अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी अभियान के तहत हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो ने इस वर्ष बीते 6 माह के दौरान 71 आपराधिक मामलों में 83 सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। साथ ही 8 निजी व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया है जिससे राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तारियों की संख्या 91 हो गई हैै।राज्य सतर्कता ब्यूरो के प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के परिणामस्वरूप 1 जनवरी से 30 जून, 2022 तक 10 राजपत्रित अधिकारियों और 73 अराजपत्रित अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है। औसतन हर महीने भ्रष्टाचार के आरोप में 15 लोक सेवकों की गिरफ्तारी हो रही है।
ब्यूरो द्वारा इस अवधि में की गई रेड का उल्लेख करते हुए उन्होंने खुलासा किया कि रिश्वतखोरी में पकड़े गए आरोपियों में 23 पुलिस विभाग, 18 राजस्व विभाग, बिजली निगमों के 15, शहरी स्थानीय निकायों के 8, आबकारी एवं कराधान और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के 3-3, परिवहन, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले तथा खनन विभाग के 2-2 अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। ब्यूरो ने इन्हें अलग-अलग मामलों में 5000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की रिश्वत लेते रंगे हाथ काबू किया। उच्च पदस्थ अधिकारियों की गिरफ्तारी पर प्रकाश डालते हुए प्रवक्ता ने बताया कि इस अवधि में जहां शहरी स्थानीय निकाय विभाग के दो मुख्य अभियंताओं को सार्वजनिक धन की हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है वहीं एक एचसीएस अधिकारी को ट्रैप केस की जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया है। एक जिला टाउन प्लानर को 5,00,000 रिश्वत रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया और साथ ही सह आरोपी तहसीलदार को भी गिरफ्तार किया गया।
नगर निगम के एक अधीक्षण अभियंता को 50,000 रुपये रिश्वत लेते हुए काबू किया गया, एक उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त को 50,000 रुपये लेते, एक जिला बागवानी अधिकारी को 30,000 रुपये लेते हुए, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (बागवानी) के एक कार्यकारी अभियंता को 30000 रुपये लेते हुए, म्युनिसिपल कमेटी के एक कार्यकारी अभियंता को, दो एसडीओ को 28,000 रुपये रिश्वत लेते, एक जिला अटॉर्नी को 2,500 रुपये लेते हुए, नायब तहसीलदार को 14000 रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए, एक बिल्डिंग इंस्पेक्टर को 5,00,000 रुपये की रिश्वत के साथ, एक सहायक उप निरीक्षक को 4,00,000 रुपये की रिश्वत लेते, एक कराधान निरीक्षक को 2,00,000 रुपये की घूस सहित और गुजरात पुलिस के एक पुलिस इंस्पेक्टर को 2,00,000 रुपये की रिश्वत लेते गुरुग्राम में रंगे हाथ काबू किया गया। इसके अतिरिक्त, 6 कनिष्ठ अभियंता, 10 पटवारी, एक कराधान इंस्पेक्टर, एक पुलिस इंस्पेक्टर, 8 पुलिस उप निरीक्षक और सात सहायक उप निरीक्षक भी इस दौरान रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचे गए।
रिश्वत पर चुप न बैठें
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सतर्कता ब्यूरो भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान को तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है और रिश्वतखोरी के सभी मामलों से सख्ती से निपटा जा रहा है। आने वाले दिनों में और तेजी से शिकंजा कसने के लिए कार्रवाई की जाएगी। ब्यूरो ने लोगों से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने और अपने टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-180-2022 और 1064 पर रिश्वत की शिकायतों की रिपोर्ट करने का भी आग्रह किया।