अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
दिल्ली में ऑटो ड्राइवर सरबजीत की पिटाई के मामले पर कोहराम मचा है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया है, लेकिन सिख सुमदाय बाकी पुलिस वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहा है. बीती रात तीन बजे तक प्रदर्शनकारी थाने के सामने डटे रहे.16 जून के बाद 17 जून की रात भी उनका प्रदर्शन जारी रहा.देर रात 12 बजे सिख समुदाय का एक डेलिगेशन पुलिस के आला अधिकारियों से मिला, जिसने पुलिस के सामने मांग रखी कि ड्राइवर सरबजीत के खिलाफ हत्या के प्रयास की जो धारा 307 लगाई गई है उसे हटाया जाए. दिल्ली पुलिस ने थाना मुखर्जी नगर के क्षेत्र में रविवार हुई घटना के संबंध में क्रॉस मामले दर्ज किए हैं। ड्यूटी पर रहते हुए घायल होने वाले पुलिसकर्मी के बयान के आधार पर, ग्रामीण सेवा के चालक सरबजीत सिंह के खिलाफ तलवार के इस्तेमाल से मारपीट करने के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, और दूसरा मामला सरबजीत सिंह की शिकायत पर कुछ कथित ज्यादती के लिए दर्ज किया गया है। बाद में प्रतिबद्ध जो एक वीडियो में भी देखा जा सकता है। दोनों मामलों को कानून के प्रावधानों के तहत हमला और बल प्रयोग से संबंधित शिकायतों के अनुसार दर्ज किया गया है। स्वतंत्र जांच के लिए, मामलों को अपराध शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया है।
साथ ही वीडियो में नज़र आ रहे सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया जाए.देर रात तक थाने के बाहर इकट्ठा प्रदर्शनकारी बारिश के बावजूद भी डटे रहे. रात के 3 बजते-बजते हालात थोड़े सामान्य होते नजर आए. प्रदर्शनकारी अपने घरों की तरफ वापस जाते दिखे,लेकिन पुलिस अधिकारी कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर कुछ दूर लगातार बैठक करते रहे.इससे पहले, शाम को माहौल बेहद तनावपूर्ण बना हुआ था. सिख प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने पहुंचे बीजेपी के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ धक्का-मुक्की हुई. बीजेपी के टिकट पर जीते अकाली दल के नेता सिरसा 4 लोगों के साथ थाने में बातचीत करके आए थे.वो लोगों को समझा रहे थे कि जांच निष्पक्ष होगी, लेकिन भीड़ उत्तेजित हो गई और धक्का-मुक्की पर उतर आई.सिरसा ने उन्हें बताया कि न तो ऑटो ड्राइवर सरबजीत के खिलाफ ना ही पुलिस वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है.दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की है.एक एफआईआर सरबजीत के खिलाफ हमले का शिकार हुए एएसआई योगराज की ओर दर्ज कराई गई है, जबकि दूसरी एफआईआर सरबजीत और उसके नाबालिग बेटे पर पुलिस की बर्बरता को लेकर दर्ज की गई है. इससे पहले 16 जून की रात को उग्र प्रदर्शन कारियों की भीड़ ने मुखर्जी नगर थाने का घेराव किया था.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस की वैन में तोड़-फोड़ की थी. वहीं लोगों को समझाने आए एसीपी के जी त्यागी को भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ा और वो जैसे-तैसे जान बचाकर भागे. एक मामूली कहासुनी से शुरु हुए झगड़े ने दिल्ली में बड़ा बखेड़ा शुरु कर दिया है जिसे शांत करने में दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.मनीष कुमार अग्रवाल, जॉइंट कमिश्नर पुलिस ने नॉर्दर्न रेंज इस मामले की विस्तृत तथ्य-जांच कर रहे हैं। उनके प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर, स्थिति को संभालने के उनके गैर-जिम्मेदाराना आचरण के लिए 2 एएसआई सहित तीन पुलिस कर्मियों को पहले ही निलंबन के तहत रखा गया है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर, आगे की आवश्यक कार्रवाई, वारंट के रूप में की जाएगी। यह दोहराया जाता है कि दिल्ली पुलिस किसी भी गैर-लाभकारी आचरण के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति का पालन करती है या आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करते हुए या भीड़ नियंत्रण की स्थिति को संभालने के दौरान भी किसी भी तरह की अनावश्यक ज्यादती करती है।