संवाददाता : पैरा एथलीटों ने 2016 रियो ओलंपिक में भारत के लिए 4 स्वर्ण पदक जीता है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में देश का गौरव बढ़ाया है। रियो ओलंपिक 2016 के स्वर्ण पदक विजेता पैरा एथलीट श्री देवेन्द्र झंझारिया ने प्रधानमंत्री से मुलाकात में भारत में विश्व स्तरीय पैरा एथलीट प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने की इच्छा व्यक्त की थी। युवा मामले एवं खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल ने पहल करते हुए गुजरात के गांधीनगर के साई (एसएआई) में पैरा एथलीटों के लिए पहले प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने हेतु मंजूरी दे दी है। आज खेल मंत्री श्री विजय गोयल ने इसी प्रशिक्षण केन्द्र की गांधीनगर के सेक्टर-25 में आधारशिला रखी।
इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर खिलाड़ियों को किसी भी तरह की कोई समस्या हो तो वो मुझसे सीधे संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में उभरते खिलाड़ियों की पहचान करने के लिए एक प्रतिभा खोज पोर्टल जल्द ही शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकलांग खिलाड़ियों के इस उत्कृष्ट केन्द्र, जिसकी मैं आज आधारशिला रख रहा हूं, के जरिए पैरा एथलीट राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर अपने कौशल और प्रतिभा को प्रदर्शित कर सकेंगे।
इसके लिए केन्द्र सरकार ने अलग से 50 करोड़ रूपये का अनुमानित बजट रखा है। इस विश्व स्तरीय केन्द्र के जरिए पैरा एथलीट प्रशिक्षण लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं जैसे एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और ओलंपिक खेलों में देश का नाम आगे बढ़ा सकेंगे।यह केन्द्र अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति की मदद से पूरे वर्ष सेमिनारों, शैक्षणिक कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन करेगा।
इस केन्द्र में पैरा एथलीटों के लिए निम्नलिखित सुविधाएं होंगी—
- एनडॉर हॉल (64 मी x 42 मी) पूरी तरह वातानुकूलित
- अभिजात छात्रावास (100 विस्तरों वाला) पूरी तरह वातानुकूलित
- वीआईपी अतिथियों के लिए पूरी तरह वातानुकूलित निवास (20 लोगों के लिए)
- तैयारी करने के लिए खुला स्थान
पूरी परियोजना का कई विशेषज्ञों और सलाहकारों की मदद से भारतीय दंड संहिता के नियमों के अनुसार सीपीडब्ल्यूडी द्वारा निर्माण किया जाएगा।
इससे पहले दिन में श्री विजय गोयल ने साई प्रशिक्षण केन्द्र (पैरा) का साई एनएसडब्ल्यूसी गांधीनगर में उद्घाटन भी किया। एसटीसी पैरा प्रशिक्षण केन्द्र में 14 से 20 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं को निम्नलिखित खेल के क्षेत्रों में प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं प्रदान की जायेंगी।
- एथलेटिक्स (लड़कों व लड़कियों)
- तैराकी (लड़कों व लड़कियों)
- भारोत्तोलन (लड़कों व लड़कियों)
इसके लिए 50 (लड़कों व लड़कियों) का चयन किया गया है और इस योजना के लिए वार्षिक बजट 50 लाख रूपये रखा गया है; सभी चयनित पैरा एथलीटों को अभिजात (एलिट) छात्रावास में रखा जायेगा। साई कैम्पस गांधीनगर में पैरा एथलीटों को निम्नलिखित अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी–
- एथलेटिक्स – सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक
- तैराकी- अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्विमिंग पूल
- भारोत्तोलन- विश्व स्तरीय उपकरणों से युक्त आधुनिक फिटनेस केन्द्र
- प्रत्येक क्षेत्र के लिए योग्य कोच
रहने के लिए स्थान, खेल के सामान का किट, प्रतियोगी प्रदर्शन, चिकित्सा बीमा योजना आदि सुविधाएं एसटीसी योजना के तहत प्रदान की जायेंगी। चयन के लिए ट्रायल 3 और 4 फरवरी को किया गया और कुछ संभावित खिलाड़ियों का चयन भी किया गया जो परीक्षा पूरा होने के बाद केंद्र में शामिल किये जायेंगे। इस अवसर पर कई गणमान्य लोगों, खिलाड़ियों और कोचों जैसे अर्जुन पुरस्कार विजेता श्री देवेन्द्र झंझारिया, श्री विजय मुनेश्वर, द्रोणाचार्य पुरस्कार (एथलेटिक्स) श्री आर डी सिंह, खेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और साई (एसएआई) के भी प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।