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फरीदाबाद

संयुक्त किसान मोर्चा, फरीदाबाद ने आज लोहड़ी पर्व पर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन किसान विरोधी कानूनों की प्रतिया जलाई  

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: संयुक्त किसान मोर्चा फरीदाबाद के आहवान पर आज लोहड़ी के पावन पर्व पर जिला उपायुक्त कार्यालय फरीदाबाद के सामने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन किसान विरोधी कानूनों की प्रतिया जलाई गई। किसानो ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष विरोध सभा का आयोजन किया गया। जिस की अध्यक्षता मास्टर वीरेंदर सिंह, दयालपुर ने की तथा संचालन नहरपार किसान संघर्ष समिति के संयोजक सत्यपाल नरवत ने किया।  किसान वहां से 12:30 बजे जुलुस  की शक्ल में नारेबाजी करते हुए उपायुक्त कार्यालय के गेट के सामने पहुंचे।  वहां पर रेलवे फ्रंट कॉरिडोर किसान संघर्ष समिति ने अपना मांगपत्र उपायुक्त यशपाल यादव  की अनुपस्तिथि में तहसीलदार  को सौंपा।  जिसमें  उन्होंने मांग रखी की उत्तर प्रदेश में किसानों को प्रत्येक हिस्सेदार को 5.50 लाख रूपए  दिए है तो रेलवे विभाग, फरीदाबाद में भी उसी तर्ज पर मुआवजा दे। 

जबकि पलवल में एस.डी.एम ने नवंबर- 2020 में प्रत्येंक हिस्सेदार के 5.50 लाख रूपए मंजूर कर दिए है। दूसरी मांग किलोमीटर की दूरी से मुआवजा देना।  रेलवे द्वारा अंडरपास पुल की चौड़ाई कम रखी गई और डिमारकेशन के निशान किसानो की जमीन में लगाए गए है। वही अजरौंदा के किसानो को मुआबजे की मांगो को लेकर एक महीना हो गया धरना देते हुए। उन्होंने भी अमर सिंह मालिक व नरवीर तेवतिया के नेतृत्व  में मुआबजे की मांगो को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन दिया।  तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान नेताओ सत्यपाल नरवत, नवल सिंह, सहीराम रावत, गिर्राज जाटोला, अमर सिंह दलाल , बबलू हुडा, वीरेंदर डंगवाल (सीटू नेता) ,अशोक कुमार (कर्मचारी नेता) ने कहा कि  केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को माध्यम बनवाकर कानूनों को वापिस लिए बगैर आंदोलन को ख़त्म करना चाहती है।  सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों पर रोक लगाकर अच्छा कार्य किया है।  लेकिन जो समिति बनाई गई है वे चारो सदस्य पहले ही किसी न किसी रूप में इन कानूनों का समर्थन कर चुके है।

 तो उनसे किसी प्रकार की उम्मीद नहीं की जा सकती है और सरकार जानबूझ कर इस मामले को उलझा रही है,किसानो की परीक्षा ले रही है। किसान संघठनो ने समिति बनाने की कोई मांग नहीं की थी।  सरकार के इस रवैये को लेकर किसानो में भारी गुस्सा है। जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। आज के विरोध प्रदर्शन और कानून की प्रतिया जलाने के आंदोलन में विभिन गाँवों से किसान सम्मलित हुए। मुख्य रूप से खेड़ी कलां से गोविन्द , प्रकाश चंद, मंगलीराम , घूरेलाल ,रामकिशन , नीमका से राजवीर नगर, संजीव नगर, सद्पुरा से शिवकुमार शर्मा, लखपत दयालपुर से रविंदर, मनवीर , मास्टर महावीर, अनिल, बुखारपुर से नरेशपाल ,राम नारायण, फरीदपुर से राज सिंह, सुरेंदर, दयाराम तंवर पृथला, रणवीर सिंह फफूंडा, ईश्वर सिंह चौहान लालपुर, कपिल चौहान महातपुर, राजीव रंजन त्यागी करनेरा, नाहरसिंह धारीवाल, देवीसिंह लाम्बा जवां से, बाबू बोहरा जाजरू, लालसिंह अजरौंदा, भूपसिंह मिर्जापुर आदि ने भाग लिया। 

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