Athrav – Online News Portal
गुडगाँव व्यापार

केंद्रीय भारी उद्योग एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आयोजित न्यू जेन मोबिलिटी समिट के समापन समारोह में पहुंचे। 

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
गुरुग्राम: केंद्रीय भारी उद्योग एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि आइकेट की ओर से आयोजित न्यू जेन मोबिलिटी सम्मिट 2019 में नेशनल आटो मोटिव बोर्ड के गठन का जो प्रस्ताव सामने आया है उस पर भारत सरकार गंभीरता से विचार करेगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि आइकेट की ओर से इस संबंध में जो प्रस्ताव उनके मंत्रालय को भेजा जाएगा उसको लेकर केंद्र सरकार में हाई लेवल पर इस पर विचार किया जाएगा। उनकी पूरी कोशिश होगी कि इस प्रकार की कोई राष्ट्रीय संस्था का गठन हो जिसकी जिम्मेदारी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार करने और विभिन्न मंत्रालयों के साथ कोआर्डिनेशन स्थापित करने की हो। इससे इस इंडस्ट्री के लिए नीति निर्धारित करना व उन पर निर्धारित समय सीमा में अमल कराना संभव होगा। मेघवाल शुक्रवार देर सांय मानेसर स्थित आइकेट सेंटर में आयोजित न्यू जेन मोबिलिटी समिट 2019 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि तीन दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों ने 100 से अधिक टेक्निकल पेपर का प्रदर्शन किया। उस दौरान जो विचार विमर्श किया गया, वास्तव में यह देश के हित में है।

इससे  देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की आवश्यकता एवं इनके अनुकूल नीतियों के निर्धारण की दृष्टि से विभिन्न मंत्रालयों के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए जिस राष्ट्रीय संस्था के गठन की बात इस सम्मेलन में सामने आई है उसको लेकर वे स्वयं भी उत्साहित हैं और आइकेट के विशेषज्ञों के इस प्रस्ताव का पुरजोर वकालत करेंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार के समक्ष इस प्रस्ताव को रखा जायेगा.उन्होंने कहा वीएस 4 से वीएस 6 तकनीक वाले इंजन की ओर हम निर्धारित समय सीमा के तहत स्थानांतरित होने के प्रयास में हैं। इसमें अलग अलग संस्थाओं एवं विभिन्न कंपनियों का पूरा सहयोग भी भारत सरकार को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए इंडियन आयल सहित सभी आयल कंपनियों ने भी अपनी तैयारी लगभग कर ली है। केंद्र सरकार की सभी कंपनियों से भी इस मद में मदद देने के लिए आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इ-मोबिलिटी को बढ़ावा देना चाहती है और सरकार की ओर से वर्तमान बजट में फैब इंडिया के लिए 10,000 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सभी बड़ी कंपनियों को अलग-अलग क्षेत्रों में इलेक्ट्रिकल चार्जिंग स्टेशन की स्थापना करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को न्यू टेक्नोलॉजी अडॉप्ट करने की दृष्टि से और भी अन्य प्रकार के सहयोग केंद्र सरकार की ओर से मिलेंगे।केंद्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री ने उद्यमियों को आश्वस्त किया की चौथी औद्योगिक क्रांति में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की आर्थिक शक्ति बनाने का लक्ष्य रखा है तो इसमें ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का भी बड़ा योगदान होगा।

इसलिए ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री इस बात के लिए आश्वस्त रहे कि विकास के इस प्रयास में उन्हें भी साथ लिया जाएगा और उनके विकास लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।उन्होंने आश्वस्त किया कि रिसर्च एंड डेवलपमेंट की दृष्टि से पैसे की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। केन्द्रीय मंत्री ने विशेषज्ञों की ओर से आने वाले समय में बड़े पैमाने पर पुराने वाहनों के रूप में बनने वाले ऑटोमोबाइल कचरे के निस्तारण की चिंता के प्रति सहमति जताई। उन्होंने माना कि अगले 10 से 15 साल के दौरान पुराने वाहनों की रीसाइक्लिंग करने की व्यवस्था करना भी बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए अलग से रीसाइक्लिंग यूनिट की स्थापना करनी होगी साथ ही इतने बड़े पैमाने पर जमा होने वाले वेस्ट मटेरियल की प्लेसिंग की दृष्टि से भी जगह का चयन करना होगा।केंद्रीय मंत्री ने अपने भाषण के दौरान तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय न्यू जेन मोबिलिटी समिट 2019 को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए आइकेट के निदेशक दिनेश त्यागी की बारंबार सराहना की।उन्होंने कहा कि यह सही है कि उनका 1 साल पूर्व देखा गया इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन का सपना साकार हुआ और आने वाले अक्टूबर 2021 में प्रस्तावित न्यू जेन मोबिलिटी सम्मिट के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन वास्तव में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ही नहीं बल्कि देश के लिए भी बहुत लाभकारी होते हैं और आइकेट की पूरी टीम इसके लिए सराहना के पात्र हैं कि उन्होंने इतने बड़े आयोजन के लिए बेहतरीन व्यवस्था की जिसमें 15 देशों के ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों ने भाग लिया और आपस में तकनीकी आदान-प्रदान एवं विचार विमर्श किया। उनका कहना था कि आगामी प्रस्तावित न्यू जेन मोबिलिटी सम्मिट 2021 देश की आजादी के 75 वर्ष में आयोजित होगा जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत महोत्सव का नाम दिया है।

