अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा : संतान की चाह में आईवीएफ क्रिएशन वर्ल्ड सेंटर में इलाज कराने गई महिला की हुई मौत के मामले में कोतवाली बिसरख पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि डॉक्टर की एमबीबीएस की डिग्री फर्जी है और फर्जी डिग्री के आधार पर आरोपी आईवीएफ सेंटर चला रहा था।
पुलिस के गिरफ्त में खडा आरोपी प्रियरंजन ठाकुर इको विलेज-2 में आईवीएफ क्रिएशन वर्ल्ड के नाम से सेंटर चला रहा था जहाँ पर गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी चंद्रभान की पत्नी ललिता पिछले दो माह से प्रेगनेंसी के लिए इलाज करा रही थी। गत 19 अगस्त को इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही व इमरजेंसी सेवाओं के अभाव के कारण ललिता कोमा में चली गई थी।
चंद्रभान ने उपचार के लिए अपनी पत्नी ललिता को यथार्थ अस्पताल में भर्ती कराया था। चंद्रभान ने आरोप लगाया था कि एनेस्थीसिया की अधिक डोज देने के कारण उनकी पत्नी कोमा में गई है। इस संबंध में उन्होंने जिले के सीएमओ व थाना बिसरख से पुलिस ने शिकायत की थी। गत 26 अगस्त को यथार्थ अस्पताल में उपचार के दौरान ललिता की मौत हो गई थी। इसके बाद थाने में दर्ज मुकदमे में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 की बढ़ोतरी की गई।
डीसीपी नोएडा सेंट्रल राजेश एस ने बताया कि जांच पड़ताल के दौरान आईवीएफ सेंटर के चिकित्सक प्रियरंजन ठाकुर ने उपलब्ध कराए शिक्षा दास्तावेज में वर्ष 2005 की एमबीबीएस की डिग्री उपलब्ध कराई थी। यह डिग्री भूपेंद्र नारायण यूनिवर्सिटी लालू नगर मधेपुरा बिहार से जारी की गई थी। उक्त संस्थान से प्रियरंजन ठाकुर द्वारा उपलब्ध कराई गई एमबीबीएस की डिग्री की जांच कराई गई तो यह डिग्री फर्जी पाई गई। संस्थान ने स्पष्ट कहा कि उनके यहां से यह डिग्री जारी नहीं हुई है। डीसीपी नोएडा सेंट्रल ने बताया कि जांच पड़ताल में प्रपत्र फर्जी पाए जाने पर प्रियंरजन ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने व इलाज में लापरवाही बरतने सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा गया है।
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