अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने आज मानेसर में इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) का दौरा किया। इस दौरान आईसीएटी प्रबंधन ने उन्हें उन्नत प्रयोगशालाओं, परीक्षण पथों और अत्याधुनिक तकनीकों, जिसमें क्रैश टेस्ट, प्रतिध्वनि अध्ययन के लिए ध्वनिक कक्ष और ईंधन प्रवाह परीक्षण तंत्र शामिल हैं, का गहन अवलोकन कराया।केंद्रीय मंत्री ने इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स लैब तथा उन्नत ऑटोमोटिव आईटी सेवाओं के लिए उत्कृष्टता केंद्र (एएआईटीएस) का शिलान्यास करने उपरांत मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि आईसीएटी संस्थान विकसित भारत की संकल्पना व ऑटोमोटिव उत्कृष्टता की दिशा में भारत के अभियान का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने कहा कि आईसीएटी की अत्याधुनिक सुविधाएं, जिसमें इसकी उन्नत प्रयोगशालाएँ और परीक्षण अवसंरचना शामिल हैं, ऑटोमोटिव नवाचार में भारत की क्षमताओं का प्रमाण हैं। कुमारस्वामी ने भारी उद्योग मंत्रालय की नवाचार को बढ़ावा देने, नीतिगत ढांचे बनाने और भारत को ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि आईसीएटी केवल एक परीक्षण और अनुसंधान सुविधा नहीं है, यह भारत में गतिशीलता के भविष्य को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय और सरकार के साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने फेम योजना, पीएम ई ड्राइव और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना जैसी सरकारी पहलों में आईसीएटी के महत्वपूर्ण योगदान का भी उल्लेख किया। उन्होंने ऑटोमोटिव क्षेत्र में स्वदेशी विनिर्माण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में आईसीएटी की भागीदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संस्थान भारत की ऑटोमोटिव आकांक्षाओं का प्रतीक है, जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और टिकाऊ परिवहन में हमारे बदलाव में महत्वपूर्ण योगदान देता है। केंद्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया कि भारी उद्योग मंत्रालय आईसीएटी को इसके निरंतर विकास और सफलता को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव तरीके से समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में 7% से अधिक का योगदान देता है और लाखों लोगों को रोजगार देता है, आने वाले वर्षों में मजबूत वृद्धि देखने की उम्मीद है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि आईसीएटी की तकनीकी विशेषज्ञता, अनुसंधान और होमोलोगेशन सेवाएं यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी कि यह वृद्धि वैश्विक स्तर पर टिकाऊ, सुरक्षित और प्रतिस्पर्धी हो। उन्होंने कहा कि हम भारत को ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी और नवाचार में वैश्विक लीडर बनाने की ओर अग्रसर हैं। जिससे भारतीय और वैश्विक ग्राहकों के लिए सुरक्षित, बेहतर वाहन सुनिश्चित हो सकें। श्री कुमारस्वामी ने ऑटोमोटिव क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए आईसीएटी टीम की सराहना कर उन्हें स्थिरता, सुरक्षा और नवाचार को आगे बढ़ाने में उन्हें प्रोत्साहित भी किया।इस अवसर पर भारी उद्योग मंत्रालय से केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव डॉ. तेजस्वी एस नाइक,आईसीएटी निदेशक सौरभ दलेला, डीजीएम मधुसूदन जोशी व प्रशांत विजय, सीनियर मैनेजर पवन ठाकुर व प्रीतम सिंह, एचआर हेड कर्नल सुधीर चौधरी व एजीएम केशव त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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