठ बढ़ रही है और आदिवासियों एवं पिछड़ों की संख्या कम हो रही है। ये अवैध घुसपैठिये आदिवासियों की जमीन हथिया रहे हैं, आदिवासी बच्चियों के साथ अत्याचार कर रहे हैं और वोट बैंक की लालच में हेमंत सोरेन इन घटनाओं को देख कर मुस्करा रहे हैं। हेमंत सोरेन , आप जो कर रहे हो, उसे पूरा झारखंड देख रही है। इसे झारखंड के युवा समझ रहे हैं, यहाँ की हर बच्ची इसे समझ रही है, आदिवासी भी समझ रहे हैं। साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोंडा और जामताड़ा में आदिवासियों की संख्या तेजी से घट रही है और घुसपैठियों की संख्या बढ़ रही है। यहाँ आदिवासियों की संख्या 35 प्रतिशत से घट कर 24 प्रतिशत रह गई है। घुसपैठिए जमीन कब्जा कर रहे हैं लेकिन हेमंत सोरेन की बोलने की हिम्मत ही नहीं है क्योंकि उनकी वोट बैंक की पॉलिटिक्स और उनके साथी पार्टी कांग्रेस पार्टी उनको रोक रही है। लेकिन, भाजपा के कार्यकर्ता यह होने नहीं देंगे, हम यहाँ की डेमोग्राफी नहीं बदलने देंगे। झारखंड जिसका है, उसी का रहेगा।
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