अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
सलमान खुर्शीद, दिग्विजय सिंह, कुमारी शैलजा, के. राजू और गुरदीप सप्पल ने आज मीडिया सेंटर, उदयपुर में मीडिया को संबोधित किया। सलमान खुर्शीद ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा आप सभी बंधुओं को मेरा नमस्कार, आदाब आप सबको, यहाँ आने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। हमारे साथी कई दिन से लगे हैं आपकी सेवा में और आपके साथ संपर्क बनाए रहने में, मैं उनका भी आभार प्रकट करता हूँ और मैं पूरे पैनल की ओर से जो सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण का पैनल है, हम लोगों को बड़ा सहयोग मिला है, सब साथियों का। कुछ साथी अभी भी वहीं पैनल में हैं, ताकि वहाँ के कार्यक्रम में कोई बाधा न आए और हम आपके बीच में आ गए, ताकि हम आपसे कुछ चर्चा कर सकें।
मुख्यतया, ये मैं कहना चाहूंगा कि हमारा सौभाग्य है कि ये एक ऐतिहासिक मोड़ पर हमारा ये शिविर हो रहा है – नव संकल्प शिविर, लेकिन विशेषतः जो हमारा पैनल है, जो सशक्तिकरण का पैनल है, उसका ये मानकर चलिए कि उसमें पहली बार ऐसा हो रहा है कि चार मुख्य विभाग हमारे एआईसीसी के, उन चारों को सम्मिलित करके, इकट्ठा करके राजू जी ने अगुवाई की है और वो चारों आज सबके अध्यक्ष हमारे बीच में मौजूद रहे हैं, और उनके बहुत दूरगामी सुझाव आज आए हैं।
प्रयास हमारा ये रहा है कि जितने पूर्व आपने सुने, वो पूर्व समाप्त हो जाएं और आने वाले समय में ये शब्द पूर्व हम कम सुनें, ऐसा हमारा प्रयास है, लेकिन पार्टी की ओर से हमने क्या चाहा है कि अगर कहीं पर कोई प्रश्न बन गए हैं पिछले कुछ वर्षों में, क्योंकि बहुत तेजी से गतिविधियाँ इस देश में बढ़ रही थी और कहीं पर अगर कोई अनिश्चितता है, तो उसको हम दूर कर सकें और बहुत मजबूती के साथ धरातल पर बहुत मजबूती के साथ हम पार्टी को सशक्त रुप से उतारें, ताकि एक बार फिर हम घर-घर और मन-मन में जाकर बस सकें।
ये हमारा प्रयास है और जाहिर है कि 2024 एक लक्ष्य रहेगा, उससे पहले भी चुनाव हैं। लेकिन सिर्फ 2024 का लक्ष्य नहीं, बल्कि आज से ही, कल वर्किंग कमेटी अपनी ओर से जो भी प्रस्ताव हमारे सभी पैनल की ओर से जा रहे हैं, उन पर अपनी मोहर लगाएगी कल वर्किंग कमेटी और फिर उसके बाद भी आपके सामने हमारे नेतागण आएंगे, आपको पूरी बात समझाएंगे। तब तक के लिए मैं इतना कह दूं कि बहुत दिलचस्प बातें हुई हैं, बहुत दूरगामी बातें हुई हैं। बहुत गंभीरता से एनालिसिस हुआ है। हर विषय पर, हर पहलू पर जिसमें आप ये मान कर चलें कि सशक्तिकरण के जितने पहलू हो सकते हैं, जो रोजगार के संबंध में हैं, जो सम्मान और पहचान के संबंध में हैं, जो भागीदारी के संबंध में हैं, जो अपनी आवाज कहाँ-कहाँ से, किस-किस प्लेटफार्म से उठाई जा सके और वो आवाज प्रभावी रुप से पहुंचे और लोग ये विश्वास करें और उनको हम विश्वास दिला सकें कि हम जो कह रहे हैं और हम जो कर रहे हैं, उसको आप करीब से देखते जाइए। आपको करनी और कथनी में कहीं कोई अंतर नहीं मिलेगा।
एक बड़ी लड़ाई है, विचारधारा की एक बड़ी लड़ाई है आज हमारे देश में और उस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाना, उसको उस जगह तक पहुंचाना जहाँ पर हम ये कह सकेंगे कि अंतत: जीत हमारी होनी थी, हुई है। हम लोग कामयाब हो गए हैं। हम उसके लिए अपने आपको डेडिकेट कर रहे हैं और जितने लोग आज हमारे करीब 70 लोगों ने भाग लिया है, हमारे पैनल में, जो अन्य पैनल में भी तकरीबन उतने ही लोग रहे हैं, लेकिन मैं बहुत और मैं मानता हूं, हम सब ये कह सकते हैं कि बहुत इम्प्रेस्ड हुए हैं। हम पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। कितनी संवेदनशीलता के साथ, गंभीरता के साथ, सूझबूझ के साथ और डेडिकेशन के साथ पूरे समर्थन के साथ लोगों ने बात की है। हमने तकरीबन साढ़े सात बजे तक कार्यक्रम अपना चलाया था। आज भी मुझे लगता है कि हम साढ़े सात बजे तक चलाएंगे।राजू जी ने हर चीज विस्तार से नोट की है और वो प्रस्ताव राजू जी ने तैयार किए हैं, जो कल वर्किंग कमेटी के सामने पहुंचेंगे। मैं राजू जी से निवेदन करूंगा कि वो और थोड़ा सा विस्तार से आप लोगों को ब्रीफ कर सकें।