उन्होंने कहा यह हमारे लिए और भी खुशी की बात होगी कि 75 वें  वर्ष यानी अमृत महोत्सव के दौरान आइकेट जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था का भी इस आयोजन के माध्यम से बड़ा योगदान होगा। तब उन्होंने इशारे इशारे में बताया की उस सम्मेलन में संभव है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो सकते हैं। मेघवाल ने कहा कि इंडियन आयल कंपनी के निदेशक की ओर से जो चिंता देश के पास लिथियम नहीं होने की व्यक्त की गई है यह आने वाले समय में शीघ्र ही निर्मूल साबित होगी, क्योंकि राजस्थान के नागौर- थार में लिथियम उपलब्ध होने के संकेत मिले हैं । उन्होंने बताया कि राजस्थान के उक्त क्षेत्र में पोटाश की उपस्थिति बड़ी मात्रा में है जहां लिथियम होने के संकेत मिले हैं ।उन्होंने उम्मीद व्यक्त की की ई – मोबिलिटी को प्रभावी तरीके से देश में लागू करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं आएगी और देश लिथियम की बैटरी बनाने की दृष्टि से भी आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर बन सकता है. उन्होंने तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान 100 से अधिक टेक्निकल पेपर्स प्रदर्शित करने वाले रिसर्च स्कॉलर्स स्टूडेंट्स और अलग-अलग कंपनियों के विशेषज्ञों को बेहतरीन तकनीकी प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया और भविष्य में और भी बेहतर तकनीकि खोज करने के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। इससे पूर्व आइकेट के निदेशक दिनेश त्यागी ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि सम्मेलन के 3 दिन में लगभग 100 से अधिक टेक्निकल रिसर्च पेपर्स प्रदर्शित किए गए।



15 से अधिक देशों के तकनीकी विशेषज्ञों एवं ऑटोमोबाइल प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए. सम्मेलन में 200 से अधिक स्टाल पर ई – मोबिलिटी, हाइड्रो-मोबिलिटी सहित अन्य अल्टरनेटिव ऑटोमोबाइल फ्यूल से संबंधित कंपोनेंट्स एवं वाहनों का भी शानदार प्रदर्शन किया गया। इंडस्ट्री के लोगों के लिए ट्रेनिंग और ट्रेक टेस्टिंग भी आयोजित किये गए जिनमे बड़ी संख्या में लोगों ने रूचि दिखाई। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के लिए लगभग 1 वर्ष पूर्व उन्होंने जो सपना देखा था वह आज इतनी बड़ी सफलता प्राप्त करने के बाद साकार साबित हुआ। त्यागी ने सम्मेलन के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा उठाये गए नीतिगत विषयों की विस्तार से जानकारी दी और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को संतुलित तरीके से विकसित करने में मदद करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक संस्था के गठन का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि अधिकतर विशेषज्ञों का यह मानना था कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से संबंधित अलग-अलग विषयों को लेकर देश में अलग-अलग मंत्रालय और विभाग हैं और उनके बीच कई बार नीतिगत मतभेद होने के कारण निर्णय करने में देरी होती है। इसका खामियाजा उद्योग जगत को भुगतना पड़ता है। अंतः इससे औद्योगिक विकास पर असर पड़ता है,इसलिए आने वाले समय में इस प्रकार की व्यवस्था की जाए की सभी मंत्रालयों के बीच सामंजस्य स्थापित करने वाली एक संस्था हो जो ऑटोमोबाइल के लिए नीति निर्धारक और उस पर अमल कराने वाले अधिकार संपन्न भी हो।

Related posts

डीसी यश गर्ग ने स्वयंसेवक चिकित्सकों,रिटायर्ड डॅाक्टरों , मेडिकल विद्यार्थियों व नर्सिंग स्टाफ से मदद का हाथ बढ़ाने की अपील की है।

Ajit Sinha

मैं यहां मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं, सेवादार बन कर किसानों की सेवा करने आया हूं- सीएम अरविंद केजरीवाल

Ajit Sinha

जनता को मोदी-मनोहर सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाएं, बड़ी जीत सुनिश्चित है: नायब सैनी

Ajit Sinha
error: Content is protected !!