अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा – नमस्कार। जैसे आप सब जानते हैं, आज हमारे जो अपोजिशन के सस्पेंडेड एमपीज़ हैं, उनके सस्पेंशन को 14 दिन हो गए हैं। हाउस में जिन चीजों के बारे में अपोजिशन डिबेट करना चाहती है, वो डिबेट सरकार नहीं होने देती है और जहाँ भी अपोजिशन अपनी आवाज उठाने की कोशिश करती है, तो धमका कर, डरा कर उनको सस्पेंड करके सरकार काम करती है। ये लोकतंत्र की हत्या है। पार्लियामेंट हाउस में डिस्कशन होना चाहिए, सब मुद्दों पर डिस्कशन होना चाहिए, मगर जो डिस्कशन हम करना चाहते हैं, वो हमें करने नहीं दिया जाता है। सरकार के ऊपर हम सवाल उठाना चाहें, तो सरकार सवाल उठाने नहीं देती है। तीन-चार ऐसे मुद्दें हैं, जो सरकार, मतलब, नाम तक नहीं लेने देती है।
तो ये सही तरीका नहीं है, प्रधानमंत्री जी हाउस में नहीं आते हैं, 13 दिन हो गए प्रधानमंत्री हाउस में नहीं आते। ये कोई लोकतांत्रिक तरीका नहीं है।
Rahul Gandhi said- We have here our suspended members (Pointing towards suspended MPs). This is the symbol of the democracy of this country. This is the symbol of the crushing of the voice of the people of India. They have been suspended now for two weeks. They are sitting outside. Their voice has been crushed. They have done nothing wrong.
We are not allowed to discuss important issues in Parliament. We are not allowed to debate things in Parliament. Bill after bill, bill after bill is just passed in the din. This is not the way to run the Parliament. The Prime Minister doesn’t come to the house and any time we want to raise an issue of national importance, we are just not allowed to do so. It is very unfortunate; it is killing of democracy, that is taking place.
एक प्रश्न पर कि आप लखीमपुर खीरी भी गए थे, ये मसला आप संसद में उठाना चाहते थे, अब एसआईटी की रिपोर्ट आई है कि ये सोची समझी साजिश थी, राहुल गाँधी ने कहा कि वो तो हमने पहले ही कह दिया था कि एक मंत्री ने किसानों को मारने का काम किया है। प्रधानमंत्री जानते हैं, उनके साथ उनकी टीम में हैं। हमने कहा उस समय भी डिस्कशन नहीं होने दिया, जैसे इनको चुप किया है, वैसे ही उस समय भी हम सबको चुप किया था। हम यहाँ भी आए थे, हमने कहा था कि देखिए चर्चा करने दीजिए। सच्चाई सबको मालूम है। सच्चाई ये है कि किसानों के खिलाफ दो-तीन बड़े पूंजीपति खड़े हैं। नरेन्द्र मोदी जी आगे हैं। मैं अभी सोच रहा था इनको राज्यसभा ने नहीं निकाला है, इनको प्रधानमंत्री ने भी नहीं निकाला है, इनको उस शक्ति ने निकाला है, जो किसान की कमाई और किसान की आमदनी चोरी करना चाहती है। इसलिए यहाँ बैठे हैं। प्रधानमंत्री इम्पलिमेंटर हैं, चीफ इम्पिलमेंटर हैं जैसे हिंदू धर्म में शक्ति होती है, हर व्यक्ति के पीछे शक्ति होती है। दुर्गा की शक्ति होती है, लक्ष्मी की शक्ति होती है, वैसे ही ये पूंजीपतियों की शक्ति हैं, वो मुखौटा है। आप प्रधानमंत्री को देखते हैं, कल आपने देखा गंगा जी में जाकर स्नान किया। वो उन ताकतों का इम्पलिमेंटर है और सिंपल सी बात है, ये ताकतें, जिन्होंने इनको निकाला, जो किसान की आमदनी चोरी करना चाहती हैं, वो प्रधानमंत्री को ये जो सारे कैमरे हैं, ये जो मीडिया है, ये उनके हवाले करती हैं। ये उनको देती हैं। ये ताकतें कहती हैं, देखिए, मीडिया में किसी और का चेहरा नहीं आएगा, किसी और नेता का चेहरा नहीं आएगा, बस आपका ही चेहरा आएगा। गंगा में कोई भी स्नान कर ले, वो टीवी पर नहीं आ सकता। मगर जब प्रधानमंत्री गंगा में स्नान करेंगे, पूरा हिंदुस्तान देखेगा, उन्हें। क्योंकि एक प्रधानमंत्री के पीछे पूंजीपतियों की दो-तीन शक्ति हैं और उन्होंने मीडिया को कैप्चर कर रखा है और उन्होंने इन लोगों को, जो जनता की आवाज है, उनको पार्लियामेंट से बाहर निकाल कर गांधी स्टेचू के पास बैठा दिया है। ये सच्चाई है और देश को एवं किसानों को ये सच्चाई पहचाननी पड़ेगी। एक अन्य प्रश्न पर कि लखीमपुर का मुद्दा क्या आप पार्लियामेंट में उठाएंगे? राहुल गांधी ने कहा कि पार्लियामेंट में उठाएंगे, पर ये उठाने नहीं देंगे। ‘हम दो – हमारे दो’ उठाने नहीं देंगे। 4 लोग उठाने नहीं देंगे। (सांसदों की तरफ इशारा करते हुए कहा) इनको बाहर कर देंगे। लखीमपुर खीरी पर डिस्कशन नहीं होगा, चीन पर डिस्कशन नहीं होगा, किसानों पर डिस्कशन नहीं होगा, नहीं हो सकता। कैसे होगा, इसका क्या मतलब है- कोई मतलब नहीं है। (संसद भवन की तरफ इशारा करते हुए कहा) ये तो अब बिल्डिंग है, म्यूजियम है। ये म्यूजियम है अब। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और उनके बेटे के संदर्भ में पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री राहुल गांधी ने कहा कि जब इन्होंने अपनी जीप किसानों के ऊपर चलाई, इनके पीछे कौन सी शक्ति थी? छूट किसने दी? किस शक्ति ने, उनको कितने दिन हो गए, किस शक्ति ने उनको जेल से बाहर रखा आज तक, कौन सी शक्ति है – वही शक्ति है, जिसने इनको निकाला है।