अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: आज मुंसिपल कॉरपोरेशन गुरुग्राम ने डीसी की अध्यक्षता में बनवारी में बनने वाले वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को 15MW से बढ़कर 25MW कैपेसिटी के लिए जनसुनवाई रखी थी। बारिश के बावजूद बनवारी गांव से और गुड़गांव शहर से120 से अधिक आम लोग वहां पहुंचे। डॉ. सारिका वर्मा ने अधिकारियों से कहा कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भारत में जहां भी लगा है वहां फेल हुआ है। ओखला प्लांट को हाल ही में हवा प्रदूषित करने के लिए 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। बनवारी में जो करोड़ों टन मिक्स कूड़ा पहाड़ बनकर खड़ा है उसे वेस्ट टू एनर्जी प्लांट मैं जलाने से गुड़गांव की हवा और भी ज्यादा प्रदूषित हो जाएगी। वैसे भी गुडगांव को भारत का सबसे प्रदूषित शहर का खिताब कई साल मिल चुका है। प्रदूषित हवा से अस्थमा , ब्रोंकाइटिस , एलर्जी , कैंसर , मानसिक रोग जैसी बीमारियां बढ़ती हैं।
यहां तक की मां के पेट में पलता शिशु भी प्रदूषित हवा का शिकार बन जाता है। हमारी गुजारिश है अधिकारियों से कि हर सेक्टर में वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट बनाए जाएं, जहां कंपोस्टिंग, प्लास्टिक और कागज की रीसाइक्लिंग, ई वेस्ट कलेक्शन पॉइंट बनाए जाएं और केवल नॉन रीसाइकिलेबल वेस्ट ही बनवारी पहुंचे। जिस तरह पिछले 3 सालों से इको ग्रीन सूखा और गीला कूड़ा पूरे गुड़गांव शहर का बनवारी में डाल रही है उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। आज तक एमसीजी ने ई वेस्ट कलेक्शन प्वाइंट क्यों नहीं बनाए है? पैसे बनाने के बहुत और तरीके हैं , हम निवेदन करेंगे सरकार से की वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बिल्कुल ही विफल टेक्नोलॉजी है और अगर यह बन गया दो गुड़गांव के लोगों के स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाएगी। सेक्टर -30 की मलीहा आलवी ने कहा विकसित देशों में हरियाली और हवा को इतना महत्व मिलता है और हमारे देश में इतना टैक्स भरने के बाद इंसान को साफ हवा भी नहीं मिल पाती। अपने बच्चों को साफ पानी तो खरीद कर दे सकते हैं पर साफ हवा खरीदने की क्षमता किसी के पास भी नहीं है। चंद्रमौली बासु ने कहा हमारे देखते-देखते पूरी अरावली पर्वतमाला जो गुड़गांव और फरीदाबाद इलाके में है उसका कभी अवैध निर्माण, कभी माइनिंग और कभी कूड़े के जरिए लगातार खनन हो रहा है। मानगर गांव के सुनील हरसाना ने कहा कि 15 साल पहले जब बनवारी में कूड़ा डालना शुरू हुआ था तब हमें कहा गया था कि आपको नौकरियां मिलेगी और आपकी सेहत को कोई नुकसान नहीं होगा। बनवारी गांव में कितने लोगों को कैंसर हो चुका है, लीचेट का जहरीला पानी पीकर पशु पक्षी मर जाते हैं। अधिकारी वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाकर चले जाएंगे लेकिन उसका सारा असर यहां के रहने वालों की सेहत पर होगा। हमें यहां वेस्ट टू एनर्जी प्लांट नहीं चाहिए।
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