अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: अरावली पर्वत श्रृंखला में क्षरित भूमि के पुनर्वास, भूजल स्तर में बढ़ोतरी, जैव विविधता संरक्षण को बढ़ाने व स्थायी भूमि उपयोग के लिए सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से गुरुग्राम में तीन दिवसीय अरावली ग्रीन वॉल पार्टनरशिप शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन के सत्र का केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव व हरियाणा के पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। राज्य जैव विविधता बोर्ड और द नेचर कंजर्वेंसी इंडिया सॉल्यूशंस (एनसीआईएस) द्वारा संयुक्त तत्वावधान में यह कार्यक्रम में गुरुग्राम में आयोजित किया जा रहा है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के नक्शे पर गुरुग्राम तीव्र गति से बढ़ता एक आधुनिकता शहर है, जिसमें विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के समानांतर हमें ग्रीन डेवलोपमेन्ट पर भी विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि यदि हम प्रकृति को उसके तरीके से धैर्यपूर्वक रूप में विकसित होने देंगे तो निश्चित रूप से मानव जाति को इसका सकारात्मक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित आस-पास के क्षेत्र को सांस देने के साथ-साथ रेगिस्तान को भी बढ़ने से रोकती है। ऐसे में अरावली के संरक्षण को लेकर सामूहिक प्रयास में हम सभी को अपना योगदान करना चाहिए। अरावली ग्रीन वाल परियोजना के तहत भविष्य में गुरुग्राम व आस-पास के जिलों की सामाजिक, धार्मिक, शिक्षण व अन्य संस्थाएं मिलकर अरावली के विकास में कार्य करेंगे। जिससे क्षेत्र में इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ग्रीन अरावली अभियान को लेकर पूर्णतः सक्रिय है, जिसमें अरावली के विभिन्न चिन्हित बिंदुओं पर ईको रेस्टोरेशन का काम भी सफलता पूर्वक किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार द्वारा प्रकृति व जल संरक्षण को लेकर मिशन लाइफ व एक पेड़ मां के नाम जैसे महत्वपूर्ण अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें लोगों की बढ़ती सहभागिता ने इसे एक आंदोलन का रूप दिया है। केंद्रीय मंत्री ने अरावली क्षेत्र में हो रहे क्षरण पर चिंता जताते हुए कहा कि हमे अरावली क्षेत्र में बढ़ते शहरीकरण को एक चुनौती के रूप में देखना होगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में जैव विविधता में अरावली पर्वत श्रंखला काफी मददगार है। उन्होंने अरावली संरक्षण में प्राकृतिक उपायों को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि हमें इस क्षेत्र में सॉइल हेल्थ पर भी काम करना होगा। केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान अरावली क्षेत्र को विभिन्न जोन में विभाजित कर वहां जिला की विभिन्न संस्थाओं से एक पेड़ मां के नाम अभियान में सहभागिता का आह्वान भी किया।सम्मेलन को संबोधित करते हुए हरियाणा के पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि हम हरियाणा वासियों का सौभाग्य है कि दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला अरावली व नवीनतम पर्वत श्रृंखला शिवालिक हरियाणा की धरती पर विस्तारित हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सभ्यता, संस्कृति व प्रगति सब पर्यावरण पर निर्भर रहती है। आधुनिकता की अंधी दौड़ में हम प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों को लेकर विमुख हो गए हैं, जिसके दुष्परिणाम हमारी आगामी पीढ़ियों को देखने को मिलेंगे। मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि मनुष्य जीवन मे जन्म से लेकर मृत्यु तक पेड़ों का सदैव महत्व बना रहता है। ऐसे में जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों पर हमें पौधरोपण व बाद में उनकी देखभाल अवश्य करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जल संचयन में पेड़-पौधों की अहम भूमिका होती है। पेड़-पौधों के बिना पानी को नहीं बचाया जा सकता। वर्तमान समय में बढ़ते शहरीकरण के चलते जल का संचयन करना आवश्यक हो गया है। सभी को इस दिशा में आगे आना होगा। ऐसा करने से ही जल संकट का समाधान हो सकता है। जहां भी संभव है लोग पौधे लगाएं और उसे संरक्षित करें।राव नरबीर सिंह ने नागरिकों से जंगल को बचाने में भी सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जंगल प्राकृतिक होते हैं, इसलिए पेड़-पौधे तो लगाए जा सकते हैं, लेकिन जंगल नहीं बनाया जा सकता है। वन विभाग भी इस दिशा में गंभीरता से पहल कर रहा है। आम लोग भी अपने-अपने स्तर से जल संचयन के लिए प्रयास करें और इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दें। इस दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने गुरुग्राम शहर के जल निकायों पर कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। सम्मेलन में अरावली संरक्षण के लिए सहयोग के रूप में हरियाणा सरकार के राज्य वन विभाग और सांकला फाउंडेशन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए।
कार्यक्रम में वन, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार में महानिदेशक एस.के. अवस्थी, राज्य जैव विविधता बोर्ड, पीसीसीएफ के सह सदस्य सचिव डॉ. विवेक सक्सेना, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री विनीत गर्ग, द नेचर कंजर्वेंसी इंडिया सॉल्यूशंस (एनसीआईएस) की प्रबंध निदेशक डॉ. अंजलि आचार्य, हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष रणदीप सिंह जौहर गुरुग्राम मंडल के वन संरक्षक सुभाष यादव सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।