Athrav – Online News Portal
गुडगाँव

जम्मू- कश्मीर के डोडा में बलिदान हुए विकास का पैतृक गांव दोहला में राजकीय व सैनिक सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार



अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
गुरुग्राम:जम्मू- कश्मीर के डोडा क्षेत्र में बलिदान हुए जिला गुरुग्राम के गांव दोहला निवासी विकास राघव का आज उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय व सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि विकास राघव का शुक्रवार 23 अगस्त को डोडा क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान निधन हो गया था। बलिदानी विकास राघव का पार्थिव शरीर शनिवार को विशेष विमान से जम्मू- कश्मीर से दिल्ली लाया गया। जहां से सड़क मार्ग से सेना के विशेष वाहन में गुरूग्राम से लगभग 25 किलोमीटर दूर उनके पैतृक गांव दोहला पहुंचा। रास्ते में पड़ने वाले गांवों में सैंकड़ो लोगों ने बलिदानी के पार्थिव शरीर को ले जा रहे वाहन पर पुष्प वर्षा करके उनकी शहादत को नमन किया।
 
पैतृक गांव दोहला पहुँचने पर युवाओं तथा लोगों ने गर्मजोशी के साथ नारे लगाए और पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा की। राजकीय व सैनिक सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार में सोहना के नायब तहसीलदार सुरेश कुमार ने विकास राघव के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। आज 24 अगस्त को दोपहर बाद गांव पहुंचे बलिदानी विकास राघव के पार्थिव शरीर को सर्वप्रथम उनके निवास पर ले जाया गया, जहां भारी संख्या में मौजूद ग्रामीण व आसपास के क्षेत्र के नागरिकों ने मां भारती की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले नायक को नम आंखों से विदाई दी।  राजकीय व सैनिक सम्मान के साथ गांव के पास स्थित अंत्येष्टि स्थल पर शहीद जवान का अंतिम संस्कार कराया गया। बलिदानी विकास राघव को उनके पिता ने उन्हें मुखाग्नि दी तो गांव के लोगों की आंखें नम हो गईं। इस दौरान खेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय सिंह, पूर्व सांसद सुखबीर जौनपुरिया, पूर्व विधायक तेजपाल तंवर सहित सेना, पुलिस और जिला प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी, गांव दोहला व आसपास के क्षेत्र नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

बॉक्स में
गांव दौहला में सूरज राघव के घर सबसे छोटी संतान के रूप में जन्मे विकास राघव दादा छोटू सिंह से मिली राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा से पांच साल पहले मात्र 19 वर्ष को आयु में मां भारती की रक्षा करने के लिए 2 राजपूत रेजिमेंट में फतेहगढ़ सेंटर से भर्ती हुए थे। फिलहाल 10 राइफल रेजिमेंट (आरआर) में जम्मू के डोडा में तैनात थे। उनके परिवार में एक बड़ा भाई और एक बड़ी बहन है। जिनकी शादी हो चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विकास राघव की एक महीना पहले ही सगाई की रस्म अदा की गई थी। 17 नवंबर को उनकी शादी तय की गई थी लेकिन शादी से पहले ही उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।

Related posts

भारतीय मजदूर संघ के जिला कार्यालय डाकखाना चौक के पास मासिक बैठक का आयोजन किया गया

Ajit Sinha

नए साल -2022 में एक -एक बच्चों को वैक्सीन लगवा कर ही दम लेंगे: आईएपी के सेक्रेटरी और चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. अभिषेक गोयल

Ajit Sinha

हरियाणा के युवाओं के लिए भारतीय वायु सेना में अग्निवीर वायु के रूप में सेवा करने का सुनहरा मौका

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x