अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया राहुल गांधी पर पलटवार। उन्होनें कहा कि राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में जब समग्र भारत कोविड-19 की महामारी से निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है, तब ऐसे समय में कांग्रेस ने नकारात्मक राजनीति की पराकाष्ठा पार कर रही है। कांग्रेस की इस नकारात्मक राजनीति से देश की जनता ने कब का किनारा कर लिया है। आज की राहुल गांधी की प्रेस वार्ता कांग्रेस की इसी नकारात्मक राजनीति का उदाहरण है। ऊपर से राहुल गाँधी ने प्रेस कांफ्रेंस में जो भी बोला, वह झूठ के पुलिंदे के सिवा कुछ और नहीं था। मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूँ कि जब देश में कंप्लीट लॉकडाउन लगा था, तब तीन दिन में ही संक्रमण की संख्या दोगुनी हो रही थी जबकि अब 12 -13 दिनों में संक्रमण के मामले डबल हो रहे हैं। यह देश की सफलता है। जब कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लगाया गया, तब भी कांग्रेस ने हाय-तौबा मचाया था कि इससे अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी । आज जब लॉकडाउन धीरे-धीरे हट रहा है, तब भी कांग्रेस इसके विरोध में है कि लॉकडाउन हटाया क्यों जा रहा है? यह कांग्रेस का दोहरा रवैया और पाखंड नहीं तो और क्या है?
उन्होनें कहा कि अमेरिका, ब्राजील, इटली, ब्रिटेन, फ्रांस और यहाँ तक कि चीन में भी इस महामारी के कारण जितना भारी नुकसान हुआ है, उसकी तुलना में भारत का नुकसान काफी कम है। इसलिए भारत द्वारा समय पर लॉकडाउन का कदम उठाने की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। भारत के जिस कदम की पूरी दुनिया प्रशंसा करती है, कांग्रेस को उसका विरोध करने की आदत है। यही कांग्रेस की दोहरी मानसिकता का परिचायक है। राहुल गाँधी लगातार प्रवासी मजदूरों की बात करते हैं लेकिन बयान देने के अलावे कांग्रेस शासित राज्यों में भी प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए वे कोई कदम नहीं उठाते। वे बस मजदूरों की समस्या की आड़ में अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं। रेल मंत्रालय ने अब तक लगभग 3000 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये 40 लाख से अधिक लोगों को उनके गंतव्य प्रदेशों तक पहुंचाया है। उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे भाजपा शासित राज्य मजदूरों के एकाउंट में कैश ट्रांसफर कर रहे हैं, उनके रोजगार की व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस बताये कि वे अपने शासित प्रदेशों में मजदूरों के लिए कौन-कौन से कदम उठा रहे हैं? भाजपा तू-तू, मैं-मैं की राजनीति नहीं करना चाहती क्योंकि यह राष्ट्रीय आपदा का समय है लेकिन राहुल गाँधी कुछ भी बोलेंगे, झूठ पर झूठ बोलेंगे और देश सुनेगा, अब ऐसा चलने वाला नहीं है। देश की जनता झूठ की राजनीति पसंद नहीं करती। राहुल गाँधी बार-बार गरीबों को साढ़े सात हजार रुपये देने की बात करते हैं। मैं राहुल गाँधी को बताना चाहता हूँ कि मोदी सरकार ने इससे कहीं अधिक मदद गरीबों और मजदूरों को पहुंचाया है।
मोदी सरकार ने फ़ूड सिक्योरिटी के तहत देश के हर गरीब परिवार को पांच महीने तक 25 किलो चावल/गेहूं और 5 किलो दाल मुफ्त पहुंचाने का प्रबंध किया है। इतना ही नहीं, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी 10 किलो अनाज और 2 किलो दाल मुफ्त में दी जा रही है। महिला जन-धन खाता धारकों के एकाउंट में 500 रुपये के हिसाब से हर एकाउंट में 1500 रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं। किसानों के एकाउंट में 2000 रुपये की सम्मान निधि अग्रिम क़िस्त के रूप में ट्रांसफर की जा चुकी है। देश के लगभग 8 करोड़ घरों में तीन गैस सिलिंडर केंद्र सरकार द्वारा मुफ्त दिया जा रहा है। दिव्यांगों और बुजुर्गों के एकाउंट में 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। इसके अतिरिक्त लगभग 50 लाख रेहड़ी-पटरी वाले लोगों को दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की योजना शुरू की जा रही है। राहुल गाँधी, हिसाब कर लीजिये, आपकी मांग से कहीं अधिक मोदी सरकार ने लोगों को आर्थिक सहायता दी है। जब पूरे देश को एक स्वर में बात करनी चाहिए, तब कांग्रेस विरोध की राजनीति करती है, तिस पर कांग्रेस के आरोप भी सत्य से कोसों दूर होते हैं, इसलिए कांग्रेस को इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए। यही कारण है कि कांग्रेस से जनता ने किनारा कर लिया है